नई दिल्ली: लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि सभी विधानसभाओं की कार्यप्रणाली के मानक तय किए जाएंगे, ताकि यह देखा जा सके कि वहां कितना काम हुआ और कितने विषयों पर सार्थक चर्चा हुई। कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री असोसिएशन भारत क्षेत्र के 11वें सम्मेलन के समापन पर बिरला ने कहा कि यहां से सभी राजनीतिक दलों को स्पष्ट संदेश गया है कि सदन सिर्फ संवाद का मंच बनें, गतिरोध का नहीं।
रिसर्च विंग को किया जा रहा मजबूत
सभी विधायी संस्थाओं के पीठासीन अधिकारी एकमत है कि सार्थक संवाद से ही समाधान निकल सकता है। उन्होंने कहा कि डिबेट का स्तर लगातार गिर रहा है, इसीलिए विधायी संस्थाओं में रिसर्च विंग को मजबूत किया जा रहा है। सभी विधानसभाओं की कार्यवाही एक ही प्लैटफॉर्म पर उपलब्ध कराने के लिए डेटाबेस बनेगा।
इसके जरिए विधानसभाओं में किसी भी विषय पर हुई चर्चा की विस्तृत जानकारी सदस्यों को एक क्लिक पर मिल जाएगी। इसका मकसद सदन में डिबेट के स्तर को बढ़ाना है क्योंकि सदस्यों को उचित और पूर्ण जानकारी होगी तो वे सार्थक संवाद कर पाएंगे।
किसा दल ने नहीं दिए नाम
मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों के 30 दिन तक जेल में रहने पर पद से हटाने से जुड़े प्रस्तावित विधेयकों पर संयुक्त संसदीय समिति कब गठित होगी, इस सवाल पर बिरला ने कहा कि अभी तक किसी भी दल ने नाम नहीं दिए हैx। नाम आने के बाद ही इसका गठन हो पाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी विधेयक को लाने से पहले सभी दलों के सांसदों की ब्रीफिंग का प्रयास करेंगे, ताकि उन्हें बताया जा सके कि बिल क्यों लाया जा रहा है। इससे सदन में गतिरोध की स्थिति नहीं बनेगी।
जितना समय था उससे ज्यादा हुई चर्चा
विपक्ष की आवाज न सुने जाने के आरोप पर लोकसभा स्पीकर ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर पर जितना समय आवंटित हुआ था, सदन उससे चार घंटे अधिक चला, लेकिन गतिरोध की स्थिति बनाएंगे तो बहस का समय कैसे मिलेगा। इसी तरह मणिपुर के मुद्दे पर भी व्यापक चर्चा हुई है।
रिसर्च विंग को किया जा रहा मजबूत
सभी विधायी संस्थाओं के पीठासीन अधिकारी एकमत है कि सार्थक संवाद से ही समाधान निकल सकता है। उन्होंने कहा कि डिबेट का स्तर लगातार गिर रहा है, इसीलिए विधायी संस्थाओं में रिसर्च विंग को मजबूत किया जा रहा है। सभी विधानसभाओं की कार्यवाही एक ही प्लैटफॉर्म पर उपलब्ध कराने के लिए डेटाबेस बनेगा।
इसके जरिए विधानसभाओं में किसी भी विषय पर हुई चर्चा की विस्तृत जानकारी सदस्यों को एक क्लिक पर मिल जाएगी। इसका मकसद सदन में डिबेट के स्तर को बढ़ाना है क्योंकि सदस्यों को उचित और पूर्ण जानकारी होगी तो वे सार्थक संवाद कर पाएंगे।
किसा दल ने नहीं दिए नाम
मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों के 30 दिन तक जेल में रहने पर पद से हटाने से जुड़े प्रस्तावित विधेयकों पर संयुक्त संसदीय समिति कब गठित होगी, इस सवाल पर बिरला ने कहा कि अभी तक किसी भी दल ने नाम नहीं दिए हैx। नाम आने के बाद ही इसका गठन हो पाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी विधेयक को लाने से पहले सभी दलों के सांसदों की ब्रीफिंग का प्रयास करेंगे, ताकि उन्हें बताया जा सके कि बिल क्यों लाया जा रहा है। इससे सदन में गतिरोध की स्थिति नहीं बनेगी।
जितना समय था उससे ज्यादा हुई चर्चा
विपक्ष की आवाज न सुने जाने के आरोप पर लोकसभा स्पीकर ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर पर जितना समय आवंटित हुआ था, सदन उससे चार घंटे अधिक चला, लेकिन गतिरोध की स्थिति बनाएंगे तो बहस का समय कैसे मिलेगा। इसी तरह मणिपुर के मुद्दे पर भी व्यापक चर्चा हुई है।
You may also like
iPhone 17 Pro की जगह खरीदें Vivo X200 Pro 5G, कीमत और फीचर्स देखकर आप भी कहेंगे– सही फैसला
AI में निवेश करने के लिए इस कंपनी ने की अपने 20 प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी, जानें डिटेल्स
IND vs PAK मैच से पहले खुद के बिछाये जाल में फंसा पाकिस्तान, PCB पर लगे भ्रष्टाचार के घिनौने आरोप, अब चलेगा आईसीसी का डंडा, Video
उसने शराब पिलाई और मेरा रेप कर दिया, जब इस एक्ट्रेस के साथ डायरेक्टर ने की खौफनाक हरकत
B.Ed कोर्स हुआ खत्म, अब टीचर बनने के लिए ये 1 साल का नया कोर्स जरूरी