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ऋषिकेश के गंगा तट पर योगासन: स्वामी चिदानंद सरस्वती बोले, 'पूरे विश्व में बढ़ रहा योग का वर्चस्व'

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ऋषिकेश, 21 जून . उत्तराखंड के ऋषिकेश में योग दिवस का भव्य आयोजन किया गया. इसमें 25 देशों के राजदूत, उच्चायुक्त, राजनयिक और उच्चाधिकारियों ने गंगा तट पर योगासन किया. परमार्थ निकेतन ने इसको आयोजित किया. आध्यात्मिक संस्थान के प्रमुख स्वामी चिदानंद स्वामी ने इसे हर्ष और गौरव का विषय बताया. आध्यात्मिक गुरु ने विषय के चुनाव को भी महत्वपूर्ण माना.

स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि पूरे विश्व में योग का वर्चस्व बढ़ता जा रहा है. उन्होंने ‘योग कर निरोग रहने’ का मंत्र भी दिया.

स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा, “योग का करिश्‍मा अद्भुत है और ये बढ़ता ही जा रहा है. योग की मशाल आगे बढ़ रही है. इस बार तो नए रिकॉर्ड बन रहे हैं. परमार्थ निकेतन में गंगा के पावन तट पर 25 देशों के राजदूत, उच्चायुक्त, राजनयिक और उच्चाधिकारी ने योगाभ्‍यास किया.”

आध्यात्मिक गुरु ने थीम को भी अति महत्वपूर्ण माना. उन्होंने कहा, “उत्तराखंड की भूमि संयम, संगम, जुड़ने और जोड़ने की भूमि है. गंगा में सारी नदियां समाहित हैं, यही काम योग भी करता है, यह सभी को जोड़ता है. इस बार की अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम ‘वन अर्थ वन हेल्‍थ’ है. इसका मतलब है हमारे पास एक ही धरती है और यह तभी स्‍वस्‍थ रहेगी जब हम स्‍वस्‍थ रहेंगे.”

बता दें, 21 जून को ही धामी सरकार ने उत्तराखंड योग नीति 2025 लागू कर दी है. इसके तहत साल 2030 तक उत्तराखंड में कम से कम पांच नए योग हब स्थापित करने का लक्ष्य है. जागेश्वर, मुक्तेश्वर, व्यास घाटी, टिहरी झील और कोलीढेक झील क्षेत्र में योग हब स्थापित होंगे. प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसका ऐलान करते हुए कहा, “हम एक ओर वर्ष 2030 तक राज्य में 5 नए योग हब की स्थापना करेंगे, वहीं मार्च 2026 तक राज्य के सभी आयुष, हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर में योग सेवाओं की उपलब्धता भी सुनिश्चित करेंगे.”

उल्‍लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में 21 जून को अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस घोषित करने का प्रस्ताव रखा था. यह प्रस्ताव 11 दिसंबर 2014 को पारित हुआ, जिसके बाद 2015 से हर साल इस दिन को दुनिया भर में योग के महापर्व के रूप में मनाया जाता है.

एएसएच/केआर

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