नई दिल्ली, 16 मई . विमानन के क्षेत्र में काम करने वाली तुर्की की कंपनी सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया ने सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के केंद्र सरकार के फैसले को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी है. कंपनी ने अपनी याचिका में इस फैसले को मनमाना और ‘अस्पष्ट’ राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं पर आधारित बताया है.
सेलेबी ने याचिका में कहा है कि आदेश में कोई ठोस तर्क नहीं था और इसे बिना किसी पूर्व सूचना के जारी किया गया था. कंपनी ने कहा, “किसी इकाई को किस तरह से खतरा है, इस पर विस्तार से बताए बिना राष्ट्रीय सुरक्षा के बारे में केवल बयानबाजी करना… कानून के समक्ष टिक नहीं सकता.”
सेलेबी ने चेतावनी दी कि इस फैसले से 3,791 नौकरियां तथा निवेशकों का विश्वास प्रभावित होगा और हवाईअड्डे की आवश्यक सेवाएं बाधित होंगी.
सरकार ने गुरुवार को भारतीय हवाईअड्डों पर तुर्की की ग्राउंड-हैंडलिंग फर्म सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज के लिए सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी थी. उसने बताया था कि आतंकवाद को पनाह देने वाले पाकिस्तान का समर्थन करने के मद्देनजर तुर्की के व्यवसायों पर प्रतिबंध लगाने की मांग बढ़ गई थी.
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा था कि “बीसीएएस (नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो) के महानिदेशक को दी गई शक्ति का प्रयोग करते हुए, राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में सुरक्षा मंजूरी तत्काल प्रभाव से रद्द की जाती है.”
तुर्की की यह कंपनी मुंबई हवाईअड्डे पर यात्री सेवाओं, लोड नियंत्रण, उड़ान संचालन, कार्गो और डाक सेवाओं, गोदामों और एयरोब्रिज संचालन सहित लगभग 70 प्रतिशत ग्राउंड संचालन संभालती है.
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा था कि सरकार को पूरे देश से सेलेबी एनएएस एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया लिमिटेड पर प्रतिबंध लगाने के अनुरोध प्राप्त हुए हैं, जो भारतीय हवाई अड्डों पर ग्राउंड हैंडलिंग सेवाएं संचालित करने वाली तुर्की की कंपनी है.
मंत्री ने पोस्ट में लिखा, “इस मुद्दे की गंभीरता और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के आह्वान को समझते हुए, हमने इन अनुरोधों का संज्ञान लिया है और नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने उक्त कंपनी की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी है. राष्ट्र की सुरक्षा और हितों को सुनिश्चित करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है.”
सेलेबी ने 2008 में भारतीय विमानन क्षेत्र में प्रवेश किया था. रिपोर्टों के अनुसार, फर्म का आंशिक स्वामित्व तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन की बेटी सुमेये एर्दोगन के पास है. सुमेये एर्दोगन की शादी सेल्कुक बेराकटार से हुई है, जो बेराकटार सैन्य ड्रोन का उत्पादन करता है जिसका इस्तेमाल पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ किया था.
इससे पता चलता है कि पाकिस्तान को समर्थन देना केवल तुर्की की सरकारी नीति का मामला नहीं है, बल्कि इसमें एर्दोगन का अपना परिवार सीधे तौर पर शामिल है.
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एकेजे/
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