नई दिल्ली: मिडकैप कंपनी Dixon Technologies के स्टॉक में मंगलवार को गिरावट देखने को मिल रही है. स्टॉक में ख़बर लिखे जाने तक 3.80 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिल रही है. पिछले 6 महीने से भी यह स्टॉक लगातार गिरता जा रहा है और इसमें 20 प्रतिशत की गिरावट आई है. अब ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली का भी यही कहना है कि इसमें आने वाले समय में और गिरावट आ सकती है.
क्या कहा ब्रोकरेज ने?
ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली ने स्टॉक को 'अंडरवेट' कर दिया है, लेकिन स्टॉक के टारगेट प्राइस को बढ़ा दिया है. बता दें कि स्टॉक अपने पिछले पीक लेवल से 40 प्रतिशत नीचे पर ट्रेड कर रहा है.
ब्रोकरेज ने स्टॉक के लिए अपने टारगेट प्राइस को पहले के 8,696 रुपये से बढ़ाकर 11,563 कर दिया है. हालांकि यह टारगेट प्राइस स्टॉक के पिछले बंद भाव से 23 प्रतिशत की गिरावट की संभावना का संकेत देता है.
ब्रोकरेज का मानना है कि वित्त वर्ष 2026 में प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम समाप्त होने के बाद मुख्य इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सर्विसेज (ईएमएस) बिजनेस में कॉम्पिटिशन बढ़ने की संभावना है.
मॉर्गन स्टेनली को उम्मीद है कि वित्तीय वर्ष 2027 और 2030 के बीच कंपनी का मुनाफा धीमी गति से बढ़ेगा. विशेष रूप से, इसके मुख्य इलेक्ट्रॉनिक्स मन्युफैक्चरिंग सर्विसेज (ईएमएस) बिजनेस में, वित्त वर्ष 25 से वित्त वर्ष 27 के दौरान आय वृद्धि में 46 प्रतिशत की गिरावट आने की उम्मीद है, और फिर वित्त वर्ष 27 से वित्त वर्ष 30 तक 18 प्रतिशत की और धीमी होने की उम्मीद है.
ब्रोकरेज ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स बनाने का काम अच्छी तरह से चल रहा है, लेकिन मुख्य ईएमएस (इलेक्ट्रॉनिक्स मन्युफैक्चरिंग सर्विसेज) बिजनेस चलाने की तुलना में ऐसा करना आसान हो सकता है.
मॉर्गन स्टेनली ने कहा कि इस बात के संकेत बढ़ रहे हैं कि डिक्सन के ग्राहक उसके कॉम्पटिशन के साथ काम करना शुरू कर सकते हैं. इस जोखिम से निपटने के लिए, डिक्सन ने कुछ महत्वपूर्ण साझेदारी सौदों पर साइन किए हैं, लेकिन इन सौदों को आगे बढ़ने से पहले अभी भी सरकारी मंजूरी की आवश्यकता है.
ब्रोकरेज का मानना है कि डिक्सन का लगभग 45 प्रतिशत प्रॉडक्शन (वॉल्यूम) स्थिर रहेगा, लेकिन बाकी 55 प्रतिशत को वित्तीय वर्ष 2027 और 2030 के बीच बढ़ती कॉम्पिटिशन का सामना करना पड़ सकता है.
आईटी हार्डवेयर कारोबार हाल ही में धीमा हुआ है. ब्रोकरेज का कहना है कि ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि सरकार आसान आयात की अनुमति दे रही है, जिससे स्थानीय मांग या प्रोडक्शन प्रभावित हो सकता है.
(ये एक्सपर्ट/ ब्रोकरेज के निजी सुझाव/ विचार हैं. ये इकोनॉमिक टाइम्स के विचारों को नहीं दर्शाते हैं. किसी भी फंड/ शेयर में निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की राय जरूर लें.)
क्या कहा ब्रोकरेज ने?
ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली ने स्टॉक को 'अंडरवेट' कर दिया है, लेकिन स्टॉक के टारगेट प्राइस को बढ़ा दिया है. बता दें कि स्टॉक अपने पिछले पीक लेवल से 40 प्रतिशत नीचे पर ट्रेड कर रहा है.
ब्रोकरेज ने स्टॉक के लिए अपने टारगेट प्राइस को पहले के 8,696 रुपये से बढ़ाकर 11,563 कर दिया है. हालांकि यह टारगेट प्राइस स्टॉक के पिछले बंद भाव से 23 प्रतिशत की गिरावट की संभावना का संकेत देता है.
ब्रोकरेज का मानना है कि वित्त वर्ष 2026 में प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम समाप्त होने के बाद मुख्य इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सर्विसेज (ईएमएस) बिजनेस में कॉम्पिटिशन बढ़ने की संभावना है.
मॉर्गन स्टेनली को उम्मीद है कि वित्तीय वर्ष 2027 और 2030 के बीच कंपनी का मुनाफा धीमी गति से बढ़ेगा. विशेष रूप से, इसके मुख्य इलेक्ट्रॉनिक्स मन्युफैक्चरिंग सर्विसेज (ईएमएस) बिजनेस में, वित्त वर्ष 25 से वित्त वर्ष 27 के दौरान आय वृद्धि में 46 प्रतिशत की गिरावट आने की उम्मीद है, और फिर वित्त वर्ष 27 से वित्त वर्ष 30 तक 18 प्रतिशत की और धीमी होने की उम्मीद है.
ब्रोकरेज ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स बनाने का काम अच्छी तरह से चल रहा है, लेकिन मुख्य ईएमएस (इलेक्ट्रॉनिक्स मन्युफैक्चरिंग सर्विसेज) बिजनेस चलाने की तुलना में ऐसा करना आसान हो सकता है.
मॉर्गन स्टेनली ने कहा कि इस बात के संकेत बढ़ रहे हैं कि डिक्सन के ग्राहक उसके कॉम्पटिशन के साथ काम करना शुरू कर सकते हैं. इस जोखिम से निपटने के लिए, डिक्सन ने कुछ महत्वपूर्ण साझेदारी सौदों पर साइन किए हैं, लेकिन इन सौदों को आगे बढ़ने से पहले अभी भी सरकारी मंजूरी की आवश्यकता है.
ब्रोकरेज का मानना है कि डिक्सन का लगभग 45 प्रतिशत प्रॉडक्शन (वॉल्यूम) स्थिर रहेगा, लेकिन बाकी 55 प्रतिशत को वित्तीय वर्ष 2027 और 2030 के बीच बढ़ती कॉम्पिटिशन का सामना करना पड़ सकता है.
आईटी हार्डवेयर कारोबार हाल ही में धीमा हुआ है. ब्रोकरेज का कहना है कि ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि सरकार आसान आयात की अनुमति दे रही है, जिससे स्थानीय मांग या प्रोडक्शन प्रभावित हो सकता है.
(ये एक्सपर्ट/ ब्रोकरेज के निजी सुझाव/ विचार हैं. ये इकोनॉमिक टाइम्स के विचारों को नहीं दर्शाते हैं. किसी भी फंड/ शेयर में निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की राय जरूर लें.)
You may also like
PM Fasal Bima Yojana का धमाका: अब बारिश से बर्बाद फसल पर सीधा मिलेगा ₹2 लाख तक का मुआवजा!
'सन ऑफ सरदार 2' का गाना रिलीज, अजय देवगन ने मचाया धमाल
जीएसटी कलेक्शन जून में 6.2 प्रतिशत बढ़कर 1.85 लाख करोड़ रुपए रहा
पूरी दुनिया भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा देख रही है : जीतू पटवारी
जन्मदिन विशेष : सुहास एलवाई, पैरालंपिक मेडल और अर्जुन पुरस्कार जीतने वाले एकमात्र आईएएस अधिकारी