'अच्छी सैलरी के साथ सेंट्रल गर्वमेंट की नौकरी कौन नहीं चाहेगा? स्टेबिलिटी मिलेगी और साथ ही सुविधाएं भी मिलती हैं. मेरी चाहत इनकम टैक्स ऑफ़िसर बनने की है.'
ये कहते वक़्त मालविका की आंखों में उम्मीद की चमक दिखती है.
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी से बीएससी करने के बाद वो बीते दो साल से एसएससी एग्ज़ाम की तैयारी कर रही हैं.
हरियाणा में भिवानी की रहने वाली मालविका ने दिल्ली में कोचिंग भी ली और अब वो सेल्फ़ स्टडी कर रही हैं. एसएससी की तैयारी करने वाली वो अकेली नहीं हैं.
हर साल 10वीं, 12वीं और ग्रैजुएशन करने वाले लाखों स्टूडेंट एसएससी की ओर से कराई जाने वाली अलग-अलग परीक्षाओं की तैयारी करते हैं.
एसएससी यानी स्टाफ़ सेलेक्शन कमीशन. ये भारत की अहम सरकारी परीक्षाएं करवाने वाला आयोग है. जो इन एग्ज़ाम को पास करते हैं, वो केंद्र सरकार के विभागों और मंत्रालयों में मिलने वाली नौकरियों तक पहुंचते हैं.
लेकिन स्टूडेंट के लिए ये परीक्षाएं अच्छा ऑप्शन साबित क्यों हो सकती है, आज बात इसी की.
हर साल कितनी नौकरियों के मौके़ बनते हैं?क्या आपको पता है कि भारत में हर साल एक करोड़ से ज़्यादा स्टूडेंट्स ग्रैजुएशन कर जॉब मार्केट में आते हैं. लेकिन उनकी संख्या की तुलना में नौकरियां काफ़ी कम हैं.
पीरियॉडिक लेबर फ़ोर्स सर्वे (2025) के मुताबिक़, भारत के ग्रामीण इलाक़ों में 15 से 29 साल के 13.7 फ़ीसदी युवा बेरोज़गार हैं, जबकि शहरों में ये आंकड़ा 18 फ़ीसदी है.
ऐसे कई नौजवानों के लिए एसएससी के ज़रिए आने वाली हज़ारों वैकेंसी काफ़ी काम आ सकती हैं.
साल 2025 में केंद्र सरकार के अलग-अलग मंत्रालयों, विभागों और कार्यालयों में अलग-अलग पदों पर एसएससी के कम्बाइंड ग्रैजुएट लेवल (सीजीएल) के ज़रिए 14,582 वैकेंसी निकली थीं.
2024 में 17 हज़ार से ज़्यादा, 2023 में आठ हज़ार से ज़्यादा नौकरियां निकली थीं, लेकिन तीन साल पहले 2022 में ये जॉब 37 हज़ार से भी ज़्यादा थीं.
ये सिर्फ़ सीजीएल परीक्षा से निकली वैकेंसी थीं, जबकि एसएससी इसके अलावा भी कई और एग्ज़ाम करवाता है.
लेकिन क्या स्टूडेंट्स के लिए एसएससी से निकलने वाली भर्तियों की संख्या ही आकर्षण की वजह है?
जीत राणा खुद एसएससी की सीजीएल और एमटीएस परीक्षा को पास कर चुके हैं और अब वो इसकी तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स को पढ़ाते हैं.
एसएससी नौकरी की तलाश कर रहे नौजवान के लिए कैसे एक अच्छा विकल्प हो सकता है, इस पर वो तीन प्रमुख बातें कहते हैं:
- इसमें अलग-अलग लेवल पर एंट्री हो सकती है. आप 10वीं पास हो या ग्रैजुएट हों, योग्यता के अलग-अलग पैमानों के साथ एंट्री ले सकते हैं.
- इसमें चार प्रमुख चीज़ों पर फ़ोकस करना होता है. इंग्लिश, रीज़निंग, जीके-जीएस और मैथ्स. एसएससी जीडी यानी जनरल ड्यूटी कॉन्स्टेबल एग्ज़ाम में किसी को हिंदी या इंग्लिश में से एक विषय मिल सकता है. मगर बाकी सबमें सिलेबस लगभग एक-सा होता है.
