नई दिल्ली, 26 जून . दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाखिले के दौरान आने वाली समस्याओं को लेकर छात्रों को अब परेशान नहीं होना पड़ेगा. आम आदमी पार्टी (आप) के छात्र संगठन एसैप ने ऐसे छात्रों की मदद के लिए डीयू के ऑर्ट्स फैकल्टी के बाहर एक एडमिशन हेल्प डेस्क लगाया है.
इसके अलावा, दिल्ली से बाहर के राज्यों से आकर डीयू के कॉलेजों में एडमिशन लेने वाले छात्रों को भी अपनी आशंकाओं-सवालों के जवाब के लिए कहीं भटकने की जरूरत नहीं है. इनके लिए एसैप ने जोन वार हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं. इन नंबरों पर कॉल कर छात्र अपने सवालों के जवाब पा सकते हैं. एसैप सदस्य ईशना गुप्ता और दीपक बंसल ने यह जानकारी दी है.
ईशना गुप्ता ने कहा कि “आप” के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने एसैप को लॉन्च कर देश के छात्रों को एक नया विजन दिया है. एसैप के सदस्य 24 घंटे छात्रों के साथ खड़े हैं. छात्रों का एक-एक दिन कीमती होता है. इसी के मद्देनजर एसैप ने अब तक कई सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया है. जब भी छात्रों की कोई मुश्किल घड़ी आई, एसैप की इकाइयों ने अन्य कॉलेजों के प्रशासन के खिलाफ आवाज उठाई और जीत हासिल की. यदि छात्रों के साथ अन्याय का कोई मुद्दा एसैप के सामने आया, तो हमने उसे राष्ट्रीय स्तर पर उठाया.
ईशना गुप्ता ने कहा कि जब एक छात्र 12वीं पास करता है, तो उसके बड़े सपने होते हैं. वह चाहता है कि अच्छे यूनिवर्सिटी और कॉलेज में जाए. लेकिन, कई छात्र आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से आते हैं और सही जानकारी के अभाव में पीछे रह जाते हैं. ऐसे छात्रों की मदद के लिए एसैप प्रतिबद्ध है और सभी छात्रों के लिए एक सपोर्ट सिस्टम बनाना चाहती है. कई छात्र हेल्प डेस्क तक नहीं पहुंच सकते, क्योंकि वे दूरदराज के इलाकों से यात्रा नहीं कर सकते. ऐसे छात्रों के लिए संगठन ने अपने विभिन्न सोशल मीडिया पेज के जरिए जोन-वाइज हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं.
उन्होंने कहा कि इन हेल्पलाइन नंबरों के जरिए छात्र यूजी और पीजी एडमिशन्स के लिए तत्काल सहायता ले सकते हैं, अपने डाउट और क्वेरीज पूछ सकते हैं. इस हेल्प डेस्क और हेल्पलाइन के लॉन्च का मकसद हर छात्र को आत्मनिर्भर महसूस कराना है.
सदस्य दीपक बंसल ने कहा कि एसैप 24 घंटे दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रों की समस्याओं को उठाने के लिए काम कर रही है. संगठन के वॉलंटियर्स सक्रिय हैं. देश की राजनीति में भाजपा और कांग्रेस एक सिक्के के दो पहलू बन चुके हैं, उसी तरह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और एनएसयूआई भी एक सिक्के के दो पहलू हैं. डीयू में केवल रील की राजनीति हो रही है. एसैप डीयू प्रशासन से मांग करती है कि सभी कॉलेजों में ठंडे पानी के कूलर लगाए जाएं, इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारा जाए, फायर सेफ्टी और फायर एग्जिट गेट सुनिश्चित किए जाएं. साथ ही, डीयू और हॉस्टलों में फीस बढ़ोतरी बंद होनी चाहिए.
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पीकेटी/एबीएम
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