गाजियाबाद: गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने शाहबेरी फ्लाईओवर प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। इस मंजूरी के बाद फ्लाईओवर का 200 मीटर लंबा रैंप गाजियाबाद की जमीन पर बन सकेगा। इस कदम से ग्रेटर नोएडा वेस्ट में ट्रैफिक के दबाव को कम करने में मदद मिलेगी। जीडीए से मंजूरी न मिलने की वजह से इस प्रोजेक्ट पर काम नहीं हो सका था।
अब जीडीए की एनओसी मिलने के बाद ग्रेनो प्राधिकरण ने डीपीआर बनवाने का काम शुरू कर दिया है। जल्द ही एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) जारी किया जाएगा। बजट और निर्माण एजेंसी के चुनाव के लिए सरकार को प्रस्ताव भेज दिया गया है।
असल में ग्रेनो वेस्ट में वाहनों का दबाव बढ़ रहा है, इसलिए नोएडा एयरपोर्ट से बेहतर कनेक्टिविटी के लिए यह योजना बनाई जा रही है। ग्रेटर नोएडा, नोएडा और गाजियाबाद के बीच होने के कारण ग्रेनो वेस्ट में ट्रैफिक की समस्या बढ़ रही है। अक्सर यहां जाम लग जाता है। इस समस्या को दूर करने के लिए ही शाहबेरी गांव में गाजियाबाद को जोड़ने वाली सड़क पर फ्लाईओवर बनाने की योजना है।
जीडीए से एनओसी न मिलने के कारण यह प्रोजेक्ट रुका हुआ था। पहले, जीडीए इस दो किलोमीटर लंबे फ्लाईओवर को सीधा एनएच-24 से जोड़ने के लिए तैयार नहीं था। उसके बाद प्राधिकरण ने 200 मीटर लंबा रैंप उतारने की एनओसी मांगी। अब जीडीए ने अपने इलाके में रैंप बनाने की परमिशन दे दी है।
रैंप बनाने के साथ ही क्रॉसिंग रिपब्लिक में नाले को भी ढका जाएगा। इससे फ्लाईओवर से उतरने के बाद गाड़ियां आसानी से आगे जा सकेंगी। फ्लाईओवर के निर्माण और बजट का फैसला सरकार करेगी। यह भी कहा जा रहा है कि एनएचएआई इसका बजट देगा। बजट और निर्माण का प्रस्ताव सरकार को भेजा जा चुका है। जीडीए ने इस पर खर्च करने से मना कर दिया था।
शाहबेरी में गाजियाबाद जाने वाले रास्ते पर फ्लाईओवर बनाने के प्रोजेक्ट की फिजिबिलिटी रिपोर्ट आईआईटी रुड़की ने तैयार की थी। इस रिपोर्ट में ट्रैफिक, फ्लाईओवर की लंबाई, मिट्टी की जांच, निर्माण में आने वाली रुकावटें और अन्य बातों को देखा गया। फ्लाईओवर की चौड़ाई 7.5 मीटर से ज्यादा होगी।
हाल ही में प्राधिकरण ने शाहबेरी के रास्ते को चौड़ा किया था, ताकि जाम से राहत मिल सके। लेकिन इसका ज्यादा फायदा नहीं हुआ। अब भी जाम लग रहा है, जबकि इस बीच कुछ कट भी बंद किए गए थे। इस रास्ते से हर दिन 10-15 हजार गाड़ियां गुजरती हैं। एयरपोर्ट शुरू होने के बाद यह संख्या और बढ़ सकती है।
अधिकारियों का कहना है कि जीडीए से एनओसी मिलने के बाद अब काम तेजी से आगे बढ़ेगा। उनका लक्ष्य है कि जल्द से जल्द फ्लाईओवर का निर्माण शुरू हो सके, ताकि लोगों को जाम से मुक्ति मिल सके।
अब जीडीए की एनओसी मिलने के बाद ग्रेनो प्राधिकरण ने डीपीआर बनवाने का काम शुरू कर दिया है। जल्द ही एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) जारी किया जाएगा। बजट और निर्माण एजेंसी के चुनाव के लिए सरकार को प्रस्ताव भेज दिया गया है।
असल में ग्रेनो वेस्ट में वाहनों का दबाव बढ़ रहा है, इसलिए नोएडा एयरपोर्ट से बेहतर कनेक्टिविटी के लिए यह योजना बनाई जा रही है। ग्रेटर नोएडा, नोएडा और गाजियाबाद के बीच होने के कारण ग्रेनो वेस्ट में ट्रैफिक की समस्या बढ़ रही है। अक्सर यहां जाम लग जाता है। इस समस्या को दूर करने के लिए ही शाहबेरी गांव में गाजियाबाद को जोड़ने वाली सड़क पर फ्लाईओवर बनाने की योजना है।
जीडीए से एनओसी न मिलने के कारण यह प्रोजेक्ट रुका हुआ था। पहले, जीडीए इस दो किलोमीटर लंबे फ्लाईओवर को सीधा एनएच-24 से जोड़ने के लिए तैयार नहीं था। उसके बाद प्राधिकरण ने 200 मीटर लंबा रैंप उतारने की एनओसी मांगी। अब जीडीए ने अपने इलाके में रैंप बनाने की परमिशन दे दी है।
रैंप बनाने के साथ ही क्रॉसिंग रिपब्लिक में नाले को भी ढका जाएगा। इससे फ्लाईओवर से उतरने के बाद गाड़ियां आसानी से आगे जा सकेंगी। फ्लाईओवर के निर्माण और बजट का फैसला सरकार करेगी। यह भी कहा जा रहा है कि एनएचएआई इसका बजट देगा। बजट और निर्माण का प्रस्ताव सरकार को भेजा जा चुका है। जीडीए ने इस पर खर्च करने से मना कर दिया था।
शाहबेरी में गाजियाबाद जाने वाले रास्ते पर फ्लाईओवर बनाने के प्रोजेक्ट की फिजिबिलिटी रिपोर्ट आईआईटी रुड़की ने तैयार की थी। इस रिपोर्ट में ट्रैफिक, फ्लाईओवर की लंबाई, मिट्टी की जांच, निर्माण में आने वाली रुकावटें और अन्य बातों को देखा गया। फ्लाईओवर की चौड़ाई 7.5 मीटर से ज्यादा होगी।
हाल ही में प्राधिकरण ने शाहबेरी के रास्ते को चौड़ा किया था, ताकि जाम से राहत मिल सके। लेकिन इसका ज्यादा फायदा नहीं हुआ। अब भी जाम लग रहा है, जबकि इस बीच कुछ कट भी बंद किए गए थे। इस रास्ते से हर दिन 10-15 हजार गाड़ियां गुजरती हैं। एयरपोर्ट शुरू होने के बाद यह संख्या और बढ़ सकती है।
अधिकारियों का कहना है कि जीडीए से एनओसी मिलने के बाद अब काम तेजी से आगे बढ़ेगा। उनका लक्ष्य है कि जल्द से जल्द फ्लाईओवर का निर्माण शुरू हो सके, ताकि लोगों को जाम से मुक्ति मिल सके।
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