भारतीय शेयर बाजार ने सोमवार 28 जुलाई 2025 को सप्ताह की शुरुआत गिरावट के साथ की। बीएसई का सेंसेक्स 163 अंकों की गिरावट के साथ 81,299.97 पर खुला, जबकि एनएसई का निफ्टी 0.22 फीसदी टूटकर 24,782.45 पर खुला। शुक्रवार को पहले ही बाजार में भारी गिरावट देखी गई थी, और सोमवार को भी यह ट्रेंड जारी रहा, जिससे निवेशकों की चिंता और बढ़ गई।
शुक्रवार को भारी गिरावट के साथ बंद हुआ था बाजार
पिछले कारोबारी सत्र यानी शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली का भारी दबाव देखा गया था। बीएसई सेंसेक्स 721 अंकों की बड़ी गिरावट के साथ 81,463.09 पर बंद हुआ था, वहीं एनएसई का निफ्टी 0.90 फीसदी गिरकर 24,837.00 पर आ गया था। बाजार में लगातार दो दिनों की गिरावट निवेशकों के लिए संकेत है कि बाजार फिलहाल कमजोर रुझानों से गुजर रहा है।
टॉप गेनर और टॉप लूजर शेयर
सोमवार के कारोबार में निफ्टी पर सिप्ला, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, अपोलो हॉस्पिटल्स, डॉ रेड्डीज लैब्स और एचडीएफसी लाइफ जैसे शेयरों ने मजबूती दिखाई और टॉप गेनर की सूची में रहे। दूसरी ओर, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, श्रीराम फाइनेंस, इंडसइंड बैंक और बजाज ऑटो के शेयरों में गिरावट आई और ये टॉप लूजर की सूची में शामिल हुए।
मिडकैप और स्मॉलकैप पर भी असर
बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी 1-1 फीसदी तक की गिरावट देखी गई। खास तौर पर एपीएल अपोलो ट्यूब्स जैसे स्टॉक्स में भारी गिरावट दर्ज की गई, जो मिडकैप इंडेक्स में 7% से ज्यादा गिरा। निफ्टी मिडकैप इंडेक्स 1.61% गिरा, जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स में 2.1% की गिरावट आई। यह संकेत है कि बाजार की कमजोरी केवल बड़े शेयरों तक सीमित नहीं रही, बल्कि मझोले और छोटे निवेशकों के पोर्टफोलियो पर भी इसका असर पड़ा।
सोमवार के कारोबारी सत्र में फार्मा सेक्टर को छोड़कर बाकी सभी क्षेत्रीय इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए। इससे साफ है कि बाजार में व्यापक स्तर पर दबाव बना हुआ है। वित्तीय, ऑटो, बैंकिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के शेयरों पर बिकवाली हावी रही।
निवेशकों के लिए संकेत
लगातार दो दिनों की गिरावट से यह साफ संकेत मिल रहा है कि बाजार में फिलहाल सतर्कता जरूरी है। खासकर बजाज फाइनेंस और बजाज फिनसर्व जैसे दिग्गज शेयरों में कमजोरी इस बात की पुष्टि करती है कि बाजार का मूड फिलहाल जोखिम से बचने का है। विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक घरेलू या वैश्विक स्तर पर कोई सकारात्मक संकेत नहीं मिलता, बाजार में स्थिरता की उम्मीद कम ही है।
बाजार की चाल इस हफ्ते आने वाले कॉर्पोरेट अर्निंग्स, अंतरराष्ट्रीय संकेतों, विदेशी निवेशकों के मूवमेंट और प्रमुख आर्थिक आंकड़ों पर निर्भर करेगी। यदि इन मोर्चों पर सुधार देखने को मिलता है, तो बाजार में थोड़ी स्थिरता लौट सकती है। हालांकि फिलहाल निवेशकों को सतर्क रहकर ही ट्रेडिंग करने की सलाह दी जा रही है।
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