त्तर प्रदेश,1 अक्टूबर . देशभर में नवरात्रि के साथ तीज-त्योहारों की शुरुआत हो चुकी है. त्योहारों के साथ-साथ प्रदेश की कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए Governmentें प्रयासरत हैं.
उत्तर प्रदेश में नवरात्रि के पहले दिन से गाइडलाइन जारी की गई थी कि गरबा पंडालों में समुदाय विशेष के लोगों की एंट्री पर बैन रहेगा. ये फैसला प्रदेश में कानून व्यवस्था को बरकरार रखने और सौहार्द और शांति को बनाए रखने के लिए लिया गया.
अब इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान ने से बातचीत में कहा, “गरबा पंडालों को लेकर Tuesday को इसलिए एक्शन लिया गया, क्योंकि मेरे पास उत्तर प्रदेश के कई संत और महात्माओं के अलावा प्रबुद्ध वर्ग के लोगों के फोन आए थे, जो लोग डांडिया में जाते हैं.”
उन्होंने बताया कि पंडालों में कुछ लोग ऐसे आते हैं जो महिलाओं को छेड़ते हैं और उनके साथ अभद्रता करते हैं.
उन्होंने आगे कहा, “संतों ने मुझसे कहा कि हम इस पर कार्रवाई चाहते हैं, जो भी लोग पंडाल या गरबा के लिए आते हैं, उनका आधार कार्ड चेक करें, लेकिन ये संभव नहीं है, क्योंकि बहुत लोग आते हैं. ऐसे में कुछ ऐसे लोगों की जांच करने के लिए कहा गया है जो संदिग्ध दिखें…या लगे कि ये कुछ गलत कर रहा हो, उनका आधार कार्ड चेक किया जाएगा. कुछ लोगों का मकसद ही होता है ऐसी जगहों पर उत्पाद मचाना, ऐसे लोगों पर नजर बनाए रखना और कार्रवाई करना हमारा पहला काम है.”
बरेली विवाद पर बात करते हुए महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान ने आगे कहा, “मेरा व्यक्तिगत अनुभव है कि हमारे कॉलोनी में भी पिछले कई वर्षों तक मुस्लिम लड़के लड़कियों की वेशभूषा में रामनवमी के मौके पर आते थे, पर इस बार वो नहीं दिख रहे हैं. बरेली में हाल में हुई पत्थरबाजी में बच्चे भी शामिल थे, ये जिस समुदाय से आते हैं, इनके माता-पिता इनको क्या परवरिश या संस्कार देते हैं, जो ये इन कृत्यों में शामिल होते हैं? ऐसे बच्चे समाज और खुद अपने परिवार के लिए भी घातक हैं.”
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पीएस/जीकेटी
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