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जहरीली शराब कांड ने पंजाब की AAP सरकार के नशामुक्ति अभियान की कलई खोली, CM और आबकारी मंत्री इस्तीफा दें: विपक्ष

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पंजाब के विपक्षी दलों ने अमृतसर में जहरीली शराब पीने से कथित तौर पर 17 लोगों की मौत को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) पर निशाना साधते हुए मंगलवार को कहा कि इस घटना ने राज्य सरकार के ‘युद्ध नशेयां विरुद्ध’ अभियान की ‘कलई’ खोल दी है।

पुलिस ने बताया कि पंजाब के अमृतसर में कथित जहरीली शराब पीने से पांच गांवों के 17 लोगों की मौत होने के बाद सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। उसने बताया कि छह लोग अब भी अस्पताल में भर्ती हैं।

अधिकारियों ने बताया कि कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से भंगली, पातालपुरी, मरारी कलां और थेरेवाल के गांवों में मौत हुई है।

विपक्षी दलों ने आप सरकार पर कथित शराब माफिया को नियंत्रित करने में ‘विफल’ रहने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान और आबकारी मंत्री हरपाल सिंह चीमा के इस्तीफे की मांग की।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से हुई मौतों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आरोप लगाया कि भगवंत मान सरकार को ऐसी घटनाओं को रोकने में सक्षम नहीं होने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।

अमृतसर के एक प्रभावित गांव का दौरा करने आए बाजवा ने कहा, ‘‘यह एक असफल सरकार और एक असफल मुख्यमंत्री है।’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हम इसके लिए आबकारी मंत्री हरपाल सिंह चीमा को जिम्मेदार मानते हैं और उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।’’

बाजवा ने उन लोगों की गिरफ्तारी की भी मांग की जो अवैध शराब त्रासदी के सिलसिले में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों को ‘‘संरक्षण’’ दे रहे थे।

उन्होंने इससे पहले ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा था, ‘‘तथाकथित युद्ध नशेयां दे विरोध अब कहां है? आप की पंजाब सरकार शराब माफिया को नियंत्रित करने में पूरी तरह विफल रही है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री भगवंत मान, जो गृह मंत्री भी हैं, पीआर (प्रचार) में इतने व्यस्त हैं कि अवैध व्यापार फूल-फल रहा है। यह शासन नहीं है - यह आपराधिक लापरवाही है। इससे और कितनी जानें जाएंगी?’’

बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने जहरीलीशराब त्रासदी में हुई मौतों को लेकर मुख्यमंत्री मान से इस्तीफा मांगा। उन्होंने कहा कि यह घटना आप सरकार की विफलता का सबूत है। चुघ ने कहा, ‘‘मान को घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए।’’

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि वह इस दुखद घटना में हुई बहुमूल्य जानों की हानि से बहुत दुखी हैं। उन्होंने ‘एक्स’ पर जारी एक पोस्ट में आरोप लगाया, ‘‘यह एक मानव निर्मित त्रासदी और राज्य प्रायोजित आपदा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अवैध शराब बनाने वाली फैक्टरियां फूल-फल रही हैं और निर्दोष लोगों की जान जा रही है। भगवंत मान हमारी टास्क फोर्स कहां हैं?’’

बादल ने ‘एक्स’ पर जारी एक पोस्ट में कहा, ‘‘इससे आपके ‘युद्ध नाशेयां विरुद्ध’ नारे का खोखलापन उजागर होता है। आपकी निष्क्रियता आपराधिक है। यदि आप इस खतरे को रोक नहीं सकते तो आपको पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।’’ उन्होंने पीड़ितों के परिवारों के लिए मुआवजे की मांग की।

गौरतलब है कि पंजाब सरकार पिछले 70 दिनों से नशा विरोधी अभियान - युद्ध नशेयां विरुद्ध - चला रही है। केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने भी घटना को लेकर आप सरकार की आलोचना की और कहा कि जहरीली शराब के कारण परिवार बिखर गए हैं, जबकि मान सरकार गहरी नींद में सोई हुई है।

बिट्टू ने कहा, ‘‘उनका तथाकथित ‘युद्ध नशेयां दी विरुद्ध’ एक राजनीतिक तमाशा के अलावा कुछ नहीं है। जब मुख्यमंत्री का खुद शराब के साथ पुराना रिश्ता है, तो नशे के खिलाफ लड़ाई कभी भी ईमानदार कैसे हो सकती है?’’

उन्होंने कहा, ‘‘शराब माफिया राज कर रहा है, लोग मर रहे हैं और मान सरकार आत्ममुग्ध है। पंजाब को अब नारों की नहीं, बल्कि कार्रवाई की जरूरत है। यह अब राजनीति का मामला नहीं है, यह जिंदगी का मामला है।’’

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