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दुनिया की खबरें: बांग्लादेश में सड़क पर उतरे प्रदर्शनकारी और यूक्रेन ने रूस के हीलियम प्लांट को बनाया निशाना

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बांग्लादेश के गाजीपुर जिले में मंगलवार सुबह सैकड़ों रेडीमेड गारमेंट (आरएमजी) कर्मियों ने फैक्ट्रियों के दोबारा खोलने और बकाया वेतन के तत्काल भुगतान की मांग को लेकर ढाका–मेमेंसिंह हाईवे जाम कर दिया।

रोवा फैशन्स लिमिटेड के करीब 200 कर्मचारी बसन थाने के अंतर्गत भोबरा बाईपास फ्लाईओवर के पास इकट्ठा हुए और सड़क पर बैठकर प्रदर्शन किया, जिससे हाईवे पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया और भारी जाम लग गया।

गाजीपुर औद्योगिक पुलिस के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वाहिदुज्जमान राजू ने जाम की पुष्टि करते हुए कहा कि स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

पुलिस के अनुसार, इस विरोध के कारण ढाका के चौधुरीबाड़ी इलाके में कई अन्य फैक्ट्रियों को भी बंद करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने जुलाई महीने का बकाया वेतन चुकाने और फैक्ट्री के स्थानांतरण के फैसले का विरोध करने की मांग रखी।

फैक्ट्री मालिक इनायत करीम ने श्रम कानून की धारा 13(1) का हवाला देते हुए अशांति और वित्तीय संकट के कारण इकाई बंद करने का नोटिस जारी किया। उन्होंने कहा, “मैं जमीन बेचकर भुगतान करने की कोशिश कर रहा हूं। बिक्री पूरी होते ही बकाया चुकता कर दूंगा, मुझे कुछ दिन का समय चाहिए।”

इसी बीच, सोमवार शाम को ढाका के विजयनगर स्थित श्रम भवन में दो गारमेंट फैक्ट्रियों के सैकड़ों कर्मियों ने अधिकारियों को बकाया वेतन और देय राशि की मांग को लेकर घंटों बंधक बनाए रखा।

बांग्लादेश गारमेंट्स एंड इंडस्ट्रियल वर्कर्स फेडरेशन (गाजीपुर महानगर इकाई) के अध्यक्ष शफिउल आलम ने कहा, “फैक्ट्री मालिक बार-बार वादा करने के बावजूद भुगतान नहीं कर रहे हैं। सरकार ने भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। जब तक ठोस कार्रवाई नहीं होती, हमारा आंदोलन जारी रहेगा।”

इससे पहले रविवार को भी ढाका में एक निजी कंपनी के कर्मियों ने बकाया वेतन और अन्य लाभों की मांग को लेकर ढाका-मेमेंसिंह हाईवे पर जाम लगा दिया था। यह निजी कंपनी संयुक्त अरब अमीरात और बांग्लादेश के बीच संयुक्त उद्यम है।

अगस्त 2024 में मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार बनने के बाद से ही देश में वेतन बकाया, फैक्ट्री बंदी और बिगड़ते कार्य-परिस्थितियों को लेकर लगातार हड़तालें और प्रदर्शन हो रहे हैं। कई रिपोर्टों में खुलासा हुआ है कि इन प्रदर्शनों के चलते कई फैक्ट्रियां बंद हो गईं, जबकि कई कर्मियों की मौत हो गई या वे गंभीर रूप से घायल हुए हैं।

यूक्रेन ने रूस के हीलियम प्लांट को बनाया निशाना

रूस की संघीय सुरक्षा सेवा (एफएसबी) ने बताया कि मॉस्को में रक्षा मंत्रालय के एक टॉप अधिकारी को निशाना बनाने की हमल की साजिश को नाकाम कर दिया गया।

