मनीष सिंह, नोएडा: उत्तर प्रदेश के नोएडा में पिछले करीब तीन हफ्तों से चल रही पानी की किल्लत अब जल्द खत्म होने जा रही है। मंगलवार शाम हरिद्वार से गंगनहर में पानी छोड़ा गया है, जो बुधवार शाम तक गाजियाबाद पहुंच जाएगा। इसके बाद गुरुवार और शुक्रवार को नोएडा में पानी को जमा किया जाएगा। रविवार से शहर में सामान्य मात्रा में पानी की आपूर्ति शुरू होने की संभावना है।
दशहरे के दिन से गंगनहर की सफाई की वजह से गंगाजल की आपूर्ति रोक दी गई थी। इसके चलते नोएडा में गंगाजल की सप्लाई पूरी तरह ठप पड़ गई और शहर में पानी की किल्लत पैदा हो गई। सामान्यतः नोएडा को करीब 100 क्यूसेक यानी लगभग 240 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रति दिन) गंगाजल मिलता है, जबकि शहर की कुल आवश्यकता 450 एमएलडी से अधिक है। अधिकारियों के अनुसार, 240 एमएलडी गंगाजल के अलावा 110 एमएलडी पानी नलकूपों से और 100 एमएलडी पानी रैनीवेल के माध्यम से उपलब्ध कराया जाता है।
नोएडा को गंगाजल की आपूर्ति गाजियाबाद स्थित प्रताप विहार और सिद्धार्थ विहार के दो प्लांटों से होती है, जहां से क्रमशः 80 और 20 क्यूसेक पानी भेजा जाता है। मंगलवार शाम गंगनहर में दोबारा पानी छोड़ा गया। नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार, बुधवार शाम तक गंगाजल गाजियाबाद प्लांट तक पहुंचने की उम्मीद है। इसके बाद गुरुवार से नोएडा में इसकी आपूर्ति शुरू की जाएगी।
शुरुआती दो दिनों तक पानी को स्टोर किया जाएगा, हालांकि गुरुवार से सीमित मात्रा में गंगाजल की सप्लाई दी जाएगी। शनिवार से पूर्ण रूप से गंगाजल की जलापूर्ति शुरू हो जाएगी, जिससे शहर में पानी की दिक्कत खत्म हो जाएगी। फिलहाल लोगों को केवल ट्यूबवेल और रैनीवेल के जरिये पानी मिल रहा है, जिसके तहत सुबह और शाम लगभग 4 से 5 घंटे ही आपूर्ति हो पाती है।
सिल्ट की सफाई के लिए पानी को रोका गया था। हालांकि, हर साल ऊंची इमारतों में दबाव की समस्या बनी रहती है। सबसे ज्यादा परेशानी हाइराइज बिल्डिंग्स के साथ-साथ सेक्टर-12, 20 और पुराने सेक्टरों में होती है। जहां पानी की आपूर्ति कम होती है, वहां प्राधिकरण टैंकर से पानी पहुंचाएगा।
दशहरे के दिन से गंगनहर की सफाई की वजह से गंगाजल की आपूर्ति रोक दी गई थी। इसके चलते नोएडा में गंगाजल की सप्लाई पूरी तरह ठप पड़ गई और शहर में पानी की किल्लत पैदा हो गई। सामान्यतः नोएडा को करीब 100 क्यूसेक यानी लगभग 240 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रति दिन) गंगाजल मिलता है, जबकि शहर की कुल आवश्यकता 450 एमएलडी से अधिक है। अधिकारियों के अनुसार, 240 एमएलडी गंगाजल के अलावा 110 एमएलडी पानी नलकूपों से और 100 एमएलडी पानी रैनीवेल के माध्यम से उपलब्ध कराया जाता है।
नोएडा को गंगाजल की आपूर्ति गाजियाबाद स्थित प्रताप विहार और सिद्धार्थ विहार के दो प्लांटों से होती है, जहां से क्रमशः 80 और 20 क्यूसेक पानी भेजा जाता है। मंगलवार शाम गंगनहर में दोबारा पानी छोड़ा गया। नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार, बुधवार शाम तक गंगाजल गाजियाबाद प्लांट तक पहुंचने की उम्मीद है। इसके बाद गुरुवार से नोएडा में इसकी आपूर्ति शुरू की जाएगी।
शुरुआती दो दिनों तक पानी को स्टोर किया जाएगा, हालांकि गुरुवार से सीमित मात्रा में गंगाजल की सप्लाई दी जाएगी। शनिवार से पूर्ण रूप से गंगाजल की जलापूर्ति शुरू हो जाएगी, जिससे शहर में पानी की दिक्कत खत्म हो जाएगी। फिलहाल लोगों को केवल ट्यूबवेल और रैनीवेल के जरिये पानी मिल रहा है, जिसके तहत सुबह और शाम लगभग 4 से 5 घंटे ही आपूर्ति हो पाती है।
सिल्ट की सफाई के लिए पानी को रोका गया था। हालांकि, हर साल ऊंची इमारतों में दबाव की समस्या बनी रहती है। सबसे ज्यादा परेशानी हाइराइज बिल्डिंग्स के साथ-साथ सेक्टर-12, 20 और पुराने सेक्टरों में होती है। जहां पानी की आपूर्ति कम होती है, वहां प्राधिकरण टैंकर से पानी पहुंचाएगा।
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