26 जून 2025 को आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि दोपहर 1:24 बजे तक रहेगी, उसके बाद द्वितीया तिथि शुरू हो जाएगी। नक्षत्र की बात करें तो आर्द्रा सुबह 8:46 बजे तक रहेगी, उसके बाद पुनर्वसु नक्षत्र शुरू हो जाएगा। ध्रुव योग रात 11:40 बजे तक रहेगा, उसके बाद व्याघात योग शुरू हो जाएगा। बव करण दोपहर 1:24 बजे तक रहेगा, उसके बाद बालव करण शुरू हो जाएगा। ग्रहों की स्थिति पर नजर डालें तो चंद्रमा, सूर्य और बृहस्पति मिथुन राशि में, बुध कर्क राशि में, मंगल और केतु सिंह राशि में, राहु कुंभ राशि में और शनि मीन राशि में रहेंगे। वैदिक ज्योतिष के अनुसार ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति और तिथि-योग के प्रभाव से यह दिन कुछ राशियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। प्रतिपदा तिथि नई शुरुआत के लिए शुभ है, लेकिन द्वितीया तिथि में स्थिरता की जरूरत होती है।
आर्द्रा नक्षत्र अस्थिरता और भावनात्मक उथल-पुथल लाता है, जबकि पुनर्वसु नक्षत्र शांति और रचनात्मकता देता है। ध्रुव योग स्थिरता प्रदान करता है, लेकिन व्याघात योग रात में तनाव और रुकावटें ला सकता है। बव और बालव करण कड़ी मेहनत और छोटी-मोटी बाधाओं का संकेत देते हैं। ग्रहों में मिथुन राशि में चंद्रमा, सूर्य और बृहस्पति संचार और बुद्धि को बढ़ाएंगे, लेकिन सिंह राशि में मंगल-केतु आक्रामकता और जोखिम बढ़ा सकते हैं। कुंभ राशि में राहु अचानक बदलाव बढ़ाएंगे और मीन राशि में शनि अनुशासन बढ़ाएंगे। आइए जानते हैं कि 26 जून 2025 का दिन किन राशियों के लिए अच्छा नहीं रहेगा और इसे बेहतर बनाने के लिए क्या उपाय करने चाहिए?
मेष राशि
मेष राशि के लिए चंद्रमा, सूर्य और बृहस्पति तीसरे भाव में रहेंगे, जो संचार में गलतफहमी या यात्रा में समस्या ला सकते हैं। सुबह आर्द्रा नक्षत्र की अस्थिरता आपको गलत बोलने या जल्दबाजी में निर्णय लेने के लिए प्रेरित कर सकती है। पांचवें भाव में मंगल-केतु रोमांटिक रिश्तों में तनाव या बच्चों से संबंधित चिंता पैदा कर सकते हैं। रात में व्याघात योग परियोजनाओं में बाधाएं लाएगा। उपाय: सुबह हनुमान मंदिर में लाल फूल चढ़ाएं और 108 बार 'ॐ हं हनुमते नमः' मंत्र का जाप करें।
वृषभ
वृषभ राशि वालों के लिए चंद्रमा, सूर्य और बृहस्पति दूसरे भाव में होंगे, जिससे धन संबंधी फैसले या परिवार में तनाव हो सकता है। सुबह आर्द्रा नक्षत्र आपको चिंता या फिजूलखर्ची की ओर ले जा सकता है। चौथे भाव में मंगल-केतु के होने से घरेलू माहौल में तनाव या मां के स्वास्थ्य को लेकर चिंता हो सकती है। रात में व्याघात योग आर्थिक योजनाओं में रुकावटें लाएगा। उपाय: सुबह गाय को हरा चारा खिलाएं और 108 बार 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करें।
कर्क
कर्क राशि वालों के लिए चंद्रमा, सूर्य और बृहस्पति 12वें भाव में होंगे, जिससे अनियोजित खर्च या यात्रा में परेशानी हो सकती है। सुबह आर्द्रा नक्षत्र मानसिक चिंता बढ़ाएगा और दूसरे भाव में मंगल-केतु के होने से धन या परिवार में तनाव हो सकता है। रात में व्याघात योग आर्थिक फैसलों में रुकावटें लाएगा। इस दिन बारहवां भाव व्यय और तनाव देगा तथा मंगल-केतु वित्तीय स्थिरता को प्रभावित करेंगे। उपाय: सुबह विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें तथा पीले फूल चढ़ाएं।
तुला
तुला राशि के लिए चंद्रमा, सूर्य और बृहस्पति नवम भाव में होंगे, लेकिन आर्द्रा नक्षत्र की अस्थिरता यात्रा, शिक्षा या धार्मिक कार्यों में बाधा उत्पन्न कर सकती है। ग्यारहवें भाव में मंगल-केतु मित्रों या व्यापारिक साझेदारों के साथ गलतफहमी पैदा कर सकते हैं। रात्रि में व्याघात योग आपकी योजनाओं को पटरी से उतार सकता है। यह दिन कठिन रहेगा क्योंकि नवम भाव में ग्रहों की युति भाग्य को कमजोर करेगी तथा मंगल-केतु सामाजिक संबंधों में तनाव लाएंगे। उपाय: सुबह मंदिर में गाय के घी का दीपक जलाएं तथा 108 बार 'ॐ गुरवे नमः' मंत्र का जाप करें।
वृश्चिक
वृश्चिक राशि के लिए चंद्रमा, सूर्य और बृहस्पति अष्टम भाव में होंगे, जो मानसिक तनाव, अचानक परिवर्तन या छिपी हुई चिंताएं ला सकते हैं। सुबह आर्द्रा नक्षत्र आपको भावनात्मक रूप से अस्थिर बना सकता है। 10वें भाव में मंगल-केतु होने से कार्यस्थल पर बॉस या सहकर्मियों से अनबन हो सकती है। रात्रि में व्याघात योग व्यावसायिक परियोजनाओं में रुकावटें लाएगा। इस दिन अष्टम भाव मानसिक दबाव देगा और मंगल-केतु करियर में तनाव बढ़ाएंगे। उपाय: सुबह शनि मंदिर में सरसों का तेल चढ़ाएं और काले तिल का दान करें।
मकर राशि
मकर राशि वालों के लिए चंद्रमा, सूर्य और बृहस्पति छठे भाव में रहेंगे, जिससे छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्याएं या विवाद होने की संभावना है। सुबह आर्द्रा नक्षत्र मानसिक तनाव बढ़ाएगा और मंगल-केतु का अष्टम भाव में होना अचानक परिवर्तन या गुप्त चिंताएं पैदा कर सकता है। रात्रि में व्याघात योग स्वास्थ्य या कानूनी मामलों में रुकावटें लाएगा। इस दिन छठा भाव स्वास्थ्य और विवाद देगा और मंगल-केतु अचानक तनाव बढ़ाएंगे। उपाय: सुबह हनुमान चालीसा का पाठ करें और लाल चंदन का तिलक लगाएं।
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