भारत का स्मार्टफोन बाजार 2025 की तीसरी तिमाही (जुलाई–सितंबर) में सालाना आधार पर 3% बढ़कर 4.84 करोड़ यूनिट्स तक पहुंच गया है। यह जानकारी टेक रिसर्च फर्म Omdia की ताजा रिपोर्ट में दी गई है। हालांकि रिपोर्ट का कहना है कि यह रफ्तार साल के अंत तक बरकरार रहना मुश्किल है। Omdia के मुताबिक, जुलाई-अगस्त में नए स्मार्टफोन लॉन्च, रिटेलर्स के लिए प्रोत्साहन स्कीम और पहले शुरू हुए फेस्टिव सीजन ने बिक्री को बढ़ावा दिया। कंपनियों ने त्योहारों के दौरान मांग बढ़ने की उम्मीद में मार्केट में स्टॉक भर दिए, जिससे कुल वॉल्यूम बढ़ गया।
वॉल्यूम तो बढ़ा, लेकिन असली डिमांड कमजोरOmdia के प्रिंसिपल एनालिस्ट सन्यम चौरसिया ने कहा कि बाजार की ग्रोथ मुख्य रूप से चैनल इंसेंटिव और ऑफर्स पर आधारित रही, न कि ग्राहकों की वास्तविक मांग पर। यानी बिक्री में बढ़ोतरी अस्थायी थी, न कि उपभोक्ताओं की जरूरतों से प्रेरित।
कौन सी कंपनियां आगे रहींरिपोर्ट के अनुसार, vivo (iQOO को छोड़कर) ने 97 लाख यूनिट्स की शिपमेंट के साथ 20% मार्केट शेयर हासिल कर नंबर-1 स्थान बरकरार रखा। Samsung ने 68 लाख यूनिट्स (14%) की बिक्री के साथ दूसरा स्थान पाया। Xiaomi और OPPO (OnePlus को छोड़कर) दोनों ने करीब 65 लाख यूनिट्स शिप किए। Apple ने 49 लाख यूनिट्स की रिकॉर्ड शिपमेंट की और 10% मार्केट शेयर के साथ टॉप-5 में वापसी की। Apple को छोटे शहरों में बढ़ती “एस्पिरेशनल डिमांड” और पुराने iPhone मॉडल्स पर दिए गए डिस्काउंट से फायदा मिला।
रिटेलर्स के लिए आकर्षक इनामOmdia की रिपोर्ट बताती है कि इस बार कंपनियों ने अपना मार्केटिंग बजट रिटेल इंसेंटिव स्कीम्स में लगाया। रिटेलर्स को “कैश बोनस”, “गोल्ड कॉइन”, “बाइक” और “इंटरनेशनल ट्रिप्स” जैसे इनाम दिए गए। वहीं, उपभोक्ताओं के लिए जीरो डाउन पेमेंट EMI, माइक्रो-इंस्टॉलमेंट, बंडल्ड एक्सेसरीज़ और एक्सटेंडेड वारंटी जैसी योजनाएं चलाई गईं।
साल के अंत तक क्यों है मंदी की आशंकारिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर–दिसंबर तिमाही में इन्वेंटरी बढ़ने का खतरा है। चौरसिया ने कहा कि सरकार की ओर से GST राहत जैसी नीतियों से रिटेल सेंटीमेंट तो सुधरा है, लेकिन स्मार्टफोन की वास्तविक मांग अभी भी सीमित है। शहरी ग्राहक नौकरी की अनिश्चितता और बढ़ती महंगाई के कारण अपने फोन अपग्रेड करने से बच रहे हैं।
ग्रामीण क्षेत्र में मांग स्थिररिपोर्ट बताती है कि ग्रामीण बाजारों में मांग स्थिर है, पर यह शहरी बाजार की सुस्ती को संतुलित नहीं कर पा रही। Omdia का अनुमान है कि पूरे 2025 में स्मार्टफोन बिक्री में हल्की गिरावट देखी जा सकती है, क्योंकि बाजार अब भी आर्थिक परिस्थितियों और चैनल करेक्शन पर निर्भर है।
वॉल्यूम तो बढ़ा, लेकिन असली डिमांड कमजोरOmdia के प्रिंसिपल एनालिस्ट सन्यम चौरसिया ने कहा कि बाजार की ग्रोथ मुख्य रूप से चैनल इंसेंटिव और ऑफर्स पर आधारित रही, न कि ग्राहकों की वास्तविक मांग पर। यानी बिक्री में बढ़ोतरी अस्थायी थी, न कि उपभोक्ताओं की जरूरतों से प्रेरित।
कौन सी कंपनियां आगे रहींरिपोर्ट के अनुसार, vivo (iQOO को छोड़कर) ने 97 लाख यूनिट्स की शिपमेंट के साथ 20% मार्केट शेयर हासिल कर नंबर-1 स्थान बरकरार रखा। Samsung ने 68 लाख यूनिट्स (14%) की बिक्री के साथ दूसरा स्थान पाया। Xiaomi और OPPO (OnePlus को छोड़कर) दोनों ने करीब 65 लाख यूनिट्स शिप किए। Apple ने 49 लाख यूनिट्स की रिकॉर्ड शिपमेंट की और 10% मार्केट शेयर के साथ टॉप-5 में वापसी की। Apple को छोटे शहरों में बढ़ती “एस्पिरेशनल डिमांड” और पुराने iPhone मॉडल्स पर दिए गए डिस्काउंट से फायदा मिला।
रिटेलर्स के लिए आकर्षक इनामOmdia की रिपोर्ट बताती है कि इस बार कंपनियों ने अपना मार्केटिंग बजट रिटेल इंसेंटिव स्कीम्स में लगाया। रिटेलर्स को “कैश बोनस”, “गोल्ड कॉइन”, “बाइक” और “इंटरनेशनल ट्रिप्स” जैसे इनाम दिए गए। वहीं, उपभोक्ताओं के लिए जीरो डाउन पेमेंट EMI, माइक्रो-इंस्टॉलमेंट, बंडल्ड एक्सेसरीज़ और एक्सटेंडेड वारंटी जैसी योजनाएं चलाई गईं।
साल के अंत तक क्यों है मंदी की आशंकारिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर–दिसंबर तिमाही में इन्वेंटरी बढ़ने का खतरा है। चौरसिया ने कहा कि सरकार की ओर से GST राहत जैसी नीतियों से रिटेल सेंटीमेंट तो सुधरा है, लेकिन स्मार्टफोन की वास्तविक मांग अभी भी सीमित है। शहरी ग्राहक नौकरी की अनिश्चितता और बढ़ती महंगाई के कारण अपने फोन अपग्रेड करने से बच रहे हैं।
ग्रामीण क्षेत्र में मांग स्थिररिपोर्ट बताती है कि ग्रामीण बाजारों में मांग स्थिर है, पर यह शहरी बाजार की सुस्ती को संतुलित नहीं कर पा रही। Omdia का अनुमान है कि पूरे 2025 में स्मार्टफोन बिक्री में हल्की गिरावट देखी जा सकती है, क्योंकि बाजार अब भी आर्थिक परिस्थितियों और चैनल करेक्शन पर निर्भर है।
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