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श्वेता त्रिपाठी बनेंगी थिएटर निर्माता, लाएंगी समलैंगिक मुद्दे पर नाटक

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मुंबई, 30 मई . एक्ट्रेस श्वेता त्रिपाठी जल्द ही थिएटर निर्माता के रूप में अपनी शुरुआत करने जा रही हैं. वह एक मशहूर ब्रिटिश नाटक ‘कॉक’ का मंचन करेंगी. यह उनका पहला प्रोडक्शन होगा, जिससे वह थिएटर की दुनिया में कदम रख रही हैं.

इस नाटक का पहला शो 6 जून को दिल्ली में मैक्स मुलर भवन में होगा. फिर 10 जून को मुंबई में पृथ्वी थिएटर में इसका प्रदर्शन होगा.

प्रोजेक्ट के बारे में बात करते हुए श्वेता ने कहा, “मुझे थिएटर हमेशा से बहुत पसंद रहा है. थिएटर में सब कुछ सीधे-सादे तरीके से सामने आता है, कोई भी चीज छुपाई नहीं जा सकती. ‘कॉक’ बनाना मेरे लिए एक व्यक्तिगत और रचनात्मक फैसला है, मेरा मानना है कि कहानियों में दुनिया की सारी सच्चाई और खूबसूरती दिखनी चाहिए.”

श्वेता अपनी थिएटर प्रोडक्शन कंपनी ऑलमायटी के तहत इस नाटक का निर्माण कर रही हैं. इस नाटक का निर्देशन यूके में रहने वाले मनीष गांधी कर रहे हैं. इसमें रिताशा राठौड़, तन्मय धनानिया, साहिर मेहता और हर्ष सिंह जैसे कलाकार शामिल हैं.

श्वेता के लिए इस नाटक पर काम करना बेहद खास बात है, क्योंकि यह नाटक समलैंगिक प्यार और प्राइड मंथ को सेलिब्रेट करता है. जून महीने को एलजीबीटीक्यू समुदाय के लिए प्राइड मंथ के रूप में मनाया जाता है और ये कहानियां उन्हें सम्मान देने के लिए समर्पित हैं. इसलिए, इस महीने में इस नाटक को दिखाना बहुत मायने रखता है.

यह नाटक माइक बार्टलेट नाम के ब्रिटिश लेखक ने लिखा है और मनीष गांधी इसका निर्देशन कर रहे हैं. यह नाटक बहुत गहरी और भावुक कहानी है. इसमें बताया गया है कि इंसान अपनी पहचान और अपने प्यार के बारे में कैसे सोचता है और ये चीजें कैसे बदलती रहती हैं. कहानी एक ऐसे आदमी की है जो अपने लंबे समय के पुरुष साथी और एक नई महिला के प्रति अपनी भावनाओं के बीच उलझा हुआ है. नाटक उसके दिल की भावनाओं को सीधे-सादे तरीके से पेश करता है.

एक्ट्रेस ने कहा, “हम ऐसे समय में जी रहे हैं जब लोग अपनी असली पहचान को खुलकर अपना रहे हैं. ‘कॉक’ नाटक उस सफर की मुश्किलें और खूबसूरती दोनों को सच्चाई के साथ सामने रखता है. यह सफर थोड़ा उलझा हुआ है. इस नाटक ने मुझे अपनी ओर आकर्षित किया है.”

उन्होंने आगे कहा कि वह ऐसी कहानियों का हिस्सा बनना चाहती हैं जो लोगों को सोचने पर मजबूर कर दें, लेकिन एक अच्छे तरीके से. ऐसी कहानियां जो बातचीत को बढ़ावा दें, दूसरों की भावनाओं को समझने में मदद करें, और शायद कुछ बदलाव भी लाएं.

श्वेता ने कहा, “प्राइड मंथ एक उत्सव है, लेकिन यह ये भी याद दिलाता है कि लोगों को दिखना, शामिल होना और स्वीकार किया जाना अभी भी एक संघर्ष है. इस नाटक के जरिए हम समलैंगिक अनुभवों का सम्मान करना चाहते हैं और उन्हें वह मंच देना चाहते हैं जिसके वे लंबे समय से हकदार हैं.”

इस नाटक की तैयारी अभी चल रही है, कास्टिंग और प्री-प्रोडक्शन पर काम जारी है. यह नाटक जून 2025 में मुंबई और दिल्ली में शुरू होने वाला है.

पीके/एएस

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