सूरत, 24 अप्रैल . पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) की बैठक में लिए गए कड़े फैसलों का सूरत के लोगों ने जोरदार समर्थन किया है.
लोगों का कहना है कि पाकिस्तान की आतंकी हरकतों के जवाब में यह जरूरी कदम थे, जिनसे उसकी कमर टूटेगी और उसे अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करना पड़ेगा. सूरत में आम नागरिकों से जब इस बारे में बात की गई तो उनका गुस्सा और समर्थन दोनों ही स्पष्ट तौर पर सामने आए.
सूरत महानगर पालिका के चेयरमैन विजय चौमाल ने कहा कि पीएम मोदी का यह फैसला बिल्कुल सही है. उनका सऊदी अरब का दौरा छोड़कर देश लौटना और तुरंत सीसीएस की बैठक बुलाना, बताता है कि यह मामला कितना गंभीर है. उन्हें पूरा भरोसा है कि प्रधानमंत्री देश के हित में न्यायपूर्ण कार्रवाई करेंगे. वहीं वृजेश उनडकट ने प्रवासियों पर हुए हमले को अत्यंत निंदनीय बताया और सरकार के सभी कदमों को उचित ठहराया. उन्होंने कहा कि सिंधु जल समझौते को रोकना और पाकिस्तानी वीजा छूट को रद्द करना बहुत सटीक और आवश्यक कदम हैं. अगर इससे भी सख्त कार्रवाई की जाए तो भी जनता साथ खड़ी रहेगी.
सूरत महानगरपालिका में पार्षद कुणाल सेलर ने कहा कि निर्दोष नागरिकों पर हमला बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और भारत सरकार ने इसका माकूल जवाब दिया है. उन्होंने बताया कि व्यापार और कूटनीति सहित सभी रिश्तों को रोकना पाकिस्तान को उसकी औकात दिखाएगा.
नीलेश जिकादरा और दर्शिनी कोठिया ने भी पीएम मोदी के फैसलों की खुलकर सराहना की. दर्शिनी ने कहा कि नरेंद्र भाई जो कहते हैं वो करके दिखाते हैं. पहले प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान से अच्छे रिश्ते बनाने की पूरी कोशिश की लेकिन जब वहां से लगातार विश्वासघात मिला तो अब कड़ा रुख अपनाना जरूरी हो गया था. उन्होंने कहा कि अब 56 इंच के सीने वाला फैसला हुआ है और पूरा देश मोदी जी के साथ खड़ा है.
निराली पटेल ने भी कहा कि यह फैसला पहले ही लिया जाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान भारत के साथ भाईचारा नहीं चाहता, तो भारत को भी अब उसी की भाषा में जवाब देना होगा. यह कदम भारत की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी था और इससे देश को ताकत मिलेगी.
बता दें कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों के मारे जाने के बाद बुधवार रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) की अहम बैठक में पांच बड़े फैसले लिए गए. जिसमें सिंधु जल समझौता स्थगित करना, अटारी बॉर्डर बंद करना, पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा रद्द करना, नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी हाईकमीशन में तैनात डिफेंस एडवाइजर्स को भारत छोड़ने के लिए एक हफ्ते का समय देना और दोनों हाई कमीशन में तैनात कर्मियों की संख्या 55 से घटाकर 30 करने का फैसला शामिल है.
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पीएसएम/केआर
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