बहेड़ा, जिसे हिंदी में बहेड़ा, संस्कृत में विभीतक और अंग्रेजी में बेलेरिक मिरोबोलान कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण फल है। इसका रंग हल्का भूरा और स्वाद मीठा होता है।
इसका स्वभाव ठंडा है, जबकि इसकी प्रकृति गर्म होती है। हालांकि, बहेड़ा के बीज के अंदर मौजूद मींगी का औषधीय उपयोग किया जाता है, जो अक्सर या तो फेंक दी जाती है या कंपनियों द्वारा बीज के साथ ही पीस दी जाती है। इससे बनी दवा प्रभावी नहीं होती, जबकि यह फल अत्यधिक पौष्टिक है।
बहेड़ा के स्वास्थ्य लाभ
बहेड़ा कब्ज को दूर करने में सहायक होता है। इसके आधे पके फल को पीसकर रोजाना एक चम्मच पानी के साथ लेने से पेट साफ होता है।
श्वास और दमा के लिए, बहेड़े और धतूरे के पत्तों को मिलाकर पीसकर चिलम में भरकर पीने से राहत मिलती है।
बालों के लिए, बहेड़े के फल का चूर्ण पानी में भिगोकर बालों की जड़ों पर लगाने से बालों का गिरना रुक जाता है।
अतिसार के लिए, बहेड़ा की राख को कालानमक के साथ मिलाकर लेने से लाभ होता है।
बहेड़ा के हानिकारक प्रभाव
हालांकि बहेड़ा के कई स्वास्थ्य लाभ हैं, लेकिन इसके बीज का अत्यधिक सेवन शरीर में विषैला प्रभाव डाल सकता है, जिससे गुदा प्रभावित होता है।
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