New Delhi, 15 जुलाई . भारत का खनन और निर्माण उद्योग (एमसीई) वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में सालाना आधार पर 2-5 प्रतिशत की दर से बढ़ सकता है. यह जानकारी Tuesday को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई.
आईसीआरए की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय निर्माण उपकरण निर्माता संघ (आईसीईएमए) द्वारा जारी प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार, गतिविधियों में इजाफे के कारण वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में निर्माण से जुड़े वाहनों की वॉल्यूम 1.43 से 1.47 लाख यूनिट्स रह सकती है.
रिपोर्ट में बताया गया कि निर्माण से जुड़े वाहनों की घरेलू वॉल्यूम वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में सालाना आधार पर 4 प्रतिशत कम हुई है, जबकि निर्यात वॉल्यूम सालाना आधार पर 31 प्रतिशत बढ़ी है.
आईसीआरए को वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में विशेष रूप से सरकार द्वारा नए आवंटन से गतिविधियों में तेजी आने की उम्मीद है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले समय में उद्योगों में औद्योगिक और वेयरहाउसिंग निर्माण की मांग जारी रहेगी, जिससे खनन और निर्माण उद्योग की मात्रा में वृद्धि को बल मिलेगा.
आईसीआरए की कॉर्पोरेट रेटिंग्स की सेक्टर प्रमुख रितु गोस्वामी ने कहा, “देश के कुछ क्षेत्रों में मानसून के जल्दी आने और बेमौसम बारिश ने वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में निर्माण और खनन गतिविधियों को बाधित किया, जो इस अवधि के दौरान कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा रिपोर्ट किए गए स्थिर उत्पादन आंकड़ों में भी दिखता है.”
गोस्वामी ने आगे कहा कि नए आवंटनों की धीमी गतिविधि और सड़क निर्माण और जल जीवन मिशन (जेजेएम) परियोजनाओं में मंदी ने अर्थमूवर सेगमेंट की मांग को भी प्रभावित किया है, जो भारतीय एमसीई क्षेत्र की मांग का एक बड़ा हिस्सा है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में निर्यात में 31 प्रतिशत की वृद्धि बैकहो लोडर, एक्सकेवेटर और स्किड स्टीयर लोडर के कारण हुई है, इनका कुल निर्यात मात्रा में 76 प्रतिशत का योगदान रहा.
संयुक्त राज्य अमेरिका वैश्विक स्तर पर शीर्ष दो एमसीई बाजारों में से एक है और भारत में निर्मित एमसीई और संबंधित घटकों के लिए शीर्ष पांच निर्यात स्थलों में शुमार है.
रिपोर्ट में कहा गया कि सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 में पूंजीगत व्यय के लिए 11.2 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जिसमें जल जीवन मिशन, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) और प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाईजी) जैसी प्रमुख पहलों पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित किया गया है, जिससे आगामी तिमाहियों में गतिविधियों में तेजी आएगी.
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एबीएस/
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