केंद्रीय मंत्रिमंडल में तीसरी बार शामिल न किए जाने के सवाल पर भाजपा नेता स्मृति ईरानी ने शुक्रवार को बीकानेर में कहा कि किसे क्या भूमिका मिलेगी, यह पार्टी नेतृत्व तय करता है। ठीक वैसे ही जैसे टीम का कप्तान तय करता है कि कौन क्या भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि एक कार्यकर्ता के तौर पर वह पार्टी के हर फैसले को पूरी विनम्रता से स्वीकार करती हैं।
स्मृति ईरानी ने 1975 में लगाए गए आपातकाल को लोकतंत्र पर सबसे बड़ा हमला बताया। उन्होंने कहा, आपातकाल के दौरान संविधान की धज्जियां उड़ाई गईं, एक लाख से ज्यादा लोगों को जेल में डाला गया और एक करोड़ लोगों की नसबंदी कर दी गई। उन्होंने कांग्रेस पर सीधा हमला करते हुए कहा कि आज भी उन दिनों की यातनाएं भुलाई नहीं जातीं। इस एक दिवसीय दौरे में स्मृति ईरानी ने एक तरफ जहां पार्टी नेतृत्व पर पूरी आस्था दिखाई, वहीं दूसरी तरफ उन्होंने आपातकाल के मुद्दे पर कांग्रेस को कटघरे में खड़ा किया। साथ ही उन्होंने मोदी सरकार की योजनाओं को जनकल्याणकारी बताया।
आपातकाल लोकतंत्र की हत्या थी
स्मृति ने कहा कि आपातकाल लोकतंत्र की हत्या थी। उस समय सामान्य परिवार के लोग अपने परिवार को छोड़कर जेल जाने के लिए तैयार हो गए थे। उन्होंने कहा, "वे सिर्फ एक पार्टी के लिए नहीं, बल्कि संविधान की रक्षा के लिए खड़े हुए। आज भी उनका सम्मान किया जाता है।" उन्होंने देशवासियों से यह संकल्प लेने की अपील की कि "आपातकाल की काली छाया भारत में फिर कभी नहीं लौटेगी।"
मोदी सरकार की योजनाओं का किया जिक्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं की तारीफ करते हुए ईरानी ने कहा, ''50 करोड़ से ज्यादा लोगों के बैंक खाते खोले गए हैं, 40 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के लोन दिए गए हैं।'' उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार ने छोटे कारोबारियों की आर्थिक तरक्की को बढ़ाया है और महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से सशक्त बनाया है। स्मृति ईरानी के बीकानेर पहुंचने पर सर्किट हाउस में शहर भाजपा अध्यक्ष सुमन छाजेड़, श्यामसुंदर पंचारिया, मोहन सुराणा, विजय आचार्य समेत अन्य कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया।
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