सर्दियों में ठंड और सूखे मौसम के कारण शरीर को गर्म रखने और पोषण की आवश्यकता होती है। बादाम एक ऐसा सूखा मेवा है जो इस मौसम में स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी होता है। इसमें प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और खनिज प्रचुर मात्रा में होते हैं। हालांकि, अगर आप बादाम को बिना भिगोए खाते हैं, तो इसके लाभ कम हो सकते हैं।
बादाम को भिगोकर न खाने के नुकसान
बादाम को भिगोने से उनमें फाइटिक एसिड की मात्रा कम हो जाती है, जो पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा डालता है। भिगोने से पोषक तत्वों का अवशोषण बेहतर होता है।
बादाम में फाइबर की अधिकता होती है, जो पाचन के लिए फायदेमंद है, लेकिन अधिक फाइबर पचाने में कठिनाई पैदा कर सकता है। भिगोने से फाइबर के कण छोटे हो जाते हैं, जिससे पाचन आसान होता है।
कब्ज की समस्या भी फाइबर की अधिकता के कारण हो सकती है। भिगोने से फाइबर के कणों का आकार छोटा हो जाता है, जिससे कब्ज की समस्या कम होती है।
बादाम में प्रोटीन की अधिकता पेट में जलन का कारण बन सकती है। भिगोने से प्रोटीन के कणों का पाचन आसान हो जाता है, जिससे जलन कम होती है।
एलर्जी की समस्या भी प्रोटीन के कारण हो सकती है। भिगोने से प्रोटीन के कणों का आकार छोटा हो जाता है, जिससे एलर्जी की संभावना कम होती है।
बादाम को लंबे समय तक बिना भिगोए रखने से पोषक तत्व नष्ट हो सकते हैं। भिगोने से पोषक तत्वों के नष्ट होने की संभावना कम होती है।
पेट में गैस की समस्या भी फाइबर के कारण हो सकती है। भिगोने से फाइबर के कणों का पाचन आसान हो जाता है, जिससे गैस की समस्या कम होती है।
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