हर व्यक्ति के हाथ की बनावट, रेखाएं और साइज अलग-अलग होती हैं। हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार, इन रेखाओं और हाथ पर मौजूद ग्रह पर्वतों को देखकर आप अपने भविष्य के बारे में जान सकते हैं। ग्रह क्षेत्रों का हथेली में महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है। इन क्षेत्रों के उभार और स्थान से यह पता चलता है कि व्यक्ति की जन्म कुंडली में कौन सा ग्रह सबसे बलशाली है। हथेली पर मौजूद ग्रहों के बारे में जानने के लिए इन पर्वतों का स्थान समझना बहुत जरूरी है। तो आइए विस्तार से जानते हैं कि किस ग्रह पर्वत का स्थान कहां होता है और ये व्यक्ति के जीवन और व्यक्तित्व के बारे में क्या-क्या बताते हैं।
हथेली में शुक्र पर्वत का स्थान
यह ग्रह हथेली में अंगूठे के मूल स्थान के नीचे स्थित होता है। शुक्र के पर्वत से सौंदर्य, स्वास्थ्य, प्रेम, स्नेह, संगीत प्रियता और दया आदि के बारे में जानकारी मिल सकती है। यदि किसी व्यक्ति के हाथ में शुक्र पर्वत का उभार पूरी तरह विकसित नहीं हो, तो इसे शुभ माना जाता है। अगर हथेली में शुक्र पर्वत पूरी तरह से विकसित और स्पष्ट नजर आए, तो ऐसे लोगों की सेहत अच्छी बनी रहती है। शुक्र पर्वत का छोटा होना यह बताता है कि व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो सकती है और कार्य करने की शक्ति भी कम हो सकती है। शुक्र पर्वत से अपना व्यक्तित्व जानने के लिए इसके साथ कुछ रेखाओं को भी देखना जरूरी होता है।
हथेली में बृहस्पति पर्वत का स्थान
यह ग्रह तर्जनी उंगली के मूल स्थान के नीचे स्थित होता है। अगर किसी व्यक्ति के हाथ में यह पर्वत पूरी तरह से विकसित हो और स्पष्ट नजर आए, तो ऐसे लोग उत्साह, आत्मगौरव और समाज में मान-सम्मान पाने की इच्छा रखते हैं। यदि हथेली में बृहस्पति पर्वत चपटा या धंसा हुआ हो, तो ऐसे लोग धार्मिक कार्यों में कम रुचि दिखाते हैं।
हथेली में शनि पर्वत का स्थान
मध्यमा उंगली के मूल स्थान के नीचे शनि पर्वत स्थित होता है। यह ग्रह शांति, कम बोलना, सच्चाई, बुद्धिमानी, गंभीर विषयों आदि से संबंधित होता है। यदि हथेली में शनि पर्वत कम विकसित हो, तो ऐसे लोग साधारण जीवन व्यतीत करते हैं। शनि पर्वत का हल्का विकसित होना यह बताता है कि व्यक्ति बहुत विचारशील हो सकता है। अगर शनि पर्वत हथेली में ज्यादा उभरा हुआ नजर आए, तो ऐसे लोग हर छोटी-छोटी बात की चिंता ज्यादा करते हैं, जिससे इनका मन निराशा से भर सकता है। ये लोग किसी पर जल्दी विश्वास नहीं कर पाते हैं।
हथेली में सूर्य पर्वत का स्थान
यह ग्रह अनामिका (रिंग फिंगर) के मूल स्थान के नीचे स्थित होता है। अगर सूर्य पर्वत पूरी तरह विकसित हो, तो ऐसे लोग सुंदर वस्तुओं को बहुत खुशी से देखते हैं और कला के प्रति रुचि रखते हैं। इनकी रुचि कविता, संगीत, चित्रकारी आदि में होती है। अगर हथेली में सूर्य पर्वत बिल्कुल नजर न आए या धंसा हुआ हो, तो ऐसे लोगों में उत्साह थोड़ा कम हो सकता है। सूर्य पर्वत का पूरी तरह से विकसित होना यह बताता है कि ये लोग जीवन में बहुत धन कमाते हैं और भविष्य में अच्छा मुकाम हासिल करते हैं।
हथेली में बुध पर्वत का स्थान
कनिष्ठा (लिटिल फिंगर) उंगली के मूल स्थान के नीचे बुध ग्रह स्थित होता है। यदि किसी व्यक्ति की हथेली में बुध पर्वत सामान्य रूप से विकसित हो, तो ऐसे लोग व्यापार में कामयाबी हासिल करते हैं और बहुत बुद्धिमान होते हैं। ये लोग हर कार्य को बहुत जल्दी पूरा कर लेते हैं। साथ ही, इन्हें घूमने-फिरने का भी बहुत शौक होता है। यदि हथेली में बुध पर्वत धंसा हुआ हो, तो ऐसे लोग हिसाब-किताब के मामले में कम रुचि दिखा सकते हैं।
हथेली में मंगल पर्वत का स्थान
मंगल पर्वत हाथ में दो स्थानों पर होता है। पहला मंगल पर्वत बृहस्पति ग्रह के नीचे और जीवन रेखा के अंदर स्थित होता है, जो शुक्र के ऊपर जुड़ा होता है। इस पर्वत के होने से यह साहस और योद्धा बनने की शक्ति देता है। यह पर्वत बड़ा होने पर यह बताता है कि ऐसे लोग लड़ाई-झगड़े से पीछे नहीं हटते हैं। हथेली पर दूसरा मंगल पर्वत चंद्र और बुध पर्वत के बीच में स्थित होता है। यदि पहला मंगल पर्वत अच्छी तरह विकसित हो, तो ऐसे लोग फौज या पुलिस में अच्छा पद प्राप्त कर सकते हैं। यदि मंगल पर्वत अधिक उभरा हुआ हो, तो वह व्यक्ति अपनी बातों को मनवाने वाला हो सकता है।
हथेली में चंद्र पर्वत का स्थान
यह मंगल के दूसरे क्षेत्र के नीचे स्थित होता है और शुक्र ग्रह के बराबर में होता है। यदि हथेली में चंद्र पर्वत दबा हुआ हो, तो ऐसे लोग ज्यादा सोचते नहीं हैं। चंद्र पर्वत का विकसित होना यह बताता है कि ऐसे लोग काव्य, कला, संगीत आदि में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
इस प्रकार, इन ग्रह पर्वतों के स्थान और विकास के आधार पर आप अपने जीवन के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और अपने व्यक्तित्व को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं।
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