इस साल के आईपीएल में ऋषभ पंत का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है। उनकी 27 करोड़ रुपये की सैलरी के बावजूद, ऐसा लगता है कि वे अपनी भूमिका को सही तरीके से निभाने में असफल हो रहे हैं। हाल ही में लखनऊ सुपर जायंट्स और दिल्ली कैपिटल्स के बीच हुए मैच में पंत ने एक बार फिर से एक ऐसा निर्णय लिया, जो पहले केवल दो बार ही देखा गया था।
सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने का दुर्लभ मौका
ऋषभ पंत ने 2016 में आईपीएल में कदम रखा था और तब से उन्होंने केवल दो बार ही सातवें नंबर पर बल्लेबाजी की थी। मंगलवार के मैच में, पंत ने फिर से वही किया, जो पहले कभी नहीं किया था। उन्हें नंबर चार पर बल्लेबाजी करनी चाहिए थी, लेकिन वे सातवें नंबर पर आए और केवल दो गेंदों में बिना कोई रन बनाए आउट हो गए। यह उनके लिए एक शर्मनाक स्थिति थी।
कप्तान की चूक और टीम की रणनीति
जब लखनऊ सुपर जायंट्स के दो विकेट गिर गए थे, तो उम्मीद थी कि पंत क्रीज पर आएंगे। लेकिन उन्होंने अब्दुल समद को भेजा, जो केवल 2 रन बनाकर आउट हो गए। इसके बाद डेविड मिलर ने बल्लेबाजी की, लेकिन उन्होंने भी अपेक्षाकृत कम रन बनाए। पंत ने आयुष बदोनी को भेजा, जो इम्पैक्ट प्लेयर के रूप में आए, लेकिन इससे टीम को नुकसान हुआ।
इस स्थिति में, मयंक यादव को खेलने का मौका गंवा दिया गया। आमतौर पर, इम्पैक्ट प्लेयर तब भेजा जाता है जब बल्लेबाजी क्रम में संकट हो, लेकिन इस बार ऐसा नहीं था। यह स्पष्ट नहीं है कि यह निर्णय पंत का था या किसी और का, लेकिन कप्तान को इस पर स्पष्टीकरण देना होगा।
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