जानकारी के अनुसार, दोहरी नागरिकता रखने वाले एक रूसी-यूक्रेनी नागरिक को गिरफ्तार किया गया, जो एक कार में छिपाए गए 60 किलो से अधिक विस्फोटकों से हमला करने की योजना बना रहा था। यह कार बम उस समय विस्फोट करने की योजना थी, जब अधिकारी वहां से गुजर रहे हों।

पिछले एक वर्ष में, रूसी अधिकारियों ने कई कार बम और अन्य विस्फोटक उपकरणों से जुड़े हमलों को नाकाम करने का दावा किया है, जिनके पीछे यूक्रेन का हाथ होने का आरोप लगाया जाता है। इसी साल 25 अप्रैल को मॉस्को क्षेत्र में कार विस्फोट में रूसी लेफ्टिनेंट जनरल यारोस्लाव मोस्कालिक की मौत हो गई थी।

इस बीच, यूक्रेन ने रूस के ओरेनबर्ग क्षेत्र में स्थित एक हीलियम उत्पादन प्लांट पर ड्रोन हमले किए हैं। यह संयंत्र रूस का एकमात्र हीलियम उत्पादक है, जिसका उपयोग रॉकेट निर्माण, अंतरिक्ष और विमानन उद्योग में किया जाता है। स्थानीय लोगों ने संयंत्र के पास ड्रोन उड़ते और धमाकों की आवाजें सुनने की पुष्टि की।

रूसी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, रविवार रात से सोमवार सुबह तक एयर डिफेंस बलों ने कुल 39 यूक्रेनी ड्रोन मार गिराए। इनमें से 32 रात में और सात सुबह नष्ट किए गए। इनमें सात बेलगोरोद, पांच-ब्रायंस्क, पांच-कालुगा, चार-क्रीमिया, दो-ओरियोल, दो-कुर्स्क, दो-वोरोनेझ, दो-रियाजन, दो-मॉस्को और एक-तुला क्षेत्र में गिराए गए।

निझनी नोवगोरोद क्षेत्र में हुए ड्रोन हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई और दो घायल हो गए। मॉस्को के मेयर सर्गेई सोब्यानिन ने कहा कि राजधानी की ओर आ रहे सात ड्रोन मार गिराए गए और मलबे वाले स्थान पर राहत दल काम कर रहे हैं।

ट्रंप-पुतिन वार्ता से पहले जर्मनी ने जेलेंस्की, नाटो, ईयू नेताओं को बैठक के लिए आमंत्रित किया

जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने ट्रंप, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की, उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के महासचिव और कई यूरोपीय नेताओं को बुधवार को प्रस्तावित एक ऑनलाइन बैठक के लिए आमंत्रित किया।

यूरोप और यूक्रेन को डर है कि उनकी अनुपस्थिति में ट्रंप और पुतिन के बीच समझौता हो सकता है।

अलास्का में शुक्रवार को ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच होने वाले शिखर सम्मेलन में न तो जेलेंस्की और न ही यूरोपीय नेताओं को आमंत्रित किया गया है।

जर्मन चांसलर ने एक बयान में कहा कि ऑनलाइन बैठक ‘‘रूस पर दबाव बनाने के लिए कार्रवाई के आगे के विकल्पों’’ के साथ-साथ ‘‘संभावित शांति वार्ता की तैयारी और क्षेत्रीय दावों और सुरक्षा के संबंधित मुद्दों’’ पर केंद्रित होगी।

यूरोपीय आयोग ने पुष्टि की है कि अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन शिखर सम्मेलन से पहले ‘‘चांसलर मर्ज द्वारा आयोजित बैठक में’’ हिस्सा लेंगी।

बर्लिन स्थित चांसलर कार्यालय ने बताया कि ब्रिटेन, फिनलैंड, फ्रांस, इटली और पोलैंड के नेताओं ने भी ‘इस चर्चा में शामिल’ होने पर सहमति दे दी है।

