लातेहारः प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन झारखंड जनमुक्ति परिषद (जेजेएमपी) संगठन के सब-जोनल कमांडर पांच लाख के इनामी ब्रजेश यादव उर्फ राकेश और एरिया कमांडर अवधेश लोहरा उर्फ रोहित ने बुधवार को लातेहार जिला मुख्यालय में पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।
ब्रजेश यादव करीब दो दशक से नक्सली गतिविधियों में सक्रिय था। पहले वो माओवादी संगठन से जुड़ा था और 2010 में गिरफ्तारी के बाद जेल गया था। 2018 में रिहा होने के बाद उसने जेजेएमपी संगठन का दामन थाम लिया और सब-जोनल कमांडर बन गया।
ब्रजेश यादव के खिलाफ 10 आपराधिक मामले दर्ज
उसके खिलाफ नक्सली हमले, हत्या, रंगदारी वसूली और अन्य मामलों में कुल 10 आपराधिक मामले दर्ज हैं। एरिया कमांडर अवधेश लोहरा पर पांच आपराधिक मामले दर्ज हैं। वह भी कई हिंसक घटनाओं और पुलिस पर हमलों में शामिल रहा है।
ब्रजेश यादव गुमला जिले के बिशनपुर थाना क्षेत्र के कठोकटवा गांव का निवासी है, जबकि अवधेश लोहरा लातेहार जिले के हेरहंज थाना क्षेत्र के बंदुवा गांव का रहने वाला है। दोनों ने पलामू रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) शैलेंद्र कुमार सिन्हा, लातेहार के पुलिस अधीक्षक कुमार गौरव, सीआरपीएफ 11वीं बटालियन के कमांडेंट यादराम बुनकर और एसएसबी 32वीं बटालियन के कमांडेंट राजेश कुमार की मौजूदगी में आत्मसमर्पण किया।
सरेंडर पॉलिसी के अनुसार चेक सौंपा गया
पुलिस अधिकारियों ने दोनों का स्वागत गुलदस्ता और बुके देकर किया। झारखंड सरकार की सरेंडर पॉलिसी के अनुसार, इनामी नक्सली ब्रजेश यादव को पांच लाख रुपये का प्रतीकात्मक चेक भी सौंपा गया। कार्यक्रम में दोनों उग्रवादियों के परिजन भी मौजूद थे। आईजी शैलेंद्र कुमार सिन्हा ने कहा कि पुलिस की लगातार कार्रवाई और जनता के सहयोग से लातेहार जिले में अब नक्सलियों का प्रभाव तेजी से घट रहा है।
इस वर्ष अब तक कुल 21 नक्सलियों का आत्मसमर्पण
उन्होंने बताया कि इस वर्ष अब तक कुल 21 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। सिन्हा ने शेष नक्सलियों से भी आत्मसमर्पण की अपील करते हुए कहा कि मुख्यधारा में लौटने वालों का स्वागत है, लेकिन हथियार उठाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। एसपी कुमार गौरव ने कहा कि पुलिस अभियानों की निरंतरता ने नक्सलियों के हौसले तोड़ दिए हैं और अब जेजेएमपी संगठन के महज चार से पांच सदस्य ही सक्रिय हैं।
ब्रजेश यादव करीब दो दशक से नक्सली गतिविधियों में सक्रिय था। पहले वो माओवादी संगठन से जुड़ा था और 2010 में गिरफ्तारी के बाद जेल गया था। 2018 में रिहा होने के बाद उसने जेजेएमपी संगठन का दामन थाम लिया और सब-जोनल कमांडर बन गया।
ब्रजेश यादव के खिलाफ 10 आपराधिक मामले दर्ज
उसके खिलाफ नक्सली हमले, हत्या, रंगदारी वसूली और अन्य मामलों में कुल 10 आपराधिक मामले दर्ज हैं। एरिया कमांडर अवधेश लोहरा पर पांच आपराधिक मामले दर्ज हैं। वह भी कई हिंसक घटनाओं और पुलिस पर हमलों में शामिल रहा है।
ब्रजेश यादव गुमला जिले के बिशनपुर थाना क्षेत्र के कठोकटवा गांव का निवासी है, जबकि अवधेश लोहरा लातेहार जिले के हेरहंज थाना क्षेत्र के बंदुवा गांव का रहने वाला है। दोनों ने पलामू रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) शैलेंद्र कुमार सिन्हा, लातेहार के पुलिस अधीक्षक कुमार गौरव, सीआरपीएफ 11वीं बटालियन के कमांडेंट यादराम बुनकर और एसएसबी 32वीं बटालियन के कमांडेंट राजेश कुमार की मौजूदगी में आत्मसमर्पण किया।
सरेंडर पॉलिसी के अनुसार चेक सौंपा गया
पुलिस अधिकारियों ने दोनों का स्वागत गुलदस्ता और बुके देकर किया। झारखंड सरकार की सरेंडर पॉलिसी के अनुसार, इनामी नक्सली ब्रजेश यादव को पांच लाख रुपये का प्रतीकात्मक चेक भी सौंपा गया। कार्यक्रम में दोनों उग्रवादियों के परिजन भी मौजूद थे। आईजी शैलेंद्र कुमार सिन्हा ने कहा कि पुलिस की लगातार कार्रवाई और जनता के सहयोग से लातेहार जिले में अब नक्सलियों का प्रभाव तेजी से घट रहा है।
इस वर्ष अब तक कुल 21 नक्सलियों का आत्मसमर्पण
उन्होंने बताया कि इस वर्ष अब तक कुल 21 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। सिन्हा ने शेष नक्सलियों से भी आत्मसमर्पण की अपील करते हुए कहा कि मुख्यधारा में लौटने वालों का स्वागत है, लेकिन हथियार उठाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। एसपी कुमार गौरव ने कहा कि पुलिस अभियानों की निरंतरता ने नक्सलियों के हौसले तोड़ दिए हैं और अब जेजेएमपी संगठन के महज चार से पांच सदस्य ही सक्रिय हैं।
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