नई दिल्ली: शेयर मार्केट में गुरुवार को बड़ी गिरावट आई। प्रमुख सेक्टरों में कमजोरी के कारण सेंसेक्स 592.67 अंक यानी 0.70% गिरकर 84,404.46 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी में भी 176.05 अंक यानी 0.68% की गिरावट आई और यह 25,877.85 पर बंद हुआ। निफ्टी बैंक भी 0.61% लुढ़क गया और यह 58,031 पर बंद हुआ। इस गिरावट के कारण निवेशकों के एक ही दिन में 3 लाख करोड़ रुपये डूब गए। यानी बीएसई का मार्केट कैप 3 लाख करोड़ रुपये घटकर 472 लाख करोड़ रुपये रह गया।
शेयर मार्केट में यह गिरावट अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से घोषित ब्याज दरों में कटौती के बाद आई है। फेड रिजर्व ने कल ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की घोषणा की थी। जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के हेड ऑफ रिसर्च विनोद नायर ने बताया कि फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष पॉवेल ने संकेत दिया कि साल 2025 के लिए यह आखिरी दर कटौती हो सकती है। इस बयान ने आगे और राहत मिलने की उम्मीदों को कम कर दिया। इसके चलते अमेरिकी डॉलर मजबूत हुआ, जिसके कारण भारत सहित कई देशों की शेयर मार्केट में गिरावट आई।
शेयरों का मिलाजुला प्रदर्शन
बाजार में कमजोरी के बावजूद कुछ शेयर ऐसे रहे जिन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया। लार्सन एंड टुब्रो (L&T) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (BEL) दिन के सबसे बड़े गेनर रहे। इसके अलावा, अल्ट्राटेक सीमेंट, मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स (TMPV) और अडानी पोर्ट्स जैसे शेयरों में भी बढ़त देखी गई। वहीं दूसरी ओर भारती एयरटेल, पावर ग्रिड, टेक महिंद्रा, इंफोसिस और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसे शेयर प्रमुख लूजर रहे।
मार्केट में गिरावट के 5 प्रमुख कारण
1. चीन-अमेरिका की डील पक्की नहीं!
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मुलाकात की। इस मुलाकात में व्यापार को लेकर कुछ चर्चा भी हुई। ट्रंप ने इस मुलाकात को ‘अद्भुत’ बताया और कहा कि इससे कई समस्याएं हल हो गई हैं। हालांकि, निवेशक इस पर संशय में दिखे। चीन की ओर से आया पहला आधिकारिक बयान यह संकेत दे रहा था कि कोई भी डील अभी पूरी तरह से तय नहीं हुई है।
2. रुपये पर बढ़ा दबाव
बहुप्रतीक्षित अमेरिका-चीन व्यापार सौदे ने निवेशकों को आश्वस्त नहीं किया, जिसके बाद एशियाई मुद्राओं पर दबाव देखा गया। बाजार पर्यवेक्षकों के अनुसार मुद्रा व्यापारी, विशेष रूप से ट्रंप के रुख में बदलाव को लेकर संशय में हैं। उन्हें डर है कि यह जल्दी से टैरिफ की धमकी को फिर से शुरू कर सकता है और जोखिम से बचने की भावना को ट्रिगर कर सकता है। इससे अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया और भी गिर गया।
3. फार्मा शेयरों पर दबाव
आज के कारोबार में फार्मा शेयरों में भारी गिरावट आई। डॉ. रेड्डीज का शेयर लगभग 5% गिर गया और रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि कनाडा के फार्मास्युटिकल ड्रग्स डायरेक्टोरेट ने उनके Semaglutide Injection के ANDS (Abbreviated New Drug Submission) के लिए एक गैर-अनुपालन नोटिस जारी किया। नोटिस में सबमिशन के विशिष्ट हिस्सों पर स्पष्टीकरण का अनुरोध किया गया था।
4. शेयर बाजार में मुनाफावसूली का दौर
आज शेयर बाजार में मुनाफावसूली देखी गई। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि इस महीने सेंसेक्स और निफ्टी में 5% से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई थी और ये दोनों सूचकांक अपने रिकॉर्ड स्तर के बहुत करीब पहुंच गए थे। विश्लेषकों का मानना है कि इसी वजह से निवेशकों ने अपना मुनाफा बुक करने का फैसला किया।
5. एशियाई बाजारों से मिले मिले-जुले संकेत
ट्रंप ने शी जिनपिंग के साथ हुई एक मुलाकात के बाद चीन से आयात होने वाले सामान पर लगने वाले टैरिफ को 57% से घटाकर 47% कर दिया है। इसके बावजूद, एशियाई बाजारों में ज़्यादा उत्साह नहीं दिखा। हालांकि अमेरिका ने चीन पर टैरिफ कम कर दिए और ब्याज दरों में भी कटौती हुई, फिर भी एशियाई बाजारों में कारोबार की चाल धीमी रही। चीन का शंघाई कंपोजिट 0.7% नीचे रहा। हांगकांग का हैंग सेंग, सिंगापुर का स्ट्रेट्स टाइम्स और सिंगापुर बेंचमार्क करीब 0.3% गिरे। वहीं, जापान का निक्केई और दक्षिण कोरिया का कोस्पी गुरुवार को 0.3% तक बढ़े।
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