रश्मि खत्री, देहरादून: उत्तराखंड में नमक में रेत की मिलावट का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि अब सेनेटरी पैड को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने मोर्चा खोल दिया है। इन आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को सेनेटरी पैड बेचने के लिए बड़े-बड़े कट्टे थमा दिए गए हैं। जिस पर इनका गुस्सा फूट पड़ा है। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने विभाग पर शोषण करने का आरोप लगाया है।
उत्तराखंड पिछले दिनों सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान पर रेत मिला नमक मिलने से प्रदेश भर में बवाल मचा हुआ था। अभी यह मामला शांत भी नहीं हुआ है और अब सेनेटरी पैड बेचने के मामले में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का पारा चढ़ा हुआ है। सरकार ने इन्हें सेनेटरी पैड बेचने का काम सौंपा है। इस मामले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सेविका और मिनी कर्मचारी संगठन की प्रदेश अध्यक्ष रेखा नेगी का कहना है कि विभाग ने आज उन्हें ये कट्टे थमा दिए हैं और अब आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से बेचने लिए कहा जा रहा है।
रेखा नेगी का कहना है कि पहले सरकार ने इसे निशुल्क देने की घोषणा की थी, लेकिन आज सरकार इनका पैसा ले रही है। उनका आरोप है कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को सेनेटरी पैड बेचने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इसके साथ ही नेगी ने सवाल उठाया है कि अब सरकार ये भी बता दे कि आंगनबाड़ी की बहनें इन सेनेटरी पैड को बेचने के लिए कहां बैठे। वहीं, जब वे महिलाओं से इन सेनेटरी पैड को खरीदने के लिए कह रहे हैं तो उनका साफ कहना होता है कि इनकी क्वालिटी बेहद घटिया है, इसीलिए वे इन्हें नहीं खरीदती हैं।
संगठन की प्रदेश अध्यक्ष रेखा नेगी का कहना है कि सरकार ये सेनेटरी पैड निशुल्क बांटने के लिए दें। इस तरह से पैसे बढ़ा कर बेचने का दबाव बनाकर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का षोशण किया जा रहा है। वहीं, अन्य आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का कहना है कि पहले सेनेटरी पैड का एक पैकेट छह रुपये में बेचा जाता था, जिसमें से पांच रुपये विभाग में जमा करने होते थे और एक रुपये आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को मिलते थे, लेकिन अब इसके दाम बढ़ा कर 15 रुपये कर दिए गए हैं, जिस पर लोगों ने इसे खरीदने से इनकार कर दिया है।
उत्तराखंड पिछले दिनों सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान पर रेत मिला नमक मिलने से प्रदेश भर में बवाल मचा हुआ था। अभी यह मामला शांत भी नहीं हुआ है और अब सेनेटरी पैड बेचने के मामले में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का पारा चढ़ा हुआ है। सरकार ने इन्हें सेनेटरी पैड बेचने का काम सौंपा है। इस मामले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सेविका और मिनी कर्मचारी संगठन की प्रदेश अध्यक्ष रेखा नेगी का कहना है कि विभाग ने आज उन्हें ये कट्टे थमा दिए हैं और अब आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से बेचने लिए कहा जा रहा है।
रेखा नेगी का कहना है कि पहले सरकार ने इसे निशुल्क देने की घोषणा की थी, लेकिन आज सरकार इनका पैसा ले रही है। उनका आरोप है कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को सेनेटरी पैड बेचने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इसके साथ ही नेगी ने सवाल उठाया है कि अब सरकार ये भी बता दे कि आंगनबाड़ी की बहनें इन सेनेटरी पैड को बेचने के लिए कहां बैठे। वहीं, जब वे महिलाओं से इन सेनेटरी पैड को खरीदने के लिए कह रहे हैं तो उनका साफ कहना होता है कि इनकी क्वालिटी बेहद घटिया है, इसीलिए वे इन्हें नहीं खरीदती हैं।
संगठन की प्रदेश अध्यक्ष रेखा नेगी का कहना है कि सरकार ये सेनेटरी पैड निशुल्क बांटने के लिए दें। इस तरह से पैसे बढ़ा कर बेचने का दबाव बनाकर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का षोशण किया जा रहा है। वहीं, अन्य आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का कहना है कि पहले सेनेटरी पैड का एक पैकेट छह रुपये में बेचा जाता था, जिसमें से पांच रुपये विभाग में जमा करने होते थे और एक रुपये आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को मिलते थे, लेकिन अब इसके दाम बढ़ा कर 15 रुपये कर दिए गए हैं, जिस पर लोगों ने इसे खरीदने से इनकार कर दिया है।
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