यूक्रेन और यूरोप में उसके समर्थक इस बात पर जोर दे रहे हैं कि ट्रंप और पुतिन शिखर सम्मेलन में उनकी गैर मौजूदगी में भूमि विनिमय का निर्णय नहीं ले सकते, लेकिन यूरोपीय देशों का मानता है कि रूस द्वारा यूक्रेन की जीती हुई जमीन पर से नियंत्रण छोड़े जाने की संभावना नहीं है।

इजराइल के साथ जून में हुए युद्ध के दौरान 21,000 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया था: ईरान

ईरान पुलिस ने जून में इजराइल के साथ 12 दिनों तक चले हवाई युद्ध के दौरान 21,000 संदिग्धों को हिरासत में लिया था। सरकारी मीडिया ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

सरकारी टीवी की एक खबर में पुलिस प्रवक्ता जनरल सईद मोंताजेरलमहदी के हवाले से बताया गया कि लोगों ने संदिग्धों की सूचना अधिकारियों को दी थी।

उन्होंने बताया, “12 दिनों तक चले युद्ध के दौरान 21,000 संदिग्धों की गिरफ्तारी सुरक्षा प्रदान करने में लोगों की उच्च जागरूकता और भागीदारी को दर्शाती है।” मोंताजेरलमहदी ने हालांकि यह नहीं बताया कि संदिग्धों पर क्या आरोप लगाए जा सकते हैं।

उन्होंने बताया कि 260 से ज्यादा लोगों पर जासूसी का संदेह था और 172 अन्य लोगों को अवैध रूप से वीडियो बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने 13 से 24 जून के बीच संघर्ष के दौरान देश भर में 1,000 से ज्यादा जांच चौकियां बनायी थीं। यह पहली बार है जब ईरान पुलिस ने युद्ध के दौरान कुल गिरफ्तारियों की संख्या बताई है।

यूरोपीय संघ के नेताओं ने ट्रंप से यूरोप के सुरक्षा हितों की रक्षा करने की अपील की

यूरोपीय संघ (ईयू) के नेताओं ने मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से अपील की कि वह इस सप्ताह अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन के साथ यूक्रेन में युद्ध को लेकर होने वाली अहम बैठक में उनके सुरक्षा हितों की रक्षा करें।

यूरोपीय देश इस शुक्रवार होने वाली बैठक में अपनी भूमिका सुनिश्चित करना चाहते हैं, लेकिन उन्हें इस बैठक से बाहर रखा गया है। अभी यह भी स्पष्ट नहीं है कि यूक्रेन इसमें शामिल होगा या नहीं।

ट्रंप ने कहा है कि वह देखना चाहते हैं कि पुतिन युद्ध खत्म करने को लेकर गंभीर हैं या नहीं। यह युद्ध अब चौथे वर्ष में प्रवेश कर चुका है।

हालांकि, ट्रंप ने यह कहकर यूरोप में अमेरिकी सहयोगियों को निराश किया है, कि यूक्रेन को रूस के कब्जे वाले कुछ क्षेत्रों को छोड़ना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि रूस को भूमि अदला-बदली भी स्वीकार करनी होगी, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि पुतिन बदले में क्या समर्पण करने की अपेक्षा है।

यूरोपीय संघ और यूक्रेन को आशंका है कि 1945 के बाद से यूरोप में सबसे बड़ा भूमि युद्ध छेड़ने वाले पुतिन कहीं अनुकूल रियायतें हासिल न कर लें और यूक्रेन या यूरोप की भागीदारी के बिना शांति समझौते की रूपरेखा तय न कर दें।

यूरोपीय संघ के नेताओं ने मंगलवार को एक बयान में कहा, ‘‘हम राष्ट्रपति ट्रंप के यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को समाप्त करने के प्रयासों का स्वागत करते हैं, लेकिन यूक्रेन में शांति का मार्ग यूक्रेन को शामिल किए बिना तय नहीं किया जा सकता।’’

(आईएएनएस और पीटीआई के इनपुट के साथ)

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