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कोलकाता के लॉ कॉलेज में छात्रा से बलात्कार का मामला, अब तक नहीं मिले इन सवालों के जवाब

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Samir Jana/Hindustan Times via Getty Images यौन हिंसा के ख़िलाफ़ और इंसाफ़ के लिए प्रदर्शन करतीं महिलाएँ

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना के साल भर के भीतर ही एक लॉ कॉलेज की छात्रा से बलात्कार की घटना ने शैक्षणिक संस्थानों में सुरक्षा के मुद्दे पर नए सिरे से बहस छेड़ दी है.

इस मामले में अब भी कई ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब पुलिस की टीम तलाशने में जुटी है ताकि इस घटना की कड़ियों को जोड़ा जा सके. इस बीच, मेडिकल जांच रिपोर्ट में भी छात्रा के साथ बलात्कार की पुष्टि हो गई है.

पुलिस ने शुक्रवार देर रात को घटना के समय मौके़ पर मौजूद 55 वर्षीय सुरक्षा गार्ड पिनाकी बनर्जी को भी गिरफ़्तार कर लिया.

एक पुलिस अधिकारी ने बताया, "बयान मेल न खाने की वजह से उसे गिरफ़्तार किया गया है. इसके अलावा पुलिस, परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज भी खंगाल रही है."

इस घटना के सामने आने के बाद अभियुक्तों के सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से जुड़े होने के दावे किए जा रहे थे. अब यह स्पष्ट हो गया है कि उनका संबंध तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद से था.

एक ही कॉलेज में होने और तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद (टीएमसीपी) में सक्रिय होने की वजह से छात्रा अभियुक्तों को जानती थी. लेकिन छात्रा के घरवालों को अभियुक्तों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी.

पुलिस ने इस मामले में दो मौजूदा और एक पूर्व छात्र के अलावा कॉलेज के एक गार्ड को गिरफ़्तार किया है.

दूसरी ओर इस मुद्दे पर राजनीति भी ज़ोर पकड़ने लगी है.

बीजेपी ने इस मामले को आरजी कर घटना से जोड़ा है और वह राज्य में क़ानून-व्यवस्था, महिला सुरक्षा की स्थिति पर सवाल उठा रही है.

बीजेपी का आरोप है कि शैक्षणिक संस्थानों में तृणमूल कांग्रेस का दबदबा है.

वहीं, कांग्रेस भी इस मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस को घेरने लगी है.

उधर, बीजेपी के आरोपों के जवाब में तृणमूल कांग्रेस, बीजेपी के शासन वाले राज्यों में महिला सुरक्षा और क़ानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए बचाव में उतरती दिख रही है.

क्या पता लगाने में जुटी है पुलिस? image Sanjay Das घटना के ख़िलाफ़ कोलकाता में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं

पुलिस इस बात का पता लगा रही है कि क्या राजनीतिक संरक्षण की वजह से ही मामले से जुड़े एक अभियुक्त मनोजित के ख़िलाफ़ पुलिस में पहले कोई शिकायत नहीं दर्ज कराई गई थी.

पुलिस कॉलेज के बाकी कर्मचारियों से भी इस मामले में पूछताछ कर रही है कि क्या पहले से किसी को इस घटना की जानकारी थी?

पुलिस की एक टीम इस घटना के सबसे अहम गवाह रहे सुरक्षा गार्ड से भी पूछताछ कर रही है.

पुलिस के मुताबिक़, "जब गार्ड को उसके कमरे से हटा दिया गया और मेन गेट बंद कर दिया गया तो उसने शोर क्यों नहीं मचाया या कॉलेज के प्रबंधन को इस मामले की सूचना क्यों नहीं दी? क्या वह मनोजित और बाकी अभियुक्तों की पहुंच से डरता था?"

पुलिस का कहना है कि सुरक्षा गार्ड को अब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि इस बात का भी पता लगाया जा रहा है कि मनोजित के ख़िलाफ़ पहले भी कई शिकायतें होने के बावजूद पुलिस में एफ़आईआर दर्ज क्यों नहीं हुई थी और आरोपों के बावजूद उसे कॉलेज में नौकरी कैसे मिल गई? इसके पीछे किसका हाथ था?

शुक्रवार शाम को कोलकाता के पुलिस आयुक्त मनोज वर्मा, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त संतोष पांडे और पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) विदिशा कलिता समेत कई अफ़सरों ने घटनास्थल का दौरा किया.

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छात्रा ने पुलिस को क्या बताया? image Sanjay Das मामले में कॉलेज के दो मौजूदा छात्रों को भी गिरफ़्तार किया गया है

छात्रा ने पुलिस को दिए बयान में कहा है कि अभियुक्त ने उसे शादी का प्रस्ताव दिया था, लेकिन उसने इससे इनकार कर दिया.

उसके बाद अभियुक्त ने उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाने का प्रयास किया.

छात्रा ने बताया कि पहले छात्र संघ के कक्ष में ऐसी कोशिश हुई और उसके बाद उसे जबरन गार्ड रूम में ले जाया गया. छात्रा का कहना है कि उसने अभियुक्त के पैर पकड़ कर उसे छोड़ देने की गुज़ारिश भी की थी.

इस घटना और अभियुक्तों के साथ पार्टी के संबंधों की बात सामने आने के बाद तृणमूल कांग्रेस असमंजस में दिख रही है.

गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया पर पार्टी के नेताओं के साथ मुख्य अभियुक्त मनोजित मिश्र की तस्वीरों के वायरल होने के बाद तृणमूल कांग्रेस ने एक प्रेस कॉफ्रेंस में सफाई दी कि मनोजित पहले पार्टी के छात्र संगठन से जुड़ा था, इसलिए पार्टी के नेताओं के साथ उसकी तस्वीरें हो ही सकती हैं.

तृणमूल छात्र परिषद के प्रदेश अध्यक्ष तृणांकुर भट्टाचार्य का कहना था, "हमने कभी अभियुक्त के छात्र परिषद से जुड़े होने से इनकार नहीं किया था. वह साल 2019 में समिति में था. लेकिन हम ज्योतिष नहीं हैं. इसलिए यह नहीं जान सके कि वो साल 2025 में ऐसा अपराध करेगा."

मामले में मुख्य अभियुक्त मनोजित पर कई सवाल image Sanjay Das पेशी के बाद अदालत से बाहर निकलते अभियुक्त की तस्वीर

इस बीच, मनोजित के बारे में कई नई जानकारियां सामने आई हैं. कॉलेज के छात्रों का कहना है कि परिसर में मनोजित की दादागिरी चलती थी और कोई उसके ख़िलाफ़ बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाता था. मनोजित लंबे समय से इस कॉलेज से जुड़ा था.

कॉलेज के सूत्रों ने बताया कि मनोजित ने साल 2007 में पहली बार कॉलेज में दाखिला लिया था. लेकिन कुछ दिनों बाद ही पढ़ाई छोड़ दी. उसके बाद साल 2017 में उसने बीए-एलएलबी कोर्स में दाखिला लिया और 2022 में डिग्री हासिल की.

मनोजित छात्र परिषद के पदाधिकारी थे, लेकिन मारपीट और तोड़-फोड़ के कई आरोपों के बाद उन्हें 2021 में छात्र परिषद के पद से हटा दिया गया था.

लेकिन यह दिलचस्प है कि इतने आरोपों के बावजूद मनोजित के ख़िलाफ़ कभी पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं हुई थी.

कॉलेज में तृणमूल छात्र परिषद के एक सदस्य नाम नहीं छापने की शर्त पर बताते हैं, "मनोजित को पार्टी के कई बड़े नेताओं का संरक्षण हासिल था. इसलिए कार्रवाई तो दूर, उसे कॉलेज में अस्थायी पद पर नौकरी भी मिल गई थी."

"वह कोलकाता के उसी कालीघाट इलाके़ का रहने वाला है जहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का आवास है. लेकिन बीते कई वर्षों से वह अपने घरवालों से अलग रहता था. उसके पिता पुरोहित का काम करते हैं."

इस बीच, आरजी कर मामले में बलात्कार और हत्या का शिकार हुईं जूनियर डॉक्टर के पिता ने महानगर में महिलाओं के ख़िलाफ़ ऐसी घटनाएं जारी रहने पर हताशा और चिंता जताई है.

उन्होंने पत्रकारों से कहा, "ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने में सरकार की भूमिका सबसे अहम है. अभियुक्त को कड़ी से कड़ी सज़ा दी जानी चाहिए."

उनका कहना था कि आरजी कर की घटना के विरोध में लोग लंबे समय तक सड़कों पर उतरे थे. लेकिन बावजूद इसके ऐसी घटनाएं जारी हैं.

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राजनीतिक दलों के आरोप-प्रत्यारोप image Debajyoti Chakraborty/NurPhoto via Getty Images बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार

दूसरी ओर, इस घटना पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर लगातार तेज़ हो रहा है. विभिन्न राजनीतिक दल और छात्र संगठन इस घटना के ख़िलाफ़ शुक्रवार से ही विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

बीजेपी के राज्यसभा सदस्य शमीक भट्टाचार्य का कहना है, "पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और पुलिस एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. इसी वजह से तृणमूल कांग्रेस के नेताओं में किसी का कोई डर नहीं है."

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा है कि आरजी कर की घटना के एक साल के भीतर ही शैक्षणिक परिसर में ऐसी घटना से स्पष्ट है कि राज्य में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं.

वहीं सीपीएम की छात्र शाखा एसएफ़आई के प्रदेश सचिव देवांजन दे कहते हैं, "मनोजित मिश्र कालीघाट इलाके़ का कुख्यात अपराधी है. उसके ख़िलाफ़ कई आरोप हैं. लेकिन इसके बावजूद उसे कॉलेज में किसने नौकरी दे दी? राजनीति और अपराध के इस गठजोड़ के बारे में जानकारी मिलनी ज़रूरी है."

इन आरोपों के बाद तृणमूल कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और मंत्री शशि पांजा ने कोलकाता में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "महिलाओं के ख़िलाफ़ अत्याचार को राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए. सरकार ने बीते साल आरजी कर की घटना के बाद ही रेप विरोधी अपराजिता विधेयक विधानसभा में पारित किया था. लेकिन राष्ट्रपति की मंजूरी नहीं मिलने की वजह से वह अब तक क़ानून की शक्ल नहीं ले सका है. उसे शीघ्र मंजू़री दी जानी चाहिए."

उनका कहना था कि गुजरात में तो बलात्कारियों के जेल से रिहा होने पर फूल माला पहनाकर उनका स्वागत किया जाता है, लेकिन बंगाल में क़ानून दोषियों के ख़िलाफ़ काम करता है भले ही वह किसी भी राजनीतिक पार्टी से क्यों न जुड़ा हो.

तृणमूल कांग्रेस ने एक्स पर अपनी एक पोस्ट में कहा है कि "पार्टी इस घटना की कड़ी निंदा करती है. कोलकाता पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है. दोषियों के ख़िलाफ़ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी."

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