Next Story
Newszop

राजस्थान के बाड़मेर में शिवमुण्डी पर विराजमान हैं स्वयं प्रकट शिवलिंग, सावन के हर सोमवार यहां होता है भव्य मेले का आयोजन

Send Push

शिवमुंडी महादेव शहर की सुजेश्वर पहाड़ियों की गोद में बसा है। यहाँ एक स्वयंभू शिवलिंग है, जिसकी पूजा कई वर्षों से की जा रही है। जिस पहाड़ी के नीचे मंदिर स्थित है, उसी पर शिवलिंग को आकार देकर बनाया गया है। सीढ़ियाँ चढ़ने में मुश्किल से पंद्रह मिनट लगते हैं। सावन के सोमवार को मंदिर की तलहटी में मेला लगता है। इसकी गिनती शहर के सबसे प्राचीन शिव मंदिरों में होती है। बरसात के मौसम में सुजेश्वर से बहते झरनों की कलकल ध्वनि यहाँ सुनाई देती है। मंदिर के ठीक पीछे पहाड़ियों की एक लंबी श्रृंखला है। सावन में यहाँ चारों ओर फैली हरियाली यहाँ आने वाले भक्तों का मन मोह लेती है।

मेले में झूलों और दुकानों का आकर्षण

पूरे सावन मेले का माहौल मंदिर की तलहटी में लगे मेले जैसा होता है। यहाँ मंदिरों की एक श्रृंखला है। सावन के सोमवार को मेले में झूलों, खाने-पीने की वस्तुओं और पूजन सामग्री की दुकानें लगती हैं। यह मेला सुबह से देर रात तक पूरे शबाब पर रहता है।

अभिषेक और प्रसाद का आयोजन

सावन के दिनों में मंदिर में प्रतिदिन विशेष अभिषेक किया जाता है। सोमवार को इसका विशेष महत्व होता है। यहाँ अभिषेक के बाद प्रसादी का भी आयोजन होता है। जिसमें कई समूह और परिवार के सदस्य भी प्रसाद ग्रहण करते हैं।

श्रावण का दूसरा सोमवार, शिव मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
शहर समेत पूरे अंचल में श्रावण मास का दूसरा सोमवार श्रद्धापूर्वक मनाया गया। शिव मंदिरों में दर्शन-पूजन के लिए हजारों श्रद्धालु उमड़े। इससे पूरा दिन मेले जैसा माहौल रहा। श्रद्धालुओं ने शिवलिंग पर जल, दूध चढ़ाकर अभिषेक-पूजन किया। आरती की, प्रसाद चढ़ाया और परिवार में खुशहाली की कामना की। शिव मंदिरों में घंटों बैठकर जप, भजन, संकीर्तन किया। हर-हर महादेव के जयकारे गूंजते रहे। सफेद आकड़ा, जसदेरधाम, मनोकामना महादेव मंदिर, सुजेश्वर महादेव मंदिर, रातानाडा महादेव मंदिर, शिवमुंडी महादेव मंदिर समेत शिव मंदिरों में दर्शन-पूजन के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं की कतार लगी रही।

Loving Newspoint? Download the app now