गाजियाबाद में एक रिटायर्ड पुलिसकर्मी ने अपने फ्लैट पर कई बैंकों से लिए गए लोन के लिए बिल्डर को जिम्मेदार ठहराया है। पीड़ित ने 2019 में मोरटा स्थित मीडोज विस्टा सोसायटी में अपनी पत्नी के नाम पर एक फ्लैट खरीदा था। पिछले साल मार्च में, उन्हें दो बैंकों के प्रतिनिधियों ने सूचित किया कि उनके फ्लैट पर लोन है।
फ्लैट पत्नी के नाम पर खरीदा गया था। इसके बाद, अन्य वित्तीय कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भी उन्हें बताया कि उनके फ्लैट पर लोन लिया गया है। पीड़ित महेश चंद त्यागी ने मधुबन बापूधाम थाने में बिल्डर, बैंक और फ्लैट बेचने वाली महिला के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी पत्नी विनेश त्यागी के नाम से तीन कमरों का फ्लैट 28 लाख रुपये में विनीता केसरवानी से खरीदा था।
मार्च 2023 में, आईसीआईसीआई बैंक के एक प्रतिनिधि ने उन्हें बताया कि उनके फ्लैट पर राहुल ओझा और नीरज वर्मा ने 42 लाख रुपये का लोन लिया है। कुछ दिनों बाद, पिरामल कैपिटल एंड हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के प्रतिनिधि ने कहा कि सौरभ अग्रवाल ने उनके फ्लैट पर 45 लाख रुपये का लोन लिया है।
इसके अलावा, अन्य वित्तीय संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भी उन्हें सूचित किया कि उनके फ्लैट पर लोन है। पीड़ित ने पुलिस को बताया कि जब उन्होंने जांच की, तो पता चला कि बिल्डर ने उनके फ्लैट के साथ-साथ कई अन्य फ्लैटों पर प्रोफाइल फंडिंग कराई थी।
लोन न चुकाने के कारण वित्तीय संस्थानों के लोग रिकवरी के लिए आ रहे हैं। पीड़ित की शिकायत पर बिल्डर प्रमोद कुमार सिंह, राहुल ओझा, नीरज वर्मा, सौरभ अग्रवाल, विनीता केसरवानी और कुछ अज्ञात बैंककर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
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