नई दिल्ली, 29 जून . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देशवासियों के साथ 123वीं बार ‘मन की बात’ की. उन्होंने ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’, ‘तीर्थ यात्राओं’, भारत के ‘ट्रेकोमा’ मुक्त होने, देश में इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने, ‘अहिंसा सिल्क’ अपनाने समेत कई मुद्दों से रूबरू कराया. प्रधानमंत्री ने कुछ आम से लोगों की खास उपलब्धियों का भी जिक्र किया. बताया कि कैसे मध्य प्रदेश की सुमा उइके, महाराष्ट्र के रमेश खरमाले जैसे लोगों के प्रयास से समाज और देश समृद्ध हो रहा है.
पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ के 123वें एपिसोड के दौरान मेघालय के एरी सिल्क का जिक्र किया और जीआई टैग मिलने पर बधाई दी. उन्होंने बताया कि एरी सिल्क मेघालय के लिए एक धरोहर की तरह है. यहां की जनजातियों ने खासकर खासी समाज के लोगों ने पीढ़ियों से इसे सहेजा है. मेघालय की महिलाएं अब सेल्फ हेल्प ग्रुप के जरिए अपनी इस धरोहर को आगे बढ़ा रही हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘महिला नेतृत्व विकास’ पर बात करते हुए तेलंगाना के भद्राचलम की महिलाओं की सफलता की कहानी को बयां किया. उन्होंने कहा कि ये महिलाएं रोज़ी रोटी के लिए दिन-भर मेहनत करती थीं. आज वही महिलाएं, बाजरा, श्रीअन्न से बिस्किट बना रही हैं. ‘भद्राद्री मिलेट मैजिक’ नाम से ये बिस्किट हैदराबाद से लंदन तक जा रहे हैं. इसके अलावा, इन्होंने ‘गिरी सैनिटरी पैड्स’ बनाना शुरू किया, जिन्होंने सिर्फ तीन महीने में 40,000 पैड्स तैयार किए और उन्हें स्कूलों और आसपास के ऑफिसों में सस्ती कीमत पर पहुंचाया है.
पीएम मोदी ने कर्नाटक के कलबुर्गी की महिलाओं की उपलब्धि को अद्भुत बताया. कहा कि इन्होंने ज्वार की रोटी को एक ब्रांड बना दिया है. इनके बनाए गए कॉपरेटिव में हर रोज तीन हजार से ज्यादा रोटियां बन रही हैं, जिसकी खुशबू अब सिर्फ गांव तक सीमित नहीं है. कलबुर्गी की रोटी अब बड़े शहरों के किचन तक पहुंच रही है, जो इनकी आय बढ़ा रही है.
मध्य प्रदेश की सुमा उइके और सुमा के प्रयासों से संवरती जिंदगियों की चर्चा करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “उन्होंने बालाघाट जिले के कटंगी ब्लॉक में सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़कर मशरूम की खेती और पशुपालन की ट्रेनिंग ली. सुमा उइके की आय बढ़ी तो उन्होंने अपने काम का विस्तार भी किया. छोटे से प्रयास से शुरू हुआ ये सफर अब ‘दीदी कैंटीन’ और ‘थर्मल थेरेपी सेंटर’ तक पहुंच चुका है.”
पीएम मोदी ने पर्यावरण में अहम योगदान देने वाले रमेश खरमाले की तारीफ की. उन्होंने कहा कि पुणे के रमेश खरमाले के कार्यों को जानकर, आपको बहुत प्रेरणा मिलेगी. जब हफ्ते के अंत में लोग आराम करते हैं, तो रमेश और उनका परिवार कुदाल और फावड़ा लेकर निकल पड़ते हैं. वह जुन्नर की पहाड़ियों को साफ करते हैं, पानी रोकने के लिए गड्ढा खोदते हैं और बीज बोते हैं. उन्होंने सिर्फ दो महीनों में 70 गड्ढा बना डाले. रमेश ने कई सारे छोटे तालाब बनाए हैं, सैकड़ों पेड़ लगाए हैं. वो एक ऑक्सीजन पार्क भी बनवा रहे हैं. नतीजा ये हुआ कि यहां अब पक्षी लौटने लगे हैं, वन्य जीवन को नई सांसें मिल रही हैं.
‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने अंतरिक्ष में भारत की उड़ान को सलाम किया. उन्होंने कहा कि इस समय सबकी निगाहें अंतरराष्ट्रीय स्पेस सेंटर पर भी हैं. भारत ने एक नया इतिहास रचा है. शुभांशु से उनकी बातचीत को देशवासियों ने सुना होगा और यह मिशन कितना महत्वपूर्ण है. शुभांशु को कुछ और दिन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र में रहना है. इसलिए ‘मन की बात’ के अगले एपिसोड में इस पर हम और अधिक चर्चा करेंगे.
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एफएम/केआर
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