मुंबई: महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में शनिवार को विपक्ष के नेताओं ने चुनाव आयोग के खिलाफ सत्याचा माेर्चा (सत्य मार्च) किया था। इसमें उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे समेत विपक्ष के तमाम बड़े नेता शामिल हुए थे। मनसे चीफ राज ठाकरे ने कहा था कि राज्य में लाखों फर्जी वोटर्स हैं। विपक्ष के नेताओं ने कहा था कि बीजेपी की चुनाव आयोग से मिलीभगत के कारण लोकतंत्र खतरे में हैं। नेताओं ने मांग की थी पहले वोटर लिस्ट ठीक की जाए, इसके बाद ही स्थानीय निकाय के चुनाव हों। विपक्ष के नेताओं द्वारा महाराष्ट्र में फैशन स्ट्रीट से बीएमसी मुख्यालय तक मार्च निकाला था। इस पर अब मुंबई पुलिस ने एक्शन लिया है। मुंबई पुलिस ने एक विरोध मार्च के दौरान निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के आरोप में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेता बाला नांदगावकर और विपक्षी दलों के कुछ अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
पुलिस ने नहीं दी थी अनुमति
पुलिस उपायुक्त प्रवीण मुंढे ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा-223 (किसी लोक सेवक द्वारा विधिवत जारी आदेश की अवज्ञा) और बंबई पुलिस अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने पहले कहा था कि उसने शनिवार को महा विकास आघाडी (एमवीए) और मनसे की रैली के लिए अनुमति नहीं दी थी। कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के गठबंधन एमवीए ने मतदाता सूचियों में कथित अनियमितताओं के खिलाफ मनसे के साथ मिलकर ‘सत्य मार्च’ निकाला।
आजाद मैदान थाने में केस दर्ज
दक्षिण मुंबई के फैशन स्ट्रीट से शुरू हुआ यह मार्च एक किलोमीटर दूर बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) मुख्यालय पर समाप्त हुआ, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, राकांपा (एसपी) प्रमुख शरद पवार, मनसे प्रमुख राज ठाकरे और कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट ने हिस्सा लिया। विपक्षी नेताओं के भाषणों के लिए एक ट्रक पर मंच बनाया गया था। पुलिस उपायुक्त ने बताया कि मनसे नेता बाला नांदगावकर और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं व कार्यकर्ताओं के खिलाफ निषेधाज्ञा और अधिसूचित नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में आजाद मैदान थाने में मामला दर्ज किया गया है। इस मार्च में शामिल होने के लिए मनसे चीफ राज ठाकरे लोकल में बैठकर पहुंचे थे। तब बाला नांदगावकर उनके साथ मौजूद रहे थे। (एजेंसी इनपुट के साथ)
पुलिस ने नहीं दी थी अनुमति
पुलिस उपायुक्त प्रवीण मुंढे ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा-223 (किसी लोक सेवक द्वारा विधिवत जारी आदेश की अवज्ञा) और बंबई पुलिस अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने पहले कहा था कि उसने शनिवार को महा विकास आघाडी (एमवीए) और मनसे की रैली के लिए अनुमति नहीं दी थी। कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के गठबंधन एमवीए ने मतदाता सूचियों में कथित अनियमितताओं के खिलाफ मनसे के साथ मिलकर ‘सत्य मार्च’ निकाला।
आजाद मैदान थाने में केस दर्ज
दक्षिण मुंबई के फैशन स्ट्रीट से शुरू हुआ यह मार्च एक किलोमीटर दूर बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) मुख्यालय पर समाप्त हुआ, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, राकांपा (एसपी) प्रमुख शरद पवार, मनसे प्रमुख राज ठाकरे और कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट ने हिस्सा लिया। विपक्षी नेताओं के भाषणों के लिए एक ट्रक पर मंच बनाया गया था। पुलिस उपायुक्त ने बताया कि मनसे नेता बाला नांदगावकर और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं व कार्यकर्ताओं के खिलाफ निषेधाज्ञा और अधिसूचित नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में आजाद मैदान थाने में मामला दर्ज किया गया है। इस मार्च में शामिल होने के लिए मनसे चीफ राज ठाकरे लोकल में बैठकर पहुंचे थे। तब बाला नांदगावकर उनके साथ मौजूद रहे थे। (एजेंसी इनपुट के साथ)
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