मुंबई, 6 मई . केंद्र सरकार ने देशभर में युद्ध जैसी परिस्थितियों से निपटने के लिए मॉक ड्रिल कराने का निर्णय लिया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर 7 मई को देश के सैकड़ों जिलों में यह मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी.
इसमें महाराष्ट्र के 16 शहर शामिल हैं. इस अभूतपूर्व अभ्यास की योजना 1971 के बाद पहली बार बनाई गई है. महाराष्ट्र सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए राज्य को हाई अलर्ट मोड पर रखा है.
मॉक ड्रिल का आयोजन मुंबई, ठाणे, पुणे, नासिक, पिंपरी-चिंचवड, उरण, तारापुर, नागठाणे, सिन्नर, थल वैशेत, छत्रपति संभाजीनगर, भुसावल, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग में किया जाएगा.
मॉक ड्रिल के दौरान युद्धकालीन परिदृश्य का अभ्यास किया जाएगा, जिसमें नागरिकों को हवाई हमलों, ब्लैकआउट और बचाव कार्यों के बारे में जागरूक किया जाएगा. इस दौरान, हवाई हमले की अग्रिम चेतावनी सायरन के माध्यम से दी जाएगी. नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर जाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा.
ब्लैकआउट अभ्यास कराए जाएंगे ताकि रात के समय दुश्मन को महत्वपूर्ण स्थानों की पहचान न हो सके. प्राथमिक उपचार और राहत कार्यों का अभ्यास होगा. घरों में पानी, भोजन और ईंधन के संग्रहण पर जोर दिया जाएगा. नागरिकों को खुले स्थानों से दूर रहने और निर्धारित समय के भीतर सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचने का अभ्यास कराया जाएगा.
बताया गया कि इस दौरान तुरंत घर की सभी लाइटें बंद करनी हैं. इमारत से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थानों की ओर बढ़ना होगा. खुले क्षेत्रों से बचने और कम से कम 5 से 10 मिनट के भीतर सुरक्षित स्थल पर पहुंचने की अपील की गई है.
यह मॉक ड्रिल ऐसे समय में हो रही है जब हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है. भारत ने कड़ा रुख अपनाते हुए जवाबी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है.
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डीएससी/एबीएम
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