- अगर आप एसएससी की पढ़ाई शुरू कर रहे हैं तो इसकी रिक्रूटमेंट प्रक्रिया लंबी नहीं होती. मसलन, जीडी कॉन्स्टेबल में एक लिखित परीक्षा, फिर फ़िज़िकल, डॉक्यूमेंट वेरिफ़िकेशन-मेडिकल होता है और जॉइनिंग हो जाती है. जो ग्रैजुएट लेवल की परीक्षा होती है उसमें दो चरणों में एग्ज़ाम होते हैं - प्री और मेंस. इसके बाद की प्रक्रिया एक साल के अंदर पूरी हो जाती है.
सरकारी परीक्षाओं की तैयारी करवाने वाली एग्ज़ामपुर वेबसाइट से जुड़े टीचर विवेक भी कहते हैं कि एसएससी की वैकेंसी को लेकर इसलिए दिलचस्पी रहती है क्योंकि इसके ज़रिए 10वीं से लेकर ग्रैजुएशन लेवल की शैक्षिक योग्यता के हिसाब से कई मौक़े बनते हैं. ये ग्रुप डी से लेकर ग्रुप बी तक के मौक़े हैं.
एसएससी की प्रमुख परीक्षाएं और सैलरीहर साल 10वीं पास से लेकर ग्रैजुएट तक लाखों उम्मीदवार एसएससी की परीक्षाएं देते हैं.
एसएससी के ज़रिए ग्रुप बी और ग्रुप सी लेवल की नौकरियां पाई जा सकती हैं. इनमें क्लर्क, असिस्टेंट, इंस्पेक्टर, इंजीनियर और कॉन्स्टेबल की नौकरियां होती हैं.
एसएससी इन भर्तियों के लिए सालाना अलग-अलग परीक्षाएं करवाता है, जिसमें आमतौर पर सामान्य ज्ञान, मैथ्स, इंग्लिश और रीज़निंग से जुड़े सवाल होते हैं.
परीक्षाएं भी अलग-अलग लेवल की होती हैं जो इस बात पर निर्भर करती हैं कि कौन से पद के लिए अप्लाई किया गया है. कैंडिडेट इसकी पूरी जानकारी ssc.gov.in वेबसाइट पर पा सकते हैं.
एसएससी की प्रमुख परीक्षाएं:
एसएससी सीजीएल यानी कम्बाइंड ग्रैजुएट लेवल एग्ज़ामिनेशन: ये ग्रैजुएट लेवल के कैंडिडेट को ग्रुप बी और सी के पदों पर भर्ती करने के लिए होती है.
इसके ज़रिए इनकम टैक्स ऑफ़िसर, असिस्टेंट सेक्शन ऑफ़िसर, ऑडिटर और इंस्पेक्टर या इसी तरह के पदों को भरा जाता है. वेतन क़रीब 25 हज़ार रुपए से लेकर डेढ़ लाख रुपए तक हो सकता है.
एसएससी सीएचएसएल यानी कम्बाइंड हायर सेकेंडरी लेवल एग्ज़ामिनेशन: अलग-अलग सरकारी दफ़्तरों में क्लर्क और डेटा एंट्री से जुड़ी भूमिकाओं में 12वीं पास कैंडिडेट की भर्ती के लिए. आम तौर पर इसके ज़रिए लोअर डिविज़न क्लर्क यानी एलडीसी, जूनियर सेक्रिटरिएट असिस्टेंट (जेएसए), पोस्टल असिस्टेंट और डेटा एंट्री ऑपरेटर (डीईओ) जैसे पद भरे जाते हैं.
इस परीक्षा के ज़रिए जो पद भरे जाते हैं, उनके लेवल के हिसाब से सैलेरी 20 हज़ार से 90 हज़ार रुपए के बीच हो सकती है.
एसएससी एमटीएस यानी मल्टी टास्किंग (नॉन-टेक्निकल) स्टाफ़ एग्ज़ामिनेशन: ये परीक्षा 10वीं पास कैंडिडेट की नॉन-गज़ेटेड ग्रुप सी के पदों पर भर्तियों के लिए कराई जाती है, जैसे चपरासी, वॉचमैन, माली इत्यादी. इस परीक्षा में चुने जाने वालों की सैलरी उनके पद और लेवल के हिसाब से 25 से 35 हज़ार के बीच होती है.
एसएससी जीडी कॉन्स्टेबल: जनरल ड्यूटी कॉन्स्टेबल एग्ज़ाम सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फ़ोर्सेज़ जैसे बीएसएफ़, सीआईएसएफ़, सीआरपीएफ़, आईटीबीपी, एसएसबी और असम राइफ़ल्स में कॉन्स्टेबल की भर्ती के लिए होती है. वेतन के तौर पर 20 हज़ार से 90 हज़ार रुपए मिलते हैं.
इसके अलावा जेई, सीपीओ, स्टेनोग्राफ़र, जूनियर हिंदी ट्रांसलेटर की भी भर्तियां एसएससी के ज़रिए होती हैं.
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एसएससी-सीजीएल: किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से बैचलर्स डिग्री.
एसएससी सीएचएसएल: किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से बारहवीं की हो.
एसएससी-एमटीएस: कैंडिडेट का किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से दसवीं पास होना ज़रूरी है.
एसएससी-जेई (जूनियर इंजीनियर): इंजीनियरिंग डिप्लोमा या डिग्री, जो भी उस पद के लिए मान्य हो.
एसएससी सीपीओ: किसी भी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से बैचलर्स डिग्री हासिल की हो.
आमतौर पर इन परीक्षाओं के लिए आवेदन देने की उम्र 18 से 32 साल की होती है. ये अलग-अलग पदों पर निर्भर करता है.
हालांकि, तय उम्र की सीमा में ओबीसी उम्मीदवारों को तीन साल और एससी/एसटी उम्मीदवारों को 5 साल की रियायत है.
वहीं, अप्लाई करने वाला कैंडिडेट भारतीय नागरिक होना चाहिए. मगर नेपाल, भूटान, तिब्बती रिफ़्यूजी जो एक जनवरी 1962 से पहले भारत आए थे और पाकिस्तान, श्रीलंका, म्यांमार, ईस्ट अफ़्रीकन देशों से माइग्रेट होकर आए भारतीय मूल के कैंडिडेट भी आवेदन कर सकते हैं.
अप्लाई करने का पता वही है, यानी ssc.gov.in. यहां जिस भी पद के लिए आवेदन भरना है उसके लिए ज़रूरी जानकारी, फ़ोटोग्राफ़, सिग्नेचर अपलोड करने के बाद फ़ीस जमा करनी है. जनरल कैटेगरी के लिए ये फ़ीस 100 रुपये है.
कैसे कर सकते हैं तैयारीचूंकि, ये परीक्षा अलग-अलग लेवल के हिसाब से होती है, ऐसे में ये सवाल उठना लाज़मी है कि किसी स्टूडेंट को इसके लिए कब से तैयारी शुरू करनी चाहिए.
इस पर जीत राणा कहते हैं कि ये कैंडिडेट की पारिवारिक पृष्ठभूमि की इसमें बड़ी भूमिका होती है.
उनके मुताबिक, "अगर किसी कैंडिडेट के घर का माहौल अनुकूल नहीं है तो फिर तैयारी 10वीं के बाद ही शुरू करना बेहतर है. वरना अच्छा विकल्प तो 12वीं के बाद ही तैयारी शुरू करना है. इसकी वजह ये है कि ऐसा होने पर ग्रैजुएशन के साथ तैयारी कर सकते हैं. किसी के पास ह्यूमैनिटीज़ है, तो जीएस पेपर की तैयारी भी आसान हो जाती है."
वह कहते हैं कि आम तौर पर एसएससी की तैयारी में छह महीने की तैयारी काफ़ी होती है. मगर ये इस बात पर निर्भर करता है कि स्टूडेंट के पढ़ने और तैयारी करने का तरीका क्या है.
अगर कोई स्टूडेंट पहले अटेम्प्ट में एसएससी पास नहीं कर पाए तो उन्हें ये देखना होगा कि चूक कहां हुई और फिर उस गलती पर काम करना होगा. मॉक परीक्षा की बहुत बड़ी भूमिका होती है.
परीक्षा से पहले अगर कोई मॉक टेस्ट दे दे तो ये पता लग जाता है कि तैयारी कैसी है और क्या-क्या करने की ज़रूरत है. कामयाबी न मिलने पर स्टूडेंट दूसरे राज्यों की सरकारी परीक्षाएं दे सकते हैं क्योंकि उनके और एसएससी के सिलेबस में थोड़ी समानता होती है.
विवेक कहते हैं कि यदि किसी वजह से स्टूडेंट आखिरी कोशिश तक सफल नहीं हो पाते, तो भी उनके पास प्राइवेट सेक्टर से लेकर प्राइवेट कोचिंग या टीचर बनने के कई विकल्प उपलब्ध रहते हैं.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.
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