US F-1 Visa Holder Tips: अमेरिका में हायर एजुकेशन हासिल करने जाने वाले छात्रों को F-1 वीजा मिलता है, जिसे स्टूडेंट वीजा के तौर पर भी जाना जाता है। ये वीजा पाने वाले छात्र ना सिर्फ अमेरिका में एडमिशन लेकर डिग्री पूरी कर सकते हैं, बल्कि उन्हें 'ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग' ( OPT) और STEM OPT के जरिए प्रैक्टिकल ट्रेनिंग या कहें जॉब करने की इजाजत भी मिल जाती है। हालांकि, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की वापसी के बाद से ही अमेरिका में वीजा नियमों को लगातार बदला जा रहा है।
Video
बदलते वीजा नियमों से यहां पढ़ने वाले विदेशी छात्र काफी ज्यादा परेशान भी हैं। जैसे H-1B वीजा को लेकर भी नई फीस का ऐलान किया गया है। इसी तरह से छात्रों की संख्या भी सीमित करने की तैयारी हो रही है। यही वजह है कि F-1 वीजा पर अमेरिका पढ़ने जाने वाले छात्रों को यहां बदल रही पॉलिसी के बारे में मालूम होना चाहिए। आइए आज आपको उन चार 4 बड़े बदलावों के बारे में बताते हैं, जिनके बारे में हर भारतीय समेत विदेशी छात्र को मालूम होना चाहिए।
(1.) H-1B वीजा की नई फीस
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 19 सितंबर 2025 को H-1B वीजा की फीस बढ़ाकर 1 लाख डॉलर (लगभग 88 लाख रुपये) करने का ऐलान किया। ये फीस उन सभी विदेशी वर्कर्स के लिए होगी, जो अमेरिका से बाहर रहते हुए वीजा के लिए अप्लाई करेंगे। H-1B वीजा के जरिए टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और रिसर्च जैसे सेक्टर्स में हायरिंग की जाती है। स्टूडेंट्स भी इस वीजा के जरिए अमेरिका में जॉब कर पाते हैं।
(2.) F-1 वीजा होल्डर को H-1B की फीस से छूट
अच्छी बात ये है कि अगर कोई विदेशी छात्र F-1 वीजा पर अमेरिका में पढ़ाई कर रहा है और फिर वह यहां नौकरी करना चाहता है। इसके लिए सरकार की तरफ से उसे H-1B वीजा भी दिया जा रहा है, तो फिर उसे कोई नई फीस नहीं देनी है। इसका मतलब है कि F-1 वीजा पर पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स को H-1B वीजा पर हायर करने के लिए नई फीस से छूट मिलेगी। ये छूट तभी लागू होगी, जब स्टूडेंट के लिए आवेदन देश के भीतर से किया जाए।
(3.) H-1B की फीस से छूट का नियम भी जानें
हालांकि, अगर कोई स्टूडेंट F-1 वीजा पर अमेरिका में पढ़ाई करता है। वह यहां से डिग्री भी हासिल कर लेता है और फिर अमेरिका छोड़कर अपने देश लौट जाता है। ऐसी स्थिति में अगर वह किसी अमेरिकी कंपनी में जॉब के लिए अप्लाई करेगा, तो फिर उस पर H-1B वीजा की नई फीस लागू होगी। H-1B वीजा फीस से छूट तभी मिलेगी, जब आवदेक के लिए याचिका अमेरिका के भीतर से ही दायर की जाए।
(4.) F-1 वीजा की अवधि फिक्स करने का प्रस्ताव
पिछले महीने डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी ने प्रस्ताव दिया कि F-1 वीजा सिस्टम में बदलाव किया जाए। अभी स्टूडेंट्स को 'ड्यूरेशन ऑफ स्टेटस' के तहत पूरे कोर्स तक देश में रहने की इजाजत होती है, जब तक कि वे वीजा की शर्तें मानते हैं। प्रस्ताव में कहा गया है कि इसे बदलकर सिर्फ चार साल के लिए फिक्स कर दिया जाए। इसका मतलब है कि विदेशी छात्रों को वीजा सिर्फ चार साल के लिए मिले, भले ही उनका कोर्स उससे लंबा क्यों ना हो जाए।
Video
