कीव, 27 सितंबर . रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस बीच यूक्रेन के President वोलोडिमिर जेलेंस्की ने अमेरिका के President डोनाल्ड ट्रंप के साथ की तस्वीर शेयर की.
President जेलेंस्की ने social media प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि अमेरिका यूक्रेन के साथ है और हमें इसका एहसास है. हम अमेरिका के लोगों, President डोनाल्ड ट्रंप और फर्स्ट लेडी मेलानिया ट्रंप का यूक्रेन की जनता, हमारे बच्चों और हमारे देश के प्रति उनके समर्थन के लिए धन्यवाद करते हैं. हम एक साथ हैं. इसका मतलब है कि हमारी जान सुरक्षित रहेगी और शांति व सुरक्षा और करीब होगी.
पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र महासभा यानी यूएनजीए में यूक्रेन के President वोलोडिमिर जेलेंस्की ने सुरक्षा की गारंटी का मुद्दा उठाया था. जेलेंस्की ने शांति और सुरक्षा की बात करते हुए दावा किया कि शांति अंतरराष्ट्रीय कानून नहीं, बल्कि हथियार तय करते हैं.
जेलेंस्की ने कहा, “आप भी उतनी ही सुरक्षा और शांति चाहते हैं जितनी आज हम (यूक्रेन) चाहते हैं. सुरक्षा की गारंटी हमारे (यूक्रेन) अलावा कोई नहीं दे सकता. केवल मजबूत गठबंधन, केवल मजबूत साझेदार और केवल हमारे अपने हथियार, 21वीं सदी अतीत से बहुत अलग नहीं है. अगर कोई राष्ट्र शांति चाहता है तो उसे अभी भी हथियारों पर काम करना होगा. अंतरराष्ट्रीय कानून नहीं, सहयोग नहीं, बल्कि हथियार तय करते हैं कि कौन बचेगा.”
उन्होंने आगे कहा, “फिलिस्तीन, सोमालिया और सूडान में जो कुछ हुआ उसे रोकने में कोई भी एक अंतरराष्ट्रीय संस्था सामने नहीं आई, जिससे किसी भी आक्रमण को वास्तव में रोका जा सके.”
गाजा का जिक्र कर अंतरराष्ट्रीय संगठन को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा, “सूडान, सोमालिया, फिलिस्तीन या दशकों से युद्ध झेल रहा कोई भी अन्य संयुक्त राष्ट्र या वैश्विक व्यवस्था से क्या उम्मीद कर सकता है, सिर्फ बयानों और बयानों के अलावा? इतने सारे बदलावों के बाद भी, सीरिया को अपनी अर्थव्यवस्था को चौपट कर रहे प्रतिबंधों में ढील देने के लिए दुनिया से अपील करनी पड़ रही है. उसे मांग करनी होगी और इंतजार करना होगा. सीरिया की मदद अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को करनी चाहिए.”
इसके बाद उन्होंने रूस-यूक्रेन जंग का जिक्र किया. बोले, “मेरे देश के खिलाफ रूस का युद्ध जारी है, हर हफ्ते लोग मर रहे हैं, फिर भी युद्धविराम नहीं हो पा रहा है.”
उन्होंने आगे कहा कि पिछले साल जापोरिज्जिया बिजली संयंत्र पर रूसी हमले के परिणामस्वरूप होने वाले विकिरण के खतरे को लेकर चेतावनी दी थी, लेकिन तब से कुछ भी नहीं बदला है.
उन्होंने कहा, “रूस ने गोलाबारी बंद नहीं की, यहां तक कि परमाणु संयंत्र के पास के इलाकों में भी नहीं. और अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं इतनी कमजोर हैं कि यह पागलपन जारी है.”
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डीकेपी/
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