अहमदाबाद: गुजरात के अहमदाबाद में प्लेन क्रैश हादसे के 10 दिन बाद अब सिविल अस्पताल में गहमागहमी नहीं। आठ परिवारों को छोड़कर तमाम मृतकों की फैमिली शवों को लेकर जा चुकी हैं लेकिन बी जे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल के पास चाय की दुकान चलाने वाली सीता बेन अब जिंदगी से संघर्ष कर रही हैं। प्लेन क्रैश वाले दिन अपने 14 साल के बेटे आकाश को बचाने के लिए आग में कूदी सीताबेन अब ठीक हो रही हैं, हालांकि 60 फीसदी झुलस जाने के बाद उनकी अभी तक रिकवरी 40 फीसदी हो पाई है। सीताबेन को अभी भी आगे काफी दिन अस्पताल में रहना होगा।
सिविल अस्पताल में जिंदगी से जंग
प्लेन क्रैश हादसे की जद में आए आकाश के पिता सुरेश भाई पटनी ने नवभारत टाइम्स को बताया कि इस हादसे ने उनकी पूरी दुनिया उजाड़ दी। सुरेश बात करते हुए रो पड़े। बोले-मैंने ही उस दिन बेटे को टिफिन लेकर खाना देने के लिए भेजा था। हॉस्टल की बिल्डिंग पर जब प्लेन क्रैश हुआ तो उसका विमान का पंखा आकाश के पास ही गिरा। इसके बाद उसकी मौत हो गई। सुरेश अपने बेटे की अंतिम विधि कर चुके हैं। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि हादसे में जिस पिता ने अपने छोटे बेटे को खो दिया है वह अब सिविल अस्पताल में पत्नी सीताबेन के ठीक होने का इंतजार कर रहा है। सीताबेन की सर्जरी के 40 फीसदी ठीक हुई हैं लेकिन अत्याधिक जलने के कारण अभी वह चल-फिर नहीं पा रही हैं।
वायरल हुआ था सीताबेन का वीडियो
अहमदाबाद मेघाणीनगर स्थित बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर जब एयर इंडिया का लंदन जा रहा ड्रीमलाइनर विमान क्रैश हुआ था तब एक वीडियो सामने आया था। इसमें एक महिला अपने बेटे को बचाने के लिए दौड़ रही थी और मदद की गुहार लगा रही थी। महिला की पहचान सीता बेन पटनी के तौर पर हुई थी। जो चाय की दुकान पर सो गए अपने बेटे को बचाने के लिए आग मे कूद गई थी। सचमुच सीता मां की तरह। अलग मे झुलसी सीताबेन को बाद में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हादसे के बाद आकाश के पिता सुरेश भाई पटनी ने बताया था कि वह घर पर थे, उन्होंने आकाश को टिफिन लेकर मां के पास भेजा था। पिता की मानें जब प्लेन क्रैश हुआ तो पत्नी सीता खान खा रही थी और बेटा चारपाई पर सो रहा था। अब परिवार में सिर्फ एक बेटा बचा है। जो आकाश से बड़ा है।
सिविल अस्पताल में जिंदगी से जंग
प्लेन क्रैश हादसे की जद में आए आकाश के पिता सुरेश भाई पटनी ने नवभारत टाइम्स को बताया कि इस हादसे ने उनकी पूरी दुनिया उजाड़ दी। सुरेश बात करते हुए रो पड़े। बोले-मैंने ही उस दिन बेटे को टिफिन लेकर खाना देने के लिए भेजा था। हॉस्टल की बिल्डिंग पर जब प्लेन क्रैश हुआ तो उसका विमान का पंखा आकाश के पास ही गिरा। इसके बाद उसकी मौत हो गई। सुरेश अपने बेटे की अंतिम विधि कर चुके हैं। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि हादसे में जिस पिता ने अपने छोटे बेटे को खो दिया है वह अब सिविल अस्पताल में पत्नी सीताबेन के ठीक होने का इंतजार कर रहा है। सीताबेन की सर्जरी के 40 फीसदी ठीक हुई हैं लेकिन अत्याधिक जलने के कारण अभी वह चल-फिर नहीं पा रही हैं।
वायरल हुआ था सीताबेन का वीडियो
अहमदाबाद मेघाणीनगर स्थित बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर जब एयर इंडिया का लंदन जा रहा ड्रीमलाइनर विमान क्रैश हुआ था तब एक वीडियो सामने आया था। इसमें एक महिला अपने बेटे को बचाने के लिए दौड़ रही थी और मदद की गुहार लगा रही थी। महिला की पहचान सीता बेन पटनी के तौर पर हुई थी। जो चाय की दुकान पर सो गए अपने बेटे को बचाने के लिए आग मे कूद गई थी। सचमुच सीता मां की तरह। अलग मे झुलसी सीताबेन को बाद में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हादसे के बाद आकाश के पिता सुरेश भाई पटनी ने बताया था कि वह घर पर थे, उन्होंने आकाश को टिफिन लेकर मां के पास भेजा था। पिता की मानें जब प्लेन क्रैश हुआ तो पत्नी सीता खान खा रही थी और बेटा चारपाई पर सो रहा था। अब परिवार में सिर्फ एक बेटा बचा है। जो आकाश से बड़ा है।
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