
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के बडगाम और नगरोटा में उपचुनाव की घोषणा जल्द होने की संभावना है। चुनाव आयोग ने पर्यवेक्षकों की तैनाती कर दी है। बिहार चुनाव और अन्य राज्यों के उपचुनावों के लिए कुल 470 अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। जम्मू-कश्मीर में उमर अब्दुल्ला द्वारा छोड़ी गई बडगाम सीट और देवेंद्र सिंह राणा के निधन से खाली हुई नगरोटा सीट पर चुनाव होना है।
जम्मू-कश्मीर के बडगाम और नगरोटा विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव की घोषणा जल्द होने वाली है। भारतीय चुनाव आयोग ने इन दोनों रिक्त सीटों के लिए पर्यवेक्षकों की तैनाती कर दी है, जिससे यह संकेत मिल रहा है कि चुनाव कार्यक्रम की घोषणा निकट भविष्य में की जाएगी। भारतीय चुनाव आयोग की तरफ से जारी की गई विज्ञप्ति के अनुसार बिहार विधानसभा चुनाव और विभिन्न राज्यों में होने वाले उपचुनावों के लिए कुल 470 अधिकारियों को पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया गया है।
इनमें 320 आइएएस, 60 आइपीएस और 90 अन्य केंद्रीय सेवाओं आइआरएस, आइआरएएस, आइसीएएड आदि से होंगे। जम्मू-कश्मीर में बडगाम और नगरोटा के अलावा, राजस्थान झारखंड (घाटशिला), तेलंगाना (जुबली हिल्स), पंजाब (तरनतारण), मिजोरम (डमपा), और ओडिशा (नुआपाड़ा) सीटों पर भी उपचुनाव होंगे। बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में होने की उम्मीद है। इससे पहले, तीन सदस्यीय निर्वाचन आयोग, मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में बिहार का दौरा करेगा। आयोग द्वारा सभी प्रवेक्षकों के लिए 3 अक्टूबर को नई दिल्ली में एक ब्रीफिंग आयोजित की जाएगी।
प्रवेक्षक भारतीय चुनाव आयोग के नियंत्रण, अनुशासन व निगरानी में कार्य करेंगे। पर्यवेक्षकों की जिम्मेदारी निष्पक्ष, पारदर्शी, समावेशी चुनाव करवाना ही नहीं बल्कि मतदाताओं को अपने मताधिकार के प्रति जागरूक करना भी होगा। बताते चलें कि जम्मू कश्मीर में उमर अब्दुल्ला ने विधानसभा चुनाव में दो सीटों पर चुनाव लड़ा था जिसमें वह बडगाम व गांदरबल दोनों सीटों पर विजय हो गए थे। उन्होंने बडगाम सीट को छोड़ दिया था। इस सीट के अब उपचुनाव होना है। वहीं जम्मू संभाग की नगरोटा विधानसभा सीट से विजयी रहे उम्मीदवार भाजपा के देवेंद्र सिंह राणा का निधन हो गया था। जिसके बाद यह सीट खाली हो गई है।
राजनीतिक समीकरणों की बात करें तो, नगरोटा सीट पर भारतीय जनता पार्टी और नेशनल कांफ्रेंस के बीच सीधा मुकाबला होने की संभावना है। वहीं बडगाम में मुकाबला त्रिकोणीय होने की उम्मीद है, जिसमें नेकां पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और पीपुल्स एलायंस फॉर चेंज (जिसमें पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट, और जस्टिस एंड डेवलपमेंट फ्रंट शामिल हैं) आमने-सामने हो सकते हैं। निर्वाचन आयोग की सक्रियता और राजनीतिक दलों की तैयारियों को देखते हुए, आने वाले दिनों में जम्मू-कश्मीर की राजनीति में नई हलचल देखने को मिल सकती है।
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