देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान 13 नवंबर 2024 की रात हुए उपद्रव और आगजनी से जुड़े मामले में नरेश मीणा को बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने इस मामले में दर्ज नगरफोर्ट थाने की एफआईआर संख्या 167/24 में नरेश मीणा की जमानत याचिका मंजूर कर ली है। गौरतलब है कि पुलिस इस मामले में चालान पेश कर चुकी है। हाईकोर्ट ने कहा कि मामले की परिस्थितियों को देखते हुए याचिकाकर्ता को जमानत दी जा सकती है। इससे पहले उनकी जमानत याचिकाएं दो बार खारिज हो चुकी थीं। न्यायमूर्ति प्रवीर भटनागर की एकलपीठ ने जमानत याचिका पर सुनवाई की और आदेश जारी किए हैं। नरेश मीणा की यह तीसरी जमानत याचिका थी, जिस पर अब राहत मिली है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता फतेह राम मीणा ने कोर्ट में पैरवी की थी। अब जमानत मंजूर होने के बाद नरेश मीणा के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है।
क्या था पूरा मामला?
नवंबर 2024 में विधानसभा उपचुनाव होना था। इस दौरान देवली उनियारा विधानसभा में मतदान के दौरान समरावता गाँव के लोगों ने मतदान का बहिष्कार किया। नरेश मीणा ने भी ग्रामीणों का समर्थन किया। इस दौरान नरेश मीणा ने एसडीएम अमित चौधरी पर कुछ लोगों को जबरन वोट डालने का आरोप लगाते हुए उन्हें थप्पड़ मार दिया।
कई वाहनों में आग लगा दी गई
एसडीएम को थप्पड़ मारने के बाद नरेश मीणा वापस जाकर धरने पर बैठ गए। इसके बाद प्रदर्शनकारियों के वाहन रोकने को लेकर विवाद हो गया। पुलिस ने नरेश मीणा को हिरासत में ले लिया। जैसे ही मीणा के समर्थकों को इसकी जानकारी मिली, वे और भड़क गए। सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने नरेश मीणा को पुलिस हिरासत से छुड़ा लिया। इस दौरान पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया। ग्रामीणों पर पथराव करने का भी आरोप लगा। घटना के दौरान गाँव में कई वाहनों में आग लगा दी गई। इसके बाद अगले दिन पुलिस ने नरेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने ग्रामीणों के खिलाफ कार्रवाई भी की।
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