सोनीपत (Haryana), 28 अगस्त . ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) ने 2025 में 129 नए पूर्णकालिक संकाय सदस्यों की नियुक्ति की घोषणा की है, जिससे विश्वविद्यालय के कुल संकाय सदस्यों की संख्या बढ़कर 1,100 से अधिक प्रोफेसरों, विद्वानों और चिकित्सकों तक पहुंच जाएगी. यह विस्तार भारतीय उच्च शिक्षा में शैक्षणिक विकास की एक अभूतपूर्व गति को दर्शाता है.
2009 में केवल 10 संकाय सदस्यों के साथ स्थापित, जेजीयू ने अब केवल 16 वर्षों में 100 गुना वृद्धि हासिल की है. यह एक ऐसा परिवर्तन है जो उत्कृष्टता, विविधता और वैश्विक प्रभाव के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है और इसे दुनिया भर में सबसे तेजी से बढ़ते विश्वविद्यालयों में से एक बनाता है.
जेजीयू ने व्यक्तिगत मार्गदर्शन और शैक्षणिक कठोरता सुनिश्चित करते हुए लगातार 1:9 का संकाय-छात्र अनुपात बनाए रखा है. 50 से अधिक देशों के संकाय, विविध वैश्विक दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं.
सभी भारतीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आए संकाय, भारत की बौद्धिक बहुलता को दर्शाते हैं.
जेजीयू में, 64 प्रतिशत संकाय सदस्यों ने दुनिया के कुछ अग्रणी विश्वविद्यालयों से शिक्षा प्राप्त की है, जिनमें ऑक्सफोर्ड, हार्वर्ड, कैम्ब्रिज, स्टैनफोर्ड, कोलंबिया, येल, कॉर्नेल, मिशिगन, एलएसई, यूसी बर्कले, यूसीएलए, एनवाईयू, मैकगिल, एनयूएस, मेलबर्न, एडिनबर्ग, यूसीएल और शिकागो विश्वविद्यालय सहित उत्तरी अमेरिका, यूरोप, एशिया, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के कई अन्य विश्वविद्यालय शामिल हैं.
यह वैश्विक शैक्षणिक संस्थान जेजीयू की कक्षाओं में अत्याधुनिक शोध, विविध दृष्टिकोण और विश्व स्तरीय छात्रवृत्ति लाता है.
जेजीयू के संकाय सदस्यों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भारत के अग्रणी संस्थानों, जैसे जेएनयू, दिल्ली विश्वविद्यालय, कलकत्ता विश्वविद्यालय, पुणे विश्वविद्यालय, बीएचयू, बैंगलोर विश्वविद्यालय, टीआईएसएस, जामिया, आईआईटी, आईआईएम और राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों से स्नातक हैं, जो भारतीय उच्च शिक्षा की समृद्ध बौद्धिक परंपराओं और शैक्षणिक उत्कृष्टता को दर्शाते हैं.
जेजीयू के कुल संकाय में 56 प्रतिशत महिलाएं हैं और इस नई नियुक्तियों में 58 प्रतिशत महिलाएं हैं. एक ऐसा मानक जिसकी बराबरी दुनिया भर के विश्वविद्यालय शायद ही कर पाते हों.
यह नया समूह न केवल पृष्ठभूमि की विविधता, बल्कि विचारों, दृष्टिकोणों और बौद्धिक परंपराओं की बहुलता का भी प्रतीक है. जेजीयू इस बहुलता को आलोचनात्मक अन्वेषण, शैक्षणिक बहस और नवाचार की नींव के रूप में महत्व देता है, यह सुनिश्चित करते हुए कि छात्रों को विभिन्न विषयों में विभिन्न दृष्टिकोणों और विचारधाराओं से परिचित कराया जाए.
नए संकाय सदस्यों की भर्ती पर टिप्पणी करते हुए, ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के संस्थापक कुलपति, प्रोफेसर (डॉ.) सी. राज कुमार ने कहा, “2025 में 129 नए संकाय सदस्यों का शामिल होना, जिससे हमारी कुल संख्या 1,100 से अधिक हो जाएगी, न केवल जेजीयू के लिए एक मील का पत्थर है, यह भारतीय उच्च शिक्षा के लिए ऐतिहासिक परिवर्तन का क्षण है. भारत में एक विश्वविद्यालय की अवधारणा को फिर से परिभाषित करने के लिए सोलह साल पहले, हमने 10 संकाय सदस्यों और एक सपने के साथ शुरुआत की थी. आज, वह सपना एक जीवंत वास्तविकता बन गया है, जिसे भारत और दुनिया भर से आए विद्वानों, शिक्षकों और पेशेवरों के एक असाधारण समुदाय द्वारा पोषित किया जा रहा है. यह अभूतपूर्व वृद्धि केवल संख्याओं के बारे में नहीं है – यह उत्कृष्टता, विविधता, वैश्विक जुड़ाव और ज्ञान सृजन के लिए एक समावेशी स्थान बनाने के प्रति हमारी गहरी और अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है. इस नए अध्याय के साथ, जेजीयू एक मजबूत भारतीय पहचान वाले वैश्विक विश्वविद्यालय के रूप में अपनी भूमिका की पुष्टि करता है, जो लीडर्स को पोषित करने, अनुसंधान को आगे बढ़ाने और एक अधिक न्यायसंगत, टिकाऊ और समतावादी दुनिया के निर्माण के लिए समर्पित है.”
–
एबीएस/
You may also like
'हम दो, हमारे तीन' पर बोले मोहन भागवत, हर परिवार में होने चाहिए तीन बच्चे
बिग बॉस 19 : तान्या मित्तल ने कुनिका और गौरव खन्ना की करवाई लड़ाई
लगातार हार से कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी कुंठित : संजय निरुपम
बच्चे को कभी नहीं खिलानी चाहिए ये 8 सफेद चीजें, बच्चों के डॉक्टर ने दी माता-पिता को सलाह`
गोगुन्दा पुलिस ने 10 साल से फरार दो स्थायी वारंटी गिरफ्तार किए