अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने 30 जुलाई की शाम भारत से आयातित उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाया, जिससे टेक्सटाइल इंडस्ट्री सबसे अधिक प्रभावित होने वाली इंडस्ट्री में रही. इस इंडस्ट्री के प्रमुख स्टॉक में टैरिफ की चिंता से गिरावट होने लगी. जॉकी इनरवेयर बनाने वाली कंपनी पेज इंडस्ट्रीज़ के शेयरों में शुक्रवार को 4% की गिरावट रही और वह 46865 रुपए के लेवलपर बंद हुए. कंपनी का मार्केट कैप 52.57 हज़ार करोड़ रुपए है.
Page Industries Ltd के शेयर प्राइस टैरिफ के ऐलान से पहले 49 हज़ार रुपए से अधिक के भाव पर ट्रेड कर रहे थे, लेकिन शुक्रवार को इस स्टॉक ने 46500 रुपए का डे लो लेवल देखा.इस प्रकार पेज इंडस्ट्रीज़ के शेयर प्राइस दो दिनों में 3000 रुपए गिर गए.
टेक्स्टाइल इंडस्ट्री में टैरिफ से हड़कंप मचा हुआ है. इससे विशेष तौर पर ऐसी कंपनियां चिंतित हैं, जो विदेशों और खास तौर पर अमेरिका में अपने प्रोडक्ट बेचती हैं. जॉकी इनरवेयर बनाने वाली कंपनी पेज इंडस्ट्रीज़ का बिज़नेस भी टैरिफ से प्रभावित हो सकता है. यह स्टॉक अपने 52 वीक हाई लेवल के करीब था, लेकिन अब इसमें गिरावट आ रही है. इसका 52 वीक हाई लेवल 50,590 रुपए है, जबकि 52 वीक लो लेवल 38,850 रुपए है. यह मिडकैप स्टॉक अपने निवेशकों को डिविडेंड भी देता है और इसकी डिविडेंड यील्ड 1.92% है.
पेज इंडस्ट्रीज़ के फाइनेंशियल रेशो इम्प्रेसिव हैं और अधिकतर निवेशकों का इसमें नज़रिया लंबे समय का है. इस कंपनी ने लगातार अपना कर्ज़ कम किया है और इसका डेट टू इक्विटी रेशो 0.19 है, जो दर्शाता है कि कंपनी पर अधिक कर्ज़ नहीं है. कंपनी का इक्विटी पर रिटर्न (आरओई) ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा है और पिछले 3 साल का आरओई 44.3% है. याने कंपनी ने अपने प्रीमियम प्रोडक्ट से अच्छी खासी कमाई की है.
पेज इंडस्ट्रीज़ पर टैरिफ का असर पड़ सकता है और आने वाले समय में अगर टैरिफ पर कोई समाधान नहीं निकाला तो गारमेंट्स कंपनियों की प्रॉफिटीबिलिटी पर असर पड़ सकता है. हालांकि पेज इंडस्ट्रीज़ का बिज़नेस भारत में भी बहुत मज़बूत है. पिछले छह माह से इस स्टॉक में फ्लैट रिटर्न बना हुआ है, जबकि पिछले एक साल में इस स्टॉक ने अपने निवेशकों को 11% का प्रॉफिट दिया है.
Page Industries Ltd के शेयर प्राइस टैरिफ के ऐलान से पहले 49 हज़ार रुपए से अधिक के भाव पर ट्रेड कर रहे थे, लेकिन शुक्रवार को इस स्टॉक ने 46500 रुपए का डे लो लेवल देखा.इस प्रकार पेज इंडस्ट्रीज़ के शेयर प्राइस दो दिनों में 3000 रुपए गिर गए.
टेक्स्टाइल इंडस्ट्री में टैरिफ से हड़कंप मचा हुआ है. इससे विशेष तौर पर ऐसी कंपनियां चिंतित हैं, जो विदेशों और खास तौर पर अमेरिका में अपने प्रोडक्ट बेचती हैं. जॉकी इनरवेयर बनाने वाली कंपनी पेज इंडस्ट्रीज़ का बिज़नेस भी टैरिफ से प्रभावित हो सकता है. यह स्टॉक अपने 52 वीक हाई लेवल के करीब था, लेकिन अब इसमें गिरावट आ रही है. इसका 52 वीक हाई लेवल 50,590 रुपए है, जबकि 52 वीक लो लेवल 38,850 रुपए है. यह मिडकैप स्टॉक अपने निवेशकों को डिविडेंड भी देता है और इसकी डिविडेंड यील्ड 1.92% है.
पेज इंडस्ट्रीज़ के फाइनेंशियल रेशो इम्प्रेसिव हैं और अधिकतर निवेशकों का इसमें नज़रिया लंबे समय का है. इस कंपनी ने लगातार अपना कर्ज़ कम किया है और इसका डेट टू इक्विटी रेशो 0.19 है, जो दर्शाता है कि कंपनी पर अधिक कर्ज़ नहीं है. कंपनी का इक्विटी पर रिटर्न (आरओई) ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा है और पिछले 3 साल का आरओई 44.3% है. याने कंपनी ने अपने प्रीमियम प्रोडक्ट से अच्छी खासी कमाई की है.
पेज इंडस्ट्रीज़ पर टैरिफ का असर पड़ सकता है और आने वाले समय में अगर टैरिफ पर कोई समाधान नहीं निकाला तो गारमेंट्स कंपनियों की प्रॉफिटीबिलिटी पर असर पड़ सकता है. हालांकि पेज इंडस्ट्रीज़ का बिज़नेस भारत में भी बहुत मज़बूत है. पिछले छह माह से इस स्टॉक में फ्लैट रिटर्न बना हुआ है, जबकि पिछले एक साल में इस स्टॉक ने अपने निवेशकों को 11% का प्रॉफिट दिया है.
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