ग्रेटर नोएडा: जेवर एयरपोर्ट परियोजना को बाधित करने और अपहरण की झूठी साजिश रचने के आरोप में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। इस साजिश का मास्टरमाइंड कैप्टन पुत्तन सिंह है, जो एक निजी एयरलाइंस में पायलट है। पुलिस के अनुसार, जेवर एयरपोर्ट से विस्थापित हंसराज, उनकी पत्नी कमलेश देवी और पुत्र सौरभ को षड्यंत्र के तहत गायब दिखाकर फर्जी अपहरण का मामला गढ़ा गया था। इसके बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट दाखिल की गई, जिससे प्रशासन और पुलिस को झूठे मामलों में फंसाया जा सके।
साजिश का मुख्य उद्देश्य एयरपोर्ट के विकास में व्यवधान उत्पन्न कर दबदबा कायम करना और उससे आर्थिक लाभ लेना था। हाई कोर्ट के आदेश पर डीसीपी ग्रेटर नोएडा के नेतृत्व में सात पुलिस टीमों का गठन किया गया। सीसीटीवी, सर्विलांस और वैज्ञानिक तरीकों की मदद से जांच की गई। जांच में पता चला कि अपहृत परिवार को कैप्टन पुत्तन सिंह, प्रमोद, पवन चौधरी, रामा देवी और सरोज बाला ने षड्यंत्र के तहत अगवा किया था।
इलाज के बहाने बंधक बनाकर रखाहंसराज और उनके परिवार को इलाज के बहाने 6 जून को आरआर कॉलोनी से ले जाकर दिल्ली के मैदान गढ़ी स्थित एक मकान में छिपाकर रखा गया। 15 जून को उन्हें बीएमडब्ल्यू की डिक्की में छिपाकर यमुना एक्सप्रेस-वे के पास लाया गया, जहां से पवन चौधरी उन्हें अपने एकांत खेत में ले गया और वहां बंधक बनाकर रखा।
पुलिस ने सकुशल किया बरामदपुलिस ने 27 जून को हंसराज, उनकी पत्नी और बेटे को सकुशल बरामद कर लिया और पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान कैप्टन पुत्तन सिंह, निवासी सेक्टर 135, नोएडा; प्रमोद, निवासी ग्राम दयानतपुर, थाना जेवर; पवन चौधरी, निवासी ग्राम दयानतपुर, थाना जेवर; रामादेवी पत्नी शंकर सिंह, निवासी मैदान गढ़ी, दिल्ली; और सरोज बाला पत्नी कैप्टन पुत्तन सिंह, निवासी सेक्टर 135, नोएडा के रूप में हुई है।
सरकारी अधिकारियों की भूमिका जांच रही पुलिसपुलिस ने अपराध में इस्तेमाल की गई बीएमडब्ल्यू कार भी बरामद कर ली है। पुलिस द्वारा कुछ सरकारी अधिकारियों की संदिग्ध भूमिका की भी जांच की जा रही है।
साजिश का मुख्य उद्देश्य एयरपोर्ट के विकास में व्यवधान उत्पन्न कर दबदबा कायम करना और उससे आर्थिक लाभ लेना था। हाई कोर्ट के आदेश पर डीसीपी ग्रेटर नोएडा के नेतृत्व में सात पुलिस टीमों का गठन किया गया। सीसीटीवी, सर्विलांस और वैज्ञानिक तरीकों की मदद से जांच की गई। जांच में पता चला कि अपहृत परिवार को कैप्टन पुत्तन सिंह, प्रमोद, पवन चौधरी, रामा देवी और सरोज बाला ने षड्यंत्र के तहत अगवा किया था।
इलाज के बहाने बंधक बनाकर रखाहंसराज और उनके परिवार को इलाज के बहाने 6 जून को आरआर कॉलोनी से ले जाकर दिल्ली के मैदान गढ़ी स्थित एक मकान में छिपाकर रखा गया। 15 जून को उन्हें बीएमडब्ल्यू की डिक्की में छिपाकर यमुना एक्सप्रेस-वे के पास लाया गया, जहां से पवन चौधरी उन्हें अपने एकांत खेत में ले गया और वहां बंधक बनाकर रखा।
पुलिस ने सकुशल किया बरामदपुलिस ने 27 जून को हंसराज, उनकी पत्नी और बेटे को सकुशल बरामद कर लिया और पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान कैप्टन पुत्तन सिंह, निवासी सेक्टर 135, नोएडा; प्रमोद, निवासी ग्राम दयानतपुर, थाना जेवर; पवन चौधरी, निवासी ग्राम दयानतपुर, थाना जेवर; रामादेवी पत्नी शंकर सिंह, निवासी मैदान गढ़ी, दिल्ली; और सरोज बाला पत्नी कैप्टन पुत्तन सिंह, निवासी सेक्टर 135, नोएडा के रूप में हुई है।
सरकारी अधिकारियों की भूमिका जांच रही पुलिसपुलिस ने अपराध में इस्तेमाल की गई बीएमडब्ल्यू कार भी बरामद कर ली है। पुलिस द्वारा कुछ सरकारी अधिकारियों की संदिग्ध भूमिका की भी जांच की जा रही है।
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