राजस्थान में बीते दिनों पुलिस वैन और ट्रक की टक्कर में जान गंवाने वाले कॉन्स्टेबल संदीप शर्मा को शहीद का दर्जा दिलाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। इस मामले में सोमवार को बड़ी संख्या में लोगों ने कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को मुख्यमंत्री के नाम अलग-अलग ज्ञापन सौंपे।
स्थानीय लोगों ने ज्ञापन में कहा कि संदीप शर्मा ने अपने कर्तव्य के दौरान प्राणों की आहुति दी और ऐसे में उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए। साथ ही, परिवार को नौकरी जैसी सुविधाएं प्रदान करने की भी मांग की गई है, ताकि उनके परिवार की आर्थिक और सामाजिक स्थिति मजबूत हो सके।
इस बीच, संदीप शर्मा के पिता नत्थीलाल शर्मा ने भी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर शहीद का दर्जा देने की मांग की। उन्होंने कहा कि उनके पुत्र ने अपने जीवन का बलिदान देकर समाज और कानून व्यवस्था की रक्षा की है, और इसके लिए राज्य सरकार को उचित सम्मान देना चाहिए।
पुलिस विभाग और प्रशासन ने फिलहाल मामले की समीक्षा शुरू कर दी है। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश और जनता की मांगों के अनुसार इस मामले में समीक्षा और उचित निर्णय लिया जाएगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के मामलों में शहीद का दर्जा न केवल परिवार को सम्मान और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है, बल्कि सामाजिक संदेश भी देता है कि कानून और कर्तव्य के लिए प्राणों की आहुति को हमेशा याद किया जाएगा।
स्थानीय लोगों का कहना है कि संदीप शर्मा का यह बलिदान उनके समुदाय और राज्य के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है। उन्होंने सरकार से अपील की है कि जल्द से जल्द निर्णय लिया जाए और कॉन्स्टेबल संदीप शर्मा को शहीद का दर्जा प्रदान किया जाए।
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