अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन जाने का मन बनाने में महज एक फोन कॉल और दो घंटे की बातचीत को महत्वपूर्ण बताया है। राजनीतिक गलियारों में इस यात्रा को लेकर लगातार चर्चा का बाजार गर्म है और सवाल उठ रहे हैं कि ट्रंप की चीन यात्रा कब संभव हो पाएगी और क्या इस दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से उनकी मुलाकात होगी।
सूत्रों की मानें तो ट्रंप और चीन के शीर्ष नेताओं के बीच हुई यह टेलीफोन बातचीत बेहद महत्वपूर्ण रही। लगभग दो घंटे तक चले इस फोन कॉल में दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों, व्यापारिक मुद्दों और वैश्विक राजनीतिक परिस्थितियों पर विस्तार से चर्चा की। ट्रंप ने कहा कि इस बातचीत ने उनके मन में चीन जाने की प्रेरणा जगाई और वे शी जिनपिंग से मिलने की उम्मीद कर रहे हैं।
यह यात्रा एक ऐसे समय पर हो सकती है जब वैश्विक अर्थव्यवस्था और राजनीतिक समीकरण लगातार बदल रहे हों। अमेरिकी-चीन संबंधों में आए हालिया तनाव के बीच यह कदम सकारात्मक संकेत माना जा रहा है। विश्लेषकों का कहना है कि ट्रंप की यह पहल दोनों देशों के बीच संवाद की नई राह खोल सकती है और व्यापार, सुरक्षा तथा तकनीकी सहयोग के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति ला सकती है।
हालांकि, ट्रंप ने अभी तक चीन यात्रा की आधिकारिक तारीखों का खुलासा नहीं किया है। राजनीतिक विशेषज्ञ यह अनुमान लगा रहे हैं कि यात्रा जल्द से जल्द संभव हो सकती है, खासकर तब जब अमेरिका में आगामी चुनाव और वैश्विक संकटों का दबाव कम हो।
चीन की तरफ से भी इस बातचीत को सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की सरकार ने कहा है कि वे अमेरिकी पक्ष के संपर्कों का स्वागत करते हैं और उम्मीद जताई है कि दोनों देशों के बीच भरोसेमंद और सम्मानजनक संवाद स्थापित होगा।
डोनाल्ड ट्रंप की चीन यात्रा को लेकर मीडिया में जिज्ञासा बढ़ रही है क्योंकि यह अमेरिका-चीन संबंधों में एक नए अध्याय की शुरुआत कर सकती है। पूर्व राष्ट्रपति की अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में सक्रियता इस बात का संकेत है कि वे वैश्विक राजनीति में अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, ट्रंप का चीन जाना आर्थिक और राजनीतिक दोनों दृष्टिकोण से अहम होगा। दोनों देशों के बीच व्यापारिक विवाद, तकनीकी प्रतिस्पर्धा, और क्षेत्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दे बातचीत के मुख्य एजेंडे में होंगे। साथ ही यह देखा जाएगा कि क्या दोनों पक्ष एक-दूसरे के प्रति अपनी नीतियों में कोई नरमी लाने को तैयार हैं।
अमेरिका में राजनीतिक दल और जनता इस यात्रा को लेकर मिश्रित प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कुछ इसे एक नई उम्मीद की किरण मान रहे हैं, जबकि अन्य इसे राजनीतिक चाल की तरह देख रहे हैं। हालांकि यह तय है कि इस यात्रा के परिणाम वैश्विक राजनीति को प्रभावित कर सकते हैं।
ट्रंप ने अपनी बातचीत के दौरान यह भी कहा कि शी जिनपिंग से मुलाकात उनके लिए बहुत मायने रखती है और वे इस अवसर का इंतजार कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी संकेत दिया कि उनकी इस यात्रा से अमेरिका-चीन संबंधों में सकारात्मक बदलाव आएगा।
इस महत्वपूर्ण कूटनीतिक पहल को लेकर आगे की घटनाओं पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। क्या ट्रंप शी जिनपिंग से मुलाकात कर पाएंगे? और क्या इससे दोनों देशों के बीच तनाव कम होगा? आने वाले दिनों में इस पर और भी स्पष्टता मिलने की उम्मीद है।
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