गाजियाबाद, 6 मई . केंद्र सरकार के निर्देश पर गाजियाबाद समेत अन्य जगहों पर 7 मई को मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी. इस दौरान ‘काल्पनिक हवाई हमले’ की स्थिति में नागरिकों को सतर्क करने, बचाव के उपायों को समझाने और आपातकालीन प्रतिक्रिया की तैयारी को परखने के लिए जिले भर में कई जागरूकता कार्यक्रम और अभ्यास आयोजित किए जाएंगे.
जिलाधिकारी द्वारा सभी संबंधित विभागों के अध्यक्षों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने-अपने स्तर पर मॉक ड्रिल के लिए आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करें. इनमें सायरन, पब्लिक एड्रेस सिस्टम, रेडियो स्टेशन, वायरलेस ट्रांसमीटर और लोकल रेडियो जैसे उपकरणों को सक्रिय रखना, अस्पतालों की व्यवस्था दुरुस्त करना, पर्याप्त संख्या में एंबुलेंस और चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित करना शामिल है.
नागरिक सुरक्षा गाजियाबाद के वार्डनों व स्वयंसेवकों की देखरेख में मॉक ड्रिल प्रातः 10 बजे से नगर के 10 चयनित स्कूलों में आयोजित की जाएगी, जिनमें छात्र-छात्राओं, एनसीसी कैडेट्स आदि को आपदा से बचाव के उपायों की जानकारी दी जाएगी. जिन विद्यालयों में मॉक ड्रिल आयोजित होगी, उनमें नगर पालिका इंटर कॉलेज, नवयुग मार्केट, शंभु दयाल इंटर कॉलेज, जीटी रोड, गुरु नानक इंटर कॉलेज, लोहिया नगर, सेठ मुकुंद लाल इंटर कॉलेज, अंबेडकर रोड, राजकीय कन्या इंटर कॉलेज, विजय नगर, जेकेजी इंटर कॉलेज, विजय नगर, स्वामी विवेकानंद सरस्वती विद्या मंदिर, राजेंद्र नगर, खेतान पब्लिक स्कूल, सेक्टर-5, राजेंद्र नगर, नगर पालिका इंटर कॉलेज, स्टेशन रोड, साहिबाबाद, पद्मश्री एनएन मोहन पब्लिक स्कूल, वसुंधरा सेक्टर-5 होंगे.
इस दौरान छात्रों को ब्लैकआउट, सुरक्षित निकासी, प्राथमिक उपचार और आपसी सहयोग जैसे जरूरी सुरक्षा उपायों का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. इसके साथ ही, विभिन्न सोसायटी में भी नागरिकों के लिए विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे. हवाई हमले से बचाव के लिए बिजली सप्लाई को रोककर ब्लैकआउट किया जाएगा.
इसके लिए दो मुख्य स्थानों पर जागरूकता कार्यक्रम प्रस्तावित हैं, जिनमें एमबी गर्ल्स इंटर कॉलेज, नवयुग मार्केट प्रातः 10:00 बजे और लैंड क्राफ्ट सोसायटी, एनएच-24 में रात 8:00 बजे मॉक ड्रिल होंगे. इसके अतिरिक्त, सेवियर पार्क कटोरी मिल, मोहन नगर, वीवीआईपी सोसायटी, राजनगर एक्सटेंशन और एपैक्स द फ्लोर्स सोसायटी, सेक्टर-18, वसुंधरा में भी ब्लैकआउट अभ्यास आयोजित किया जाएगा.
इस दौरान सबको बताया जाएगा कि सायरन की भाषा, खतरे की तीन चेतावनियां होती हैं. सायरन केवल शोर नहीं, बल्कि कोडेड संदेश होते हैं. नागरिक सुरक्षा अधिकारी ललित जसवाल के अनुसार पहला सायरन: खतरे की आहट, सतर्क हो जाइए. दूसरा सायरन, खतरे की पुष्टि, तुरंत सुरक्षित स्थान पर जाएं और तीसरा सायरन, खतरा टला, लेकिन सावधानी रखें, से जुड़ा है. यह मॉक ड्रिल न केवल सरकारी एजेंसियों की तत्परता को परखेगी, बल्कि आम नागरिकों को आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार भी करेगी.
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पीकेटी/डीएससी/एबीएम
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