नई दिल्ली: भारतीय सेना (Indian Army) अब अग्निवीरों की भर्ती में एक बड़ा बदलाव करने जा रही है। अगस्त 2025 से फिजिकल टेस्ट के साथ-साथ साइकोलॉजिकल टेस्ट भी अनिवार्य होगा। यह नया नियम मध्य प्रदेश के ग्वालियर, चंबल और बुंदेलखंड जिलों में अग्निवीर भर्ती रैलियों के दौरान लागू किया जाएगा। रक्षा मंत्रालय के अधीन रक्षा मनोवैज्ञानिक अनुसंधान संस्थान (DIPR) ने यह टेस्ट तैयार किया है। इस टेस्ट का मकसद है,अग्निवीर उम्मीदवारों की मानसिक क्षमता और तनाव झेलने की शक्ति को परखना। इससे सेना को ऐसे लोगों को चुनने में मदद मिलेगी, जो सैन्य सेवा के मानसिक दबावों को अच्छी तरह से संभाल सकें और भविष्य में तनाव से जुड़ी घटनाओं को कम किया जा सके।
अग्निवीरों को मानसिक रूप से भी फिट होना जरूरी
पहले साइकोलॉजिकल टेस्ट सिर्फ एनडीए, सीडीएस या जेसीओ के जरिए आने वाले अफसरों के लिए होता था। लेकिन, पहली बार अब अग्निवीर स्तर के जवानों के लिए भी लागू किया जा रहा है। भारतीय सेना अग्निवीरों की भर्ती प्रक्रिया को और बेहतर बनाने जा रही है। अब इन्हें सिर्फ शारीरिक रूप से मजबूत होना ही काफी नहीं होगा। उम्मीदवारों को मानसिक रूप से फिट होना भी जरूरी है। इसलिए सेना ने साइकोलॉजिकल टेस्ट को अनिवार्य कर दिया है।
15 मिनट का होगा ऑनलाइन साइकोलॉजिकल टेस्ट
यह ऑनलाइन साइकोलॉजिकल टेस्ट 15 मिनट का होगा। यह फिजिकल फिटनेस टेस्ट के बाद होगा। जो उम्मीदवार 1600 मीटर की दौड़ पूरी कर लेंगे, उन्हें यह टेस्ट देना होगा। टेस्ट का लिंक उनके मोबाइल फोन पर भेजा जाएगा। अगर कोई उम्मीदवार इस टेस्ट में फेल हो जाता है, तो उसे आगे की चयन प्रक्रिया में भाग नहीं लेने दिया जाएगा।
अपने लिए बेहतर अग्निवीर चुनना चाहती है सेना
सेना का मानना है कि इस टेस्ट से उन्हें ऐसे लोगों को चुनने में मदद मिलेगी, जो सेना में होने वाले मानसिक दबावों को अच्छी तरह से संभाल पाएं। इससे भविष्य में तनाव से जुड़ी घटनाओं को कम किया जा सकेगा। सेना चाहती है कि उनके जवान शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से मजबूत हों। अभी तक, मनोवैज्ञानिक परीक्षण सिर्फ अफसरों के लिए होता था। हालांकि,अग्निवीरों के लिए टेस्ट का तरीका अफसरों के टेस्ट से अलग होगा। सेना का कहना है कि यह कदम अग्निवीरों की भर्ती प्रक्रिया को और भी बेहतर बनाएगा। इससे सेना को बेहतर जवान मिलेंगे जो देश की सेवा के लिए पूरी तरह से तैयार होंगे।
अग्निवीरों को मानसिक रूप से भी फिट होना जरूरी
पहले साइकोलॉजिकल टेस्ट सिर्फ एनडीए, सीडीएस या जेसीओ के जरिए आने वाले अफसरों के लिए होता था। लेकिन, पहली बार अब अग्निवीर स्तर के जवानों के लिए भी लागू किया जा रहा है। भारतीय सेना अग्निवीरों की भर्ती प्रक्रिया को और बेहतर बनाने जा रही है। अब इन्हें सिर्फ शारीरिक रूप से मजबूत होना ही काफी नहीं होगा। उम्मीदवारों को मानसिक रूप से फिट होना भी जरूरी है। इसलिए सेना ने साइकोलॉजिकल टेस्ट को अनिवार्य कर दिया है।
15 मिनट का होगा ऑनलाइन साइकोलॉजिकल टेस्ट
यह ऑनलाइन साइकोलॉजिकल टेस्ट 15 मिनट का होगा। यह फिजिकल फिटनेस टेस्ट के बाद होगा। जो उम्मीदवार 1600 मीटर की दौड़ पूरी कर लेंगे, उन्हें यह टेस्ट देना होगा। टेस्ट का लिंक उनके मोबाइल फोन पर भेजा जाएगा। अगर कोई उम्मीदवार इस टेस्ट में फेल हो जाता है, तो उसे आगे की चयन प्रक्रिया में भाग नहीं लेने दिया जाएगा।
अपने लिए बेहतर अग्निवीर चुनना चाहती है सेना
सेना का मानना है कि इस टेस्ट से उन्हें ऐसे लोगों को चुनने में मदद मिलेगी, जो सेना में होने वाले मानसिक दबावों को अच्छी तरह से संभाल पाएं। इससे भविष्य में तनाव से जुड़ी घटनाओं को कम किया जा सकेगा। सेना चाहती है कि उनके जवान शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से मजबूत हों। अभी तक, मनोवैज्ञानिक परीक्षण सिर्फ अफसरों के लिए होता था। हालांकि,अग्निवीरों के लिए टेस्ट का तरीका अफसरों के टेस्ट से अलग होगा। सेना का कहना है कि यह कदम अग्निवीरों की भर्ती प्रक्रिया को और भी बेहतर बनाएगा। इससे सेना को बेहतर जवान मिलेंगे जो देश की सेवा के लिए पूरी तरह से तैयार होंगे।
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