लीड्स, 25 जून . भले ही टीम इंडिया को इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में हार का सामना करना पड़ा, लेकिन हेड कोच गौतम गंभीर ने स्पष्ट किया है कि सीरीज के शेष मैचों में तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के कार्यभार में कोई बदलाव नहीं होगा.
सीरीज शुरू होने से पहले यह जानकारी आई थी कि जसप्रीत बुमराह पांच में से सिर्फ तीन टेस्ट ही खेलेंगे, क्योंकि उन्हें अपनी पीठ की समस्या को भी मैनेज करना है. बुमराह ने हेडिंग्ले में शानदार गेंदबाजी करते हुए पहली पारी में पांच विकेट चटकाए, लेकिन दूसरी पारी में इंग्लैंड को जीत से नहीं रोक सके. भारत को मुकाबला पांच विकेट से गंवाना पड़ा.
गौतम गंभीर ने कहा, “हम इसमें कोई बदलाव नहीं करेंगे. मुझे लगता है कि बुमराह के वर्कलोड को मैनेज करना हमारे लिए ज्यादा जरूरी है, क्योंकि आगे काफी क्रिकेट खेला जाना है. इस दौरे पर आने से पहले ही यह तय हो गया था कि वह तीन टेस्ट मैच खेलेंगे, लेकिन देखते हैं कि उनका शरीर कैसा रहता है. हमने फिलहाल तय नहीं किया है कि वह कौन से दो अन्य टेस्ट मैच खेलेंगे.”
पहली पारी में पांच विकेट चटकाने वाले बुमराह इंग्लैंड की दूसरी पारी में कोई विकेट नहीं निकाल सके थे. बेन डकेट और जैक क्रॉली, जिन्होंने चौथे दिन के अंत में एक मुश्किल दौर का सामना किया, उन्होंने जसप्रीत बुमराह-मोहम्मद सिराज के साथ शार्दुल ठाकुर और प्रसिद्ध कृष्णा के खिलाफ संयमित बल्लेबाजी की.
इंग्लैंड की दूसरी पारी में प्रसिद्ध कृष्णा और शार्दुल ठाकुर ने दो-दो विकेट झटके, जबकि रवींद्र जडेजा को एक सफलता हाथ लगी, लेकिन बुमराह-सिराज खाली हाथ रहे.
गौतम गंभीर ने आगे कहा, “पहले, हमारे पास 40 से अधिक टेस्ट मैचों के अनुभव वाले चार तेज गेंदबाज होते थे. यह वनडे या टी20 मैचों में इतना बड़ा प्रभाव नहीं डालता है, लेकिन जब आप टेस्ट के लिए ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड या दक्षिण अफ्रीका जाते हैं, तो अनुभव मायने रखता है. ये शुरुआती दिन हैं.
उन्होंने कहा, “अगर हम हर टेस्ट के बाद अपने गेंदबाजों का मूल्यांकन करना शुरू कर देंगे, तो हम बॉलिंग अटैक कैसे विकसित करेंगे? बुमराह और सिराज के अलावा, हमारे पास उतना अनुभव नहीं है, लेकिन उनके पास गुणवत्ता है. यही वजह है कि वह इस ड्रेसिंग रूम में हैं. लेकिन हमें उनको सपोर्ट करते रहना होगा, क्योंकि यह सिर्फ एक टूर के बारे में नहीं है. यह एक फास्ट बॉलिंग अटैक बनाने के बारे में है, जो टेस्ट क्रिकेट में लंबे समय तक भारत की सेवा कर सकें.”
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आरएसजी/एएस
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