नई दिल्ली, 17 मई . सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश पर निशाना साधते हुए कहा कि जयराम रमेश अपनी ही पार्टी के नेता शशि थरूर के नाम पर आपत्ति जता रहे हैं.
प्रदीप भंडारी ने सवाल उठाया कि राहुल गांधी को आखिर क्यों हर वह नेता नापसंद है, जो भारत की बात करता है, चाहे भले ही वह उनकी पार्टी का ही क्यों न हो?
वहीं, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि सरकार ने शुक्रवार की सुबह कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से संपर्क कर 4 सांसदों के नाम मांगे थे. उन्होंने बताया कि कांग्रेस ने उसी दिन दोपहर तक चार नामों की सूची औपचारिक रूप से केंद्र सरकार को भेज दी थी.
इनमें पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री आनंद शर्मा, कांग्रेस के लोकसभा में उपनेता गौरव गोगोई, कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डॉ. सैयद नसीर हुसैन और लोकसभा सांसद राजा बराड़ के नाम शामिल थे.
जयराम रमेश ने स्पष्ट किया कि उनकी आपत्ति शशि थरूर के नाम पर नहीं है, बल्कि इस प्रक्रिया पर है कि जब सरकार ने कांग्रेस से औपचारिक रूप से नाम मांगे थे, तो उन्हीं नामों को प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया जाना चाहिए था.
उन्होंने कहा, “अगर सरकार ने पहले ही तय कर रखा था कि कौन जाएगा, तो विपक्ष से नाम मांगने की जरूरत ही क्या थी?” उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह गंभीर कूटनीतिक विषयों को भी राजनीतिक लाभ के लिए मोड़ने का प्रयास कर रही है.
कांग्रेस का कहना है कि देशहित के इस संवेदनशील विषय पर सभी दलों को साथ लेकर चलना चाहिए और यदि नाम मांगे गए थे तो प्रक्रिया का सम्मान होना चाहिए.
इसके साथ ही कांग्रेस ने स्पष्ट रूप से कहा कि विभिन्न देशों में जा रहे सर्वदलीय सांसद प्रतिनिधिमंडल के दौरे को राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए, क्योंकि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में देश एकजुट है और पाकिस्तान को सबक सिखाने के मामले में एक स्वर में बात रखनी चाहिए.
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डीएससी/एबीएम
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