हमारा देश, धार्मिक विविधताओं व सहिष्णुता के लिए विश्व भर में जाना जाता है। धर्म-संस्कृति के क्षेत्र में विश्वविख्यात भारत ‘स्वीकार्यता’ को अपना मूल मंत्र मानता है, यानी यहां समाज कल्याण संबंधी सभी मूल्यों को आसानी से ग्रहण कर लिया जाता है। देखा जाए तो भारतीय लोकतंत्र भी इसी ‘स्वीकार्यता’ की नींव पर गढ़ा गया है, जिसे विश्व का सबसे मजबूत लोकतंत्र कहा जाता है।

इसी ‘स्वीकार्यता’ की छवि को, भारतीय संस्कृति में भलीभांति देखा जा सकता है। जिसके सबसे प्रभावशाली प्रतीक भारतीय मंदिर हैं, जो अपने दैविक आकर्षण के लिए दुनिया भर में जाने जाते हैं। भारत में अनेकोनेक मन्दिर है। मन्दिर का इतिहास काफ़ी पुराना है। इतना ही नहीं कई मंदिर हमारे देश में तो ऐसे हैं, जो अपने आप में अजीबोगरीब है।
हिन्दू धर्म में 33 करोड़ देवी-देवताओं की पूजा (Worship) का विधान है। सब कोई अपने अपने हिसाब से अलग-अलग भगवान की उपासना करते हैं। देश-दुनिया में इन सभी के लिए कई तरह के मंदिर (Temple) भी बने हुए हैं। अपनी-अपनी आस्था के हिसाब से भक्त इन मंदिरों में दर्शन के लिए जाते हैं। अभी तक आपने कई विचित्र मंदिरों (Weird Temple) या प्रथाओं (Weird Traditions) के बारे में सुना होगा लेकिन शायद राजस्थान (Rajasthan) के जोधपुर (Jodhpur) में स्थित ॐ बन्ना (Om Banna Temple) या बुलेट मंदिर (Bullet Temple) के बारे में आपने नहीं सुना होगा। तो आइए जानते हैं इस रहस्यमयी मंदिर (Mysterious Temple) से जुड़ी कुछ रोचक और अनसुनी बातें। आख़िर क्यों होती है इस मन्दिर में बुलेट की पूजा और क्या कुछ है इसके पीछे का कारण (Reason)…
बात दें कि भारत में कई तरह के मंदिर (Indian Temples) पाए जाते हैं। यहां कुछ लोग मंदिरों में माथा टेकने जाते हैं तो कुछ पेड़-पौधों के आगे सजदा करते हैं। यानी हर किसी का अपना एक तरीका होता है उपासना करने का और किसी को किस प्रकार उपासना करनी चाहिए या नहीं इसके लिए बाध्य नहीं किया जा सकता, क्योंकि धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार हमारा संविधान सभी व्यक्तियों को देता है। मालूम हो कि जोधपुर-पाली हाइवे के पास चोटिला नामक एक गांव है, जहां बुलेट वाले बाबा “ॐ बन्ना” विराजित हैं। बहुत सारे लोगों के लिए यह जगह अंजान हो सकती है, लेकिन जोधपुर-पाली हाइवे से गुज़रने वाले लोग मंदिर से अच्छी तरह वाकिफ़ हैं। इसी मंदिर (Temple) में देवी-देवताओं के बजाय मोटरसाइकिल की पूजा (Bullet Worship) की जाती है। यह सुनकर आपको थोड़ी हैरानी हो रही होगी लेकिन यह बात सोलह आने सच है।
वैसे मालूम हो इस मंदिर में बुलेट की पूजा होना कोई साधारण बात नहीं, इसके पीछे एक दिलचस्प कहानी है। यह बात क़रीब 1988 के आस-पास की है। जब पाली निवासी “ॐ बन्ना” अपनी बुलेट से कहीं जा रहे थे। इस दौरान रास्ते में उनका एक्सीडेंट (accident) हो गया और इतना ही नहीं इस दुर्घटना में उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ी। दुर्घटना के बाद उनकी बुलेट को थाना ले जाया गया, लेकिन ऐसा मानते हैं कि वह बुलेट एकाएक पुलिस स्टेशन से ग़ायब हो गई। इसमें हैरानी वाली बात यह थी कि ॐ बन्ना की गुमशुदा बुलेट उस जगह पाई गई, जहां उनका एक्सीडेंट हुआ था। पहले तो पुलिस ने इस घटना को गम्भीरता से नहीं लिया और दोबारा बाइक थाने में आ गई। इस बार पुलिस ने एहतियात बरतते हुए बाइक को चेन से बांध दिया। चेन से बंधी होने के बावजूद बाइक दोबारा थाने से ग़ायब हुई और घटनास्थल पर पहुंच गई। इस घटना ने गांव के लोगों को चमत्कार शब्द पर यकीन दिला दिया। इसके बाद से लोगों ने उस बाइक को वहीं स्थापित कर दी और उसकी पूजा-अर्चना करने लगे।

जिसके बाद से कहा जाता है कि बुलेट मंदिर (Bullet Temple) जब से बना है तभी से वहां कोई एक्सीडेंट नहीं हुआ है। इसके अलावा अब तो बुलेट मन्दिर में दर्शन करने लोग दूर दूर से पहुँचते है। इतना ही नहीं राजस्थान में एक बड़ा वर्ग “ॐ बन्ना” की पूजा करता है और उनकी आरती, भजन भी गाए जाते हैं। बता दें कि यह मंदिर जोधपुर-पाली हाइवे से 20 किलोमीटर दूर स्थित है। वैसे एक बात तो तय है कि भारत ही ऐसा देश है जहां कोई पत्थर की मूरत में आस्था ढूढ़ता है तो कोई बाइक या पेड़-पौधों में। यही तो हमारी पहचान और खासियत है। ये खबर आप हिमाचली खबर में पढ़ रहे हैं। । जो औरों से हमें अलग बनाती है।
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