भरतपुर रेंज आईजी की साइबर टीम 400 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी के मामले में बेंगलुरु एयरपोर्ट से फरार हुए इंजीनियर भतीजे शशिकांत सिंह की तलाश कर रही है। आरोपी भतीजे शशिकांत को अपने चाचा के पुलिस द्वारा पकड़े जाने की सूचना मिल गई थी, उसने एयरपोर्ट पहुंचने से पहले ही अपना मोबाइल बंद कर लिया और फरार हो गया।
रेंज आईजी राहुल प्रकाश ने बताया कि 400 करोड़ रुपए से अधिक की साइबर ठगी के तार दक्षिण भारत से भी जुड़े हो सकते हैं। गिरफ्तार गिरोह के सरगना रविंद्र सिंह ने पूछताछ में बताया कि उसने 'शिवा' नाम के व्यक्ति के निर्देश पर ठगी की थी, जो दक्षिण भारत का हो सकता है। हालांकि उसने शिवा के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी। तकनीकी टीम उसकी पहचान करने का प्रयास कर रही है। पुलिस ने बताया कि ठगी की रकम 1000 से 1500 करोड़ रुपए तक हो सकती है।
कागजों में डायरेक्टर, हकीकत में गरीब
आईजी राहुल प्रकाश ने बताया कि आरोपी चाचा रविंद्र सिंह और उसके भतीजे शशिकांत सिंह ने दंपती दिनेश और कुमकुम के नाम पर रुकानेक इंटरप्राइजेज, सी कृष्ण कुमार और सेल्वा कुमार के नाम पर सेल्वा कृष्णा आईटी सॉल्यूशन, रोशन बिहोर और वेंकटेश बल्लाया बदिलाकोंडा के नाम पर एसकेआरसी इन्फोटेक और भारतीदासन सुसराज और पुरुषोत्तम पलानीअप्पन के नाम पर नित्याश्री मेन पावर एंड कॉन्ट्रैक्ट वर्क्स जैसी कंपनियां खोली और उनमें ठगी की रकम जमा की। सभी कंपनियों के डायरेक्टर गरीब तबके के लोग हैं और वे गिरोह द्वारा हर महीने दी जाने वाली रकम से अपना गुजारा करते हैं।
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