बदलते वीजा नियमों से यहां पढ़ने वाले विदेशी छात्र काफी ज्यादा परेशान भी हैं। जैसे H-1B वीजा को लेकर भी नई फीस का ऐलान किया गया है। इसी तरह से छात्रों की संख्या भी सीमित करने की तैयारी हो रही है। यही वजह है कि F-1 वीजा पर अमेरिका पढ़ने जाने वाले छात्रों को यहां बदल रही पॉलिसी के बारे में मालूम होना चाहिए। आइए आज आपको उन चार 4 बड़े बदलावों के बारे में बताते हैं, जिनके बारे में हर भारतीय समेत विदेशी छात्र को मालूम होना चाहिए।
(1.) H-1B वीजा की नई फीस
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 19 सितंबर 2025 को H-1B वीजा की फीस बढ़ाकर 1 लाख डॉलर (लगभग 88 लाख रुपये) करने का ऐलान किया। ये फीस उन सभी विदेशी वर्कर्स के लिए होगी, जो अमेरिका से बाहर रहते हुए वीजा के लिए अप्लाई करेंगे। H-1B वीजा के जरिए टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और रिसर्च जैसे सेक्टर्स में हायरिंग की जाती है। स्टूडेंट्स भी इस वीजा के जरिए अमेरिका में जॉब कर पाते हैं।
(2.) F-1 वीजा होल्डर को H-1B की फीस से छूट
अच्छी बात ये है कि अगर कोई विदेशी छात्र F-1 वीजा पर अमेरिका में पढ़ाई कर रहा है और फिर वह यहां नौकरी करना चाहता है। इसके लिए सरकार की तरफ से उसे H-1B वीजा भी दिया जा रहा है, तो फिर उसे कोई नई फीस नहीं देनी है। इसका मतलब है कि F-1 वीजा पर पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स को H-1B वीजा पर हायर करने के लिए नई फीस से छूट मिलेगी। ये छूट तभी लागू होगी, जब स्टूडेंट के लिए आवेदन देश के भीतर से किया जाए।
(3.) H-1B की फीस से छूट का नियम भी जानें
हालांकि, अगर कोई स्टूडेंट F-1 वीजा पर अमेरिका में पढ़ाई करता है। वह यहां से डिग्री भी हासिल कर लेता है और फिर अमेरिका छोड़कर अपने देश लौट जाता है। ऐसी स्थिति में अगर वह किसी अमेरिकी कंपनी में जॉब के लिए अप्लाई करेगा, तो फिर उस पर H-1B वीजा की नई फीस लागू होगी। H-1B वीजा फीस से छूट तभी मिलेगी, जब आवदेक के लिए याचिका अमेरिका के भीतर से ही दायर की जाए।
(4.) F-1 वीजा की अवधि फिक्स करने का प्रस्ताव
पिछले महीने डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी ने प्रस्ताव दिया कि F-1 वीजा सिस्टम में बदलाव किया जाए। अभी स्टूडेंट्स को 'ड्यूरेशन ऑफ स्टेटस' के तहत पूरे कोर्स तक देश में रहने की इजाजत होती है, जब तक कि वे वीजा की शर्तें मानते हैं। प्रस्ताव में कहा गया है कि इसे बदलकर सिर्फ चार साल के लिए फिक्स कर दिया जाए। इसका मतलब है कि विदेशी छात्रों को वीजा सिर्फ चार साल के लिए मिले, भले ही उनका कोर्स उससे लंबा क्यों ना हो जाए।
You may also like
बेगूसराय में भीषण ट्रेन हादसा, रहुआ डाला के पास ट्रेन की चपेट में आने से बच्चे सहित परिवार के चार सदस्यों की मौत
हार्दिक पांड्या की जिंदगी में नई पारी, तलाक के 1 साल बाद फिर हुआ प्यार! नई गर्लफ्रेंड संग रोमांस किया ऑफिशियल
दीपावली पर रिकॉर्ड व्यापार: उद्योग जगत ने माना, 'मेड इन इंडिया' और जीएसटी सुधारों का दिखा सीधा असर
मध्य प्रदेश : प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना से छोटे व्यापारियों की बड़ी मदद, बैतूल में कई लाभार्थी बने आत्मनिर्भर –
डीसी ने की डोरंडा पूजा पंडाल में मां काली की पूजा-अर्चना