रीवा: मध्य प्रदेश में संभवता: पहली दफा किसी IG स्तर के अधिकारी ने अधिनस्थ पुलिस अधिकारियों को नशे की बिक्री को लेकर खुले मंच से फटकार लगाई है। रीवा के आईजी ने अधिकारियों को आईना दिखाते हुए कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि गली-गली में नशा बिक रहा है, शीशियां पड़ी हों और थाना प्रभारियों को पता न हो? उन्होंने कहा कि मेरे पास ऐसे अधिकारियों की सूची है, सुधर जाएं...
रीवा रेंज के आईजी गौरव राजपूत ने 'ऑपरेशन प्रहार 2' की शुरुआत करते हुए नशे के अवैध कारोबार में संलिप्त पुलिसकर्मियों और थाना प्रभारियों को कड़ी फटकार लगाई। आईजी ने स्पष्ट कहा कि हर जगह नशीली सिरप की शीशियां मिलने पर थाना प्रभारी अनजान नहीं रह सकते, और उन्होंने ऐसे कर्मियों को 15 दिन में सुधरने या गंभीर परिणाम भुगतने की अंतिम चेतावनी दी। उन्होंने जोर दिया कि अब किसी भी तरह की लापरवाही या संलिप्तता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
हर गली-मोहल्ले में सिरप की शीशियां, थानेदार अनजान कैसे?
आईजी राजपूत ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यह संभव नहीं है कि हर गली-मोहल्ले में नशीली कफ सिरप की शीशियां पड़ी हों और थाना प्रभारियों को इसकी जानकारी न हो। उन्होंने संलिप्त पुलिस कर्मियों को आगाह करते हुए कहा कि पिछले चार महीनों में हमने ऐसे लोगों की सूची तैयार कर ली है जो तालाब को गंदा करने का काम करते हैं।
सुधर जाएं, वरना बुरे अंजाम के लिए स्वयं जिम्मेदार
आईजी ने चेतावनी दी कि जो पुलिसकर्मी इस अवैध गतिविधि में लिप्त हैं, वे समय रहते सुधर जाएं, अन्यथा इस अभियान के शुरू होने के 15 दिन बाद वे अपने बुरे अंजाम के लिए स्वयं जिम्मेदार होंगे। उन्होंने कहा, अब तक जो हुआ सो हुआ।
अगर थाना दिया है तो नशे से मुक्त करना पड़ेगा
अब बिल्कुल भी गलती, लापरवाही या संलिप्तता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अगर आपको थाना दिया गया है, तो आपको अपने थाना क्षेत्र को मेडिकल नशे से मुक्त करना पड़ेगा। सबसे अहिम बात आईजी ने पुलिसकर्मियों को अपनी सामूहिक जवाबदारी का अहसास कराते हुए कहा कि नशे को जड़ से खत्म करने के लिए सभी के परिश्रम की आवश्यक है, ताकि समाज उन्हें लज्जा की नजर से न देखे।
रीवा रेंज के आईजी गौरव राजपूत ने 'ऑपरेशन प्रहार 2' की शुरुआत करते हुए नशे के अवैध कारोबार में संलिप्त पुलिसकर्मियों और थाना प्रभारियों को कड़ी फटकार लगाई। आईजी ने स्पष्ट कहा कि हर जगह नशीली सिरप की शीशियां मिलने पर थाना प्रभारी अनजान नहीं रह सकते, और उन्होंने ऐसे कर्मियों को 15 दिन में सुधरने या गंभीर परिणाम भुगतने की अंतिम चेतावनी दी। उन्होंने जोर दिया कि अब किसी भी तरह की लापरवाही या संलिप्तता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
हर गली-मोहल्ले में सिरप की शीशियां, थानेदार अनजान कैसे?
आईजी राजपूत ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यह संभव नहीं है कि हर गली-मोहल्ले में नशीली कफ सिरप की शीशियां पड़ी हों और थाना प्रभारियों को इसकी जानकारी न हो। उन्होंने संलिप्त पुलिस कर्मियों को आगाह करते हुए कहा कि पिछले चार महीनों में हमने ऐसे लोगों की सूची तैयार कर ली है जो तालाब को गंदा करने का काम करते हैं।
सुधर जाएं, वरना बुरे अंजाम के लिए स्वयं जिम्मेदार
आईजी ने चेतावनी दी कि जो पुलिसकर्मी इस अवैध गतिविधि में लिप्त हैं, वे समय रहते सुधर जाएं, अन्यथा इस अभियान के शुरू होने के 15 दिन बाद वे अपने बुरे अंजाम के लिए स्वयं जिम्मेदार होंगे। उन्होंने कहा, अब तक जो हुआ सो हुआ।
अगर थाना दिया है तो नशे से मुक्त करना पड़ेगा
अब बिल्कुल भी गलती, लापरवाही या संलिप्तता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अगर आपको थाना दिया गया है, तो आपको अपने थाना क्षेत्र को मेडिकल नशे से मुक्त करना पड़ेगा। सबसे अहिम बात आईजी ने पुलिसकर्मियों को अपनी सामूहिक जवाबदारी का अहसास कराते हुए कहा कि नशे को जड़ से खत्म करने के लिए सभी के परिश्रम की आवश्यक है, ताकि समाज उन्हें लज्जा की नजर से न देखे।
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