मेडक (तेलंगाना), 1 नवंबर . तेलंगाना Government ने पर्यावरण संरक्षण और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई पहल शुरू की है. वन एवं पर्यावरण मंत्री कोंडा सुरेखा ने Saturday को मेडक जिले के नरसापुर निर्वाचन क्षेत्र में एक शहरी इको-पार्क और कॉटेज का उद्घाटन किया.
उन्होंने कहा कि राज्य को इको-टूरिज्म का प्रमुख केंद्र बनाने का लक्ष्य है, ताकि प्रकृति प्रेमी और पर्यटक हैदराबाद के करीब जंगलों का आनंद ले सकें. नरसापुर के 600 एकड़ वन क्षेत्र को विकसित कर शहरी इको-पार्क के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जो प्रदूषणग्रस्त शहरवासियों के लिए सांसतोड़ अनुभव प्रदान करेगा.
मंत्री सुरेखा ने उद्घाटन समारोह में कहा, “तेलंगाना को इको-टूरिज्म का केंद्र बनाया जाएगा. हैदराबाद-मेडक राष्ट्रीय राजमार्ग के पास स्थित नरसापुर जंगल को पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए शहरी इको-पार्क के रूप में विकसित किया गया है. हमारी Government ने नरसापुर के जंगलों को प्रमुख पर्यटन स्थल बनाने के उद्देश्य से उन्नत सुविधाओं वाले कॉटेजों का निर्माण शुरू किया है. वन विभाग ने निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी में इन्हें उपलब्ध कराया है.”
उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र का और विकास किया जाएगा, ताकि पर्यटक प्राकृतिक सौंदर्य का भरपूर आनंद ले सकें. आज के दौर में शहर प्रदूषण की चपेट में हैं, ऐसे में इको-पार्कों का विकास अनिवार्य हो गया है. सुरेखा ने कहा, “मानवीय जीवनशैली जंगलों से शुरू हुई थी, लेकिन शहरीकरण के कारण बढ़ते प्रदूषण ने लोगों को फिर से प्रकृति की ओर मोड़ दिया है. इसलिए हमने शहरी इको-पार्क विकसित किया है. मशीनी जीवन में परिवार के साथ सप्ताहांत बिताने के लिए यहां सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं.”
उन्होंने चिंता जताई कि कुछ माता-पिता बच्चों को फोन और इंस्टाग्राम रील्स पर जंगल दिखा रहे हैं, जो गलत है. “अगर प्रकृति आंखों के सामने साकार हो, तो यह अद्भुत होगा. वन विभाग ने इसी उद्देश्य से इको-पार्क स्थापित किए हैं.”
मंत्री ने कहा, “यह वॉचटावर सभी को प्रभावित करेगा. हैदराबाद के बाहरी इलाकों में स्थित निजी कॉटेजों को टक्कर देने वाली सुविधाएं यहां उपलब्ध हैं.” अधिकारियों के अनुसार, पर्यटकों की संख्या में पहले से वृद्धि हो चुकी है, और आगे और विकास होगा.
सुरेखा ने बताया, “जल संग्रहण क्षेत्र में 21 कॉटेज, एक ही ब्लॉक में 12 कॉटेज, पर्यावरण शिक्षा केंद्र, सेमिनार हॉल, इनडोर-आउटडोर खेल, नेट क्रिकेट, स्विमिंग पूल, रेस्टोरेंट और रसोईघर का निर्माण पूरा हो चुका है. कॉटेज के आसपास खाली जगह में पौधे लगाए गए हैं.” जिले के 4,300 एकड़ वन क्षेत्र में से 600 एकड़ को इको-पार्क, ऑफिसर्स गेस्टहाउस, पर्यटकों के कॉटेज, स्वागत केंद्र, रसोईघर सह भंडारण और अन्य सुविधाओं से सुसज्जित किया जा रहा है.
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एससीएच
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