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महाकुंभ के पानी पर विवाद: ध्रुव राठी ने उठाए सवाल

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महाकुंभ का आकर्षण और जल प्रदूषण

प्रयागराज में चल रहा महाकुंभ इस समय वैश्विक ध्यान का केंद्र बना हुआ है। भारत और अन्य देशों से लाखों श्रद्धालु यहां पवित्र स्नान के लिए आ रहे हैं। अब तक के आंकड़ों के अनुसार, 56 करोड़ से अधिक लोग इस अवसर का लाभ उठा चुके हैं।


हालांकि, इस भीड़ के कारण जल प्रदूषण में वृद्धि हो रही है। हाल ही में एक रिपोर्ट में बताया गया है कि कुंभ के जल में बैक्टीरिया मौजूद हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।


महाकुंभ के पानी पर ध्रुव राठी की टिप्पणी महाकुंभ के पानी से मचा बवाल

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने महाकुंभ के जलस्तर पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत की है, जो चिंताजनक है। 9 से 21 जनवरी के बीच लिए गए 73 नमूनों में से कोई भी पानी स्नान के लिए उपयुक्त नहीं पाया गया। विपक्षी दल इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं।


एक प्रसिद्ध यूट्यूबर, ध्रुव राठी, ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चुनौती दी है कि उन्हें महाकुंभ के पानी की गुणवत्ता पर स्पष्टता देनी चाहिए।


CPCB की रिपोर्ट में खुलासा CPCB की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
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महाकुंभ के जल की गुणवत्ता पर आई रिपोर्ट ने देशभर में हलचल मचा दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे खारिज करते हुए कहा कि संगम का पानी पीने योग्य है। लेकिन CPCB ने अपनी रिपोर्ट में गंदगी की बढ़ती मात्रा पर चिंता जताई है।


रिपोर्ट में कहा गया है कि गंगा और यमुना का जल स्नान के लिए सुरक्षित नहीं है।


जल प्रदूषण का खतरा पानी बना खतरा

CPCB की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि महाकुंभ में संगम के आसपास फेकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया की संख्या बढ़ गई है। इसके बावजूद, बड़ी संख्या में लोग प्रतिदिन स्नान कर रहे हैं, जिससे प्रदूषण का स्तर और बढ़ सकता